• December 27, 2025

राहुल गांधी की जर्मनी यात्रा पर बीजेपी का तंज: “लीडर ऑफ पर्यटन”, प्रियंका का पलटवार – “मोदी आधा समय बाहर रहते हैं”

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी 15 से 20 दिसंबर तक जर्मनी के बर्लिन में भारतीय प्रवासी कांग्रेस के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। सत्र 19 दिसंबर को समाप्त हो रहा है, जिसके कारण भाजपा ने राहुल की विदेश यात्रा पर निशाना साधा है। भाजपा नेताओं ने उन्हें “लीडर ऑफ पर्यटन” करार देते हुए कर्तव्य की उपेक्षा का आरोप लगाया, तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पलटवार करते हुए पीएम मोदी की विदेश यात्राओं का जिक्र किया।भाजपा का हमला: “राहुल गैर-जिम्मेदार, भारत बदनाम करने जा रहे”भाजपा ने राहुल की यात्रा को संसदीय कर्तव्यों की अनदेखी बताया।
प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सोशल मीडिया पर तीखा प्रहार किया:

  • “राहुल गांधी LOP हैं – लीडर ऑफ पर्यटन! गंभीरता की कमी वाले नेता, हमेशा छुट्टी मोड में। बिहार चुनाव के समय जंगल सफारी पर थे, अब सत्र के बीच विदेश टूर।”
  • “जर्मनी में भारत के खिलाफ जहर उगलने का प्लान? यह भारत बदनामी ब्रिगेड का दौरा लगता है।”

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी सवाल उठाए:

  • “सत्र के दौरान राहुल विदेश में बिताते हैं, फिर शिकायत करते हैं कि बोलने का मौका नहीं मिला। बिहार चुनाव में भी बाहर थे – अंशकालिक नेता हैं।”
  • जोशी ने कर्नाटक, झारखंड और तेलंगाना की जीतों पर राहुल के बयानों का जिक्र करते हुए कहा, “जीत पर क्रेडिट खुद लो, हार पर ईवीएम-चुनाव आयोग को दोष दो।”

भाजपा का आरोप है कि राहुल की प्राथमिकताएं गलत हैं और वे संसद की बजाय विदेशी दौरों को तरजीह देते हैं।प्रियंका का जवाब: “मोदी आधा समय बाहर, विपक्ष पर सवाल क्यों?”कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भाई का बचाव करते हुए भाजपा पर करारा जवाब दिया:

  • “पीएम नरेंद्र मोदी अपना कार्यकाल का लगभग आधा समय देश से बाहर बिताते हैं, तो विपक्ष के नेता की यात्रा पर सवाल क्यों? यह दोहरा मापदंड है।”

प्रियंका ने राहुल की जर्मनी यात्रा को भारतीय प्रवासियों से जुड़े कार्यक्रम का हिस्सा बताया, जो पार्टी की वैश्विक पहुंच मजबूत करने का प्रयास है।पृष्ठभूमि: शीत सत्र में बढ़ा राजनीतिक तनावशीतकालीन सत्र में विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर रहा है। राहुल की यात्रा इस बीच विवादास्पद बनी हुई है, क्योंकि सत्र के अंतिम दिनों में महत्वपूर्ण बहसें होनी हैं। कांग्रेस का कहना है कि यह निजी और पार्टी से जुड़ा दौरा है, जबकि भाजपा इसे “गैर-जिम्मेदारी” का प्रतीक बता रही है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यह विवाद 2026 के चुनावी दलों को और धार देगा।

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