सुभाष चंद्र बोस मॉ भारती के सच्चे सेनानायक थे : राजेश केसरवानी

सुभाष चंद्र बोस मॉ भारती के सच्चे सेनानायक थे। भारत की आजादी में सुभाष चंद्र बोस का सैन्य शक्ति के रूप में सबसे बड़ा योगदान था और यही वह ताकत थी जिससे अंग्रेजी सरकार को भारत छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। क्योंकि नेताजी के ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ के आह्वान पर देश का नौजवान स्वतंत्रता के लिए खड़ा हो गया था।
यह बातें शुक्रवार को अमर क्रांतिकारी श्रद्धांजलि ग्रुप द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पार्क में सुभाष चंद्र बोस की 78वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के उपरान्त श्रद्धांजलि ग्रुप के अध्यक्ष राजेश केसरवानी ने कही। उन्होंने बताया कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को कटक में हुआ था। कहा कि सुभाष चंद्र बोस का जय हिंद का नारा एक क्रांति की गूंज बनी। देश की आजादी के लिए सुभाष चंद्र बोस के आजाद हिंद फौज की स्थापना की, जो अंग्रेजी सरकार के लिए भारत छोड़ने के लिए ताबूत की आखिरी कील साबित हुई। उनकी मृत्यु 18 जनवरी 1945 को ताइपे में विमान दुर्घटना के कारण हुई थी।
कार्यक्रम के संयोजक अभिलाष केसरवानी रहे। श्रद्धांजलि देने वालों में कुसुमलता जायसवाल, विकास चौरसिया, शिवांश भार्गव, अजय अग्रहरि, शत्रुघ्न जायसवाल, सचिन गुप्ता, हरीश मिश्रा, कमलेश केशरवानी, किशन चंद्र जायसवाल, नीरज केसरवानी, सुमित केसरवानी आदि उपस्थित रहे।
