बिहार में बढ़ते अपराधों के खिलाफ विपक्षी गठबंधन का विरोध मार्च
-तेजस्वी ने कहा, यहां आम छोड़िए, खास भी सुरक्षित नहीं
पटना, 20 जुलाई । बिहार में अपराध की बढ़ती घटनाओं के विरोध में विपक्षी दलों ने संयुक्त रूप से राजधानी पटना और सभी जिला मुख्यालयों पर शनिवार को प्रतिरोध मार्च निकाला। इस मौके पर यहां नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार की जदयू भाजपा (एनडीए) सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि अपराधी बेलगाम हो चुके हैं। राज्य में आम आदमी को छोड़िए, यहां तो जन प्रतिनिधि का परिवार भी सुरक्षित नहीं है।
विपक्षी दलों ने पटना में वीरचंद पटेल पथ स्थित राजद दफ्तर से सुबह 10 बजे विरोध मार्च निकाला। यह मार्च डाकबंगला चौराहा होते हुए समाहरणालय तक गया।
बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने विरोध मार्च के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि बिहार में बढ़ती आपराधिक घटनाओं पर सरकार मौन है। सरकार हाई लेवल मीटिंग करती है। इसके बावजूद आपराधिक घटनाएं नहीं थम रही है। सरकार को इसका जवाब देना होगा। इसका जवाब हम लोग बिहार विधानसभा सत्र में भी लेंगे। जब बिहार के नेता के परिवार ही सुरक्षित नहीं है, जनता सुरक्षित नहीं है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गद्दी पर क्यों बैठे हैं? आने वाला विधानसभा चुनाव 2025 में इसका अंजाम नीतीश कुमार को भुगतना पड़ेगा।
पटना में कांग्रेस नेता शकील अहमद खान ने मार्च करने के दौरान कहा कि विपक्ष की बड़ी भूमिका होती है। हमें इस मार्च से रोका गया और डाकबंगला चौराहा तक भी नहीं जाने देना, ये गलत है। अपराध पर हर हाल में नियंत्रण हो। पूरे देश खासकर बिहार में कानून-व्यवस्था की जो हालत बनी है, उसके विरोध में पूरा महागठबंधन एकजुट होकर सड़क पर उतरा है। अपना आक्रोश और प्रतिरोध व्यक्त करने हम सड़क पर उतरे हैं। वीआईपी पार्टी के कार्यकर्ता अपनी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा देने की मांग करते दिखे। हाल में ही मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या कर दी गयी है, जिसकी जांच जारी है। अबतक चार आरोपितों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।