बिहार विधानसभा चुनाव 2025: सबसे अमीर प्रत्याशी कौन? तेजस्वी-साम्राट से कहीं आगे पटना मेयर के बेटे
पटना, 17 अक्टूबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के नामांकन की अंतिम तारीख (17 अक्टूबर) पर प्रत्याशियों के हलफनामों ने संपत्ति का खुलासा कर दिया है। नामांकन के साथ नेताओं की संपत्ति और आपराधिक मामलों की जानकारी सामने आ रही है। सरप्राइज ये कि लालू परिवार के तेज प्रताप या तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी जैसे बड़े नामों के बीच पटना मेयर सीता साहू के बेटे शिशिर कुमार सबसे अमीर प्रत्याशी बनकर उभरे हैं। उनके पास 23.36 करोड़ रुपये की संपत्ति है। क्या ये अमीर उम्मीदवार विकास के मुद्दों को नजरअंदाज कर सियासत को धनबली बनाएंगे? या बिहार की जनता संपत्ति के बजाय कामगारियों पर वोट देगी? आइए, हलफनामों के आधार पर इन अमीर प्रत्याशियों की संपत्ति का विश्लेषण करते हैं।
पटना मेयर के बेटे शिशिर कुमार: 23.36 करोड़ की संपत्ति, सबसे आगे
पटना साहिब से कांग्रेस प्रत्याशी शिशिर कुमार सिन्हा ने हलफनामे में 23.36 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति का खुलासा किया है। इसमें 15 करोड़ से अधिक की अचल संपत्ति (जमीन-मकान) और 8 करोड़ से ज्यादा की चल संपत्ति (नकद, शेयर, वाहन) शामिल है। शिशिर पटना मेयर सीता साहू के बेटे हैं, और वे 2020 में इसी सीट से हार चुके थे। इस बार वे फिर मैदान में हैं, जहां उनका मुकाबला BJP के युवा नेता नितिन नवीन से है। शिशिर की संपत्ति में पिछले पांच वर्षों में 40% वृद्धि हुई है, जो मुख्यतः रियल एस्टेट से जुड़ी है। हलफनामे में कोई आपराधिक मामला नहीं दिखा, लेकिन उनके पिता पर भ्रष्टाचार के पुराने आरोप रहे हैं। पटना साहिब में यादव-मुस्लिम वोट निर्णायक होंगे, और शिशिर की अमीरी कांग्रेस के लिए फंडिंग का फायदा दे सकती है।
सम्राट चौधरी की 11.31 करोड़ की संपत्ति: वरिष्ठता से अमीरी तक
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी तारापुर से BJP प्रत्याशी हैं, और उनके हलफनामे में 11.31 करोड़ रुपये की संपत्ति का ब्योरा है। इसमें 7.5 करोड़ की अचल संपत्ति (मकान, जमीन) और 3.81 करोड़ की चल संपत्ति (शेयर, नकद) शामिल है। पिछले पांच वर्षों में उनकी संपत्ति दोगुनी से अधिक हो गई, जो राजनीतिक पदों से जुड़ी कमाई को दर्शाती है। चौधरी पर एक आपराधिक मामला दर्ज है, जो 2020 के चुनावी विवाद से जुड़ा है। तारापुर में कुशवाहा और यादव वोट निर्णायक हैं, जहां चौधरी 2020 में जीते थे। उनकी अमीरी BJP की ‘विकास’ छवि को मजबूत कर सकती है, लेकिन विपक्ष RJD इसे ‘क्रोनी कैपिटलिज्म’ बता रहा है। चौधरी ने कहा, “मेरी संपत्ति मेहनत का फल है, बिहार के विकास में लगेगी।”
तेज प्रताप और तेजस्वी की संपत्ति: लालू परिवार की मामूली बढ़ोतरी
लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव महाराजगंज से जनशक्ति जनता दल के प्रत्याशी हैं, और उनके पास कुल 2.88 करोड़ रुपये की संपत्ति है। इसमें 91.65 लाख की चल संपत्ति (2020 में 1.22 करोड़ से कम) और 1.96 करोड़ की अचल संपत्ति (पहले 1.6 करोड़) शामिल है। RJD से निष्कासित तेज प्रताप ने हाल ही में अपना दल बनाया, और हलफनामे में कोई आपराधिक मामला नहीं दिखा। छोटे भाई तेजस्वी यादव राघोपुर से RJD प्रत्याशी हैं, जिनकी कुल संपत्ति 8.1 करोड़ रुपये है। इसमें 6.12 करोड़ चल संपत्ति, 1.88 करोड़ अचल संपत्ति और पत्नी राजश्री के नाम पर 1.88 करोड़ (जिसमें 59.69 लाख अचल) शामिल हैं। नकद में तेजस्वी के पास 1.5 लाख और राजश्री के पास 1 लाख हैं। तेज प्रताप की संपत्ति स्थिर रही, जबकि तेजस्वी में मामूली वृद्धि हुई। RJD इसे ‘सादगी’ बताती है, लेकिन विपक्ष ‘छिपी संपत्ति’ का आरोप लगाता है।
