टमाटर की रोपाई के लिए अगस्त माह सर्वोत्तम : डॉ. अनिल सिंह
टमाटर की औसत उपज 300 से 350 कुंतल प्रति हेक्टेयर होती है। लेकिन अच्छी उत्पादन तकनीक व उन्नत प्रजातियां अपनाने से 800 से 1000 कुंतल प्रति हेक्टेयर उपज किसान प्राप्त कर सकते हैं। टमाटर की रोपाई के लिए अगस्त माह सबसे सर्वोत्तम समय है। यह जानकारी बुधवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के प्रसार निदेशालय के उद्यान वैज्ञानिक डॉक्टर अनिल कुमार सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि टमाटर एक लोकप्रिय सब्जी है। टमाटर में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, कैल्शियम, आयरन तथा खनिज लवण प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके फल में लाइकोपीन नामक वर्णक (पिगमेंट) पाया जाता है। जिसे विश्व का सबसे महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट बताया जाता है। इन सबके अतिरिक्त कैरोटिनॉइड्स एवं विटामिन सी भी टमाटर में प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
वैज्ञानिक सलाह से करें टमाटर की खेती, मिलेगा लाभ
डॉक्टर सिंह ने बताया कि टमाटर की रोपाई का सबसे उचित समय अगस्त का महीना होता है। जिससे सर्दियों की शुरुआत में ही टमाटर निकलना शुरू हो जाता है। टमाटर की रोपाई पौधे से एवं पंक्ति की दूरी 60×60 सेंटीमीटर रखना चाहिए। पौध की रोपाई के बाद सिंचाई कर देने की सलाह दी।
उन्होंने बताया कि यदि मेड़ बनाकर टमाटर की रोपाई किसान करते हैं तो जल एवं स्थान का उचित उपयोग होता है। टमाटर की फसल में खरपतवार नियंत्रण के बारे में बताया कि कुदाल या खुरपी से निराई करना हितकर होता है। जिससे पौधों की जड़ों में वातायन होता है और फलत अच्छी होती है।
डॉ सिंह ने बताया कि फसल के रूप में धनिया,कद्दू वर्गीय, गोभी वर्गीय फसलें ली जा सकती हैं। जिनसे अतिरिक्त आय से लाभ होता है। रोग और कीड़ों से मुख्य फसल को बचाने के लिए पर्यावरणीय अभियंत्रण के अंतर्गत खेत के चारों तरफ एवं प्रत्येक 10 लाइन मुख्य फसल के बाद एक लाइन गेंदा की रोपाई करें। जिससे कि कि मादा कीट मुख्य फसल को छोड़कर गेंदा के पौधों पर अपना अंडा रखेगी। फल स्वरुप टमाटर की फसल में होने वाली क्षति कम होगी।




