बेंगलुरु में एंबुलेंस का कहर: लाल सिग्नल तोड़कर घसीटा स्कूटर, पति-पत्नी की दर्दनाक मौत
2 नवंबर 2025, बेंगलुरु: रात के अंधेरे में एक एंबुलेंस की चीख ने शहर को सदमे में डाल दिया। लाल बत्ती तोड़कर दौड़ी यह ‘जीवनरक्षक’ वाहन मौत का पैगाम बन गई। एक साधारण रात की सैर पर निकले कपल की जिंदगी थम गई, जब उनकी स्कूटर को सैकड़ों मीटर घसीटते हुए एंबुलेंस पुलिस चौकी से टकराई। चीखें, चीखें और खून से सना सड़क—यह दृश्य किसी फिल्म का नहीं, बल्कि हकीकत का है। क्या चालक की लापरवाही ने दो जिंदगियां छीन लीं? या सड़कों पर बढ़ती लापरवाही का यह नया चेहरा है? आइए, इस भयावह हादसे की परतें खोलें, जहां हर पल एक सबक छिपा है।
रात का काला साया: हादसे की शुरुआत
शनिवार रात करीब 11 बजे रिचमंड सर्कल पर सन्नाटा था। लाल सिग्नल पर रुकी बाइकें और स्कूटर—सभी चालक घर लौटने को बेताब। तभी पीछे से तेज रफ्तार एंबुलेंस की दहाड़ गूंजी। सायरन बजता हुआ यह वाहन लाल बत्ती को रौंदते हुए सीधा टकराया। पहले तीन बाइकों को धक्का, फिर एक स्कूटर को चपेट में ले लिया। चीखें उठीं, लेकिन एंबुलेंस रुकी नहीं। वह स्कूटर को घसीटते हुए सैकड़ों मीटर आगे पुलिस चौकी से जा टकराई। धमाका इतना जोरदार कि चौकी की दीवारें हिल गईं। आसपास के लोग दौड़े, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। वीडियो में क्षतिग्रस्त वाहन और मलबा साफ दिख रहा है। यह सिर्फ टक्कर नहीं, बल्कि लापरवाही का खौफनाक चित्र था।
दर्द की चीख: कपल की अंतिम सांसें
स्कूटर पर सवार थे इस्माइल (40) और उनकी पत्नी समीना बनू। शायद वे रात की खरीदारी से लौट रहे थे, या बस साथ समय बिता रहे थे। लेकिन एंबुलेंस की चपेट में आते ही सब खत्म। स्कूटर के नीचे दबे दंपति को मौके पर ही मौत ने सुला लिया। खून से लथपथ सड़क पर चीखें गूंज रही थीं, लेकिन मदद देर से पहुंची। आसपास के लोगों ने एंबुलेंस को उठाने की कोशिश की, ताकि शव निकाला जा सके। लेकिन दृश्य दिल दहला देने वाला था—स्कूटर की चेन टूटी, पहिए उखड़े, और कपल का जीवन थम चुका। दो अन्य बाइक सवार गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। गुस्साए ग्रामीणों ने एंबुलेंस पलट दी, चालक पर सवालों की बौछार कर दी। यह हादसा सिर्फ आंकड़ों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का गम था।
जांच का पर्दाफाश: चालक की लापरवाही या सिस्टम की नाकामी?
हादसे के बाद विल्सन गार्डन ट्रैफिक पुलिस मौके पर पहुंची। सीन चेक किया, सबूत इकट्ठा किए और केस दर्ज कर लिया। एंबुलेंस चालक अशोक को हिरासत में ले लिया गया। उसके खिलाफ लापरवाही से मौत का मामला चलेगा। प्रारंभिक जांच में पता चला कि एंबुलेंस स्पीड लिमिट से कहीं ज्यादा तेज थी, और सायरन बज रहा था लेकिन कोई इमरजेंसी नहीं। स्थानीय लोगों का गुस्सा भड़क गया—वे कहते हैं कि इलाके में यह दूसरा ऐसा हादसा है। एंबुलेंस चालक अक्सर सायरन बजाकर रेस लगाते हैं, बिना जरूरत के। घायलों का हेल्थ अपडेट अभी स्पष्ट नहीं, लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि उनकी हालत नाजुक है। यह घटना सवाल उठाती है—क्या सख्त नियमों की कमी से ऐसी त्रासदियां बढ़ रही हैं? जांच पूरी होने पर और खुलासे होंगे, लेकिन एक बात साफ है: एक चालक की गलती ने दो जिंदगियां लील लीं।