अहमदाबाद विमान हादसा: अयोध्या के मेडिकल स्टूडेंट अक्षत की जिंदगी का खौफनाक पल, परिजनों का दर्द
एक हादसे ने बदल दी जिंदगी
12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास हुए भयानक विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, जो लंदन के लिए उड़ान भर रही थी, टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गई और आग का गोला बन गई। इस हादसे में 241 लोगों की जान चली गई, जिसमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे। लेकिन इस त्रासदी में एक चमत्कार भी हुआ—अयोध्या का मेडिकल स्टूडेंट अक्षत जायसवाल, जो उस वक्त हॉस्टल की मेस में खाना खा रहा था, गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद जिंदा बच गया। यह लेख अक्षत की कहानी, हादसे के भयावह मंजर, और उसके परिवार की स्थिति पर केंद्रित है।
हादसे का मंजर: जब आसमान से बरसी मौत
12 जून 2025 को दोपहर करीब 1:39 बजे, एयर इंडिया की बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर ने अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी। इसमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर सवार थे। लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद, विमान 625 फीट की ऊंचाई पर मेघानी नगर के बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गया। हादसे में विमान आग के गोले में तब्दील हो गया, और हॉस्टल की इमारत में भारी तबाही मच गई। इस हादसे में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, और 1 कनाडाई नागरिक समेत 241 लोगों की मौत हो गई। केवल एक यात्री, रमेश विश्वकुमार बुचारवाड़ा, सीट 11A पर बैठा हुआ, चमत्कारिक रूप से बच निकला। लेकिन इस हादसे की चपेट में केवल विमान में सवार लोग ही नहीं आए। बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में मौजूद अयोध्या का एमबीबीएस स्टूडेंट अक्षत जायसवाल उस वक्त मेस में खाना खा रहा था, जब विमान इमारत से टकराया। इस भयानक हादसे में अक्षत को गंभीर चोटें आईं, लेकिन वह जिंदगी की जंग लड़ रहा है।
अक्षत जायसवाल: एक होनहार छात्र की कहानी
अक्षत जायसवाल, अयोध्या के देवकाली के भीखापुर इलाके का निवासी, बीजे मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था। वह अपने परिवार का इकलौता बेटा है और एक होनहार छात्र के रूप में जाना जाता है। हादसे के वक्त अक्षत मेस में दोस्तों के साथ लंच कर रहा था। अचानक हुए धमाके और आग की लपटों ने पूरे माहौल को खौफनाक बना दिया। अक्षत को गंभीर चोटें आईं, और उसे तुरंत अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। अक्षत के पिता, राजेश जायसवाल, और अन्य परिजन हादसे की खबर सुनते ही रातोंरात अहमदाबाद के लिए रवाना हो गए। परिवार इस समय गहरे सदमे में है और अक्षत की सलामती के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहा है। राजेश ने बताया कि अक्षत हमेशा से डॉक्टर बनने का सपना देखता था, और इस हादसे ने उनके सपनों पर गहरा आघात पहुंचाया है।
परिवार का दर्द: अयोध्या में सन्नाटा
जैसे ही हादसे की खबर अयोध्या पहुंची, भीखापुर इलाके में सन्नाटा पसर गया। अक्षत के परिवार और पड़ोसियों के लिए यह खबर किसी बुरे सपने से कम नहीं थी। अक्षत का परिवार उसे अपनी सबसे बड़ी उम्मीद मानता है, और इस हादसे ने उनके जीवन को पूरी तरह बदल दिया। परिजनों का कहना है कि अक्षत की हालत अभी नाजुक है, लेकिन डॉक्टर उसकी जान बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। अक्षत की मां ने रोते हुए बताया, “वह हमारा इकलौता बेटा है। हमने उसे पढ़ाने के लिए दिन-रात मेहनत की। यह हादसा हमारे लिए बहुत बड़ा झटका है। हम बस यही दुआ कर रहे हैं कि वह जल्दी ठीक हो जाए।” परिवार को उम्मीद है कि अक्षत की मजबूत इच्छाशक्ति और डॉक्टरों की मेहनत उसे नया जीवन देगी।
हादसे की जांच और सवाल
हादसे के बाद जांच शुरू हो गई है, और एक ब्लैक बॉक्स बरामद किया गया है। प्रारंभिक जांच में इंजन में खराबी या बर्ड हिट की आशंका जताई जा रही है। सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि विमान का लैंडिंग गियर टेकऑफ के बाद भी खुला रहा, और विंग फ्लैप्स पूरी तरह बंद थे, जो हादसे का कारण हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस त्रासदी पर दुख जताया और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने भी जांच का भरोसा दिलाया है।
सामाजिक प्रतिक्रिया और समर्थन इस हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। सोशल मीडिया पर लोग अक्षत और अन्य पीड़ितों के लिए दुआएं मांग रहे हैं। पूर्व भारतीय क्रिकेटर यूसुफ पठान और बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु जैसे दिग्गजों ने भी इस हादसे पर दुख जताया और पीड़ितों के लिए प्रार्थना की। अक्षत के दोस्त और सहपाठी भी उसके जल्द ठीक होने की कामना कर रहे हैं। बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया, जिसमें अक्षत और हादसे के अन्य पीड़ितों के लिए शांति और बल की प्रार्थना की गई।
उम्मीद की किरण
अहमदाबाद विमान हादसा एक ऐसी त्रासदी है, जिसने न केवल सैकड़ों परिवारों को तोड़ दिया, बल्कि अक्षत जायसवाल जैसे होनहार युवाओं की जिंदगी को भी खतरे में डाल दिया। अक्षत की कहानी इस हादसे के बीच एक उम्मीद की किरण है, जो यह साबित करती है कि जिंदगी की जंग में हौसला और प्रार्थनाएं कितनी अहम हैं। उसका परिवार, दोस्त, और पूरा देश उसके जल्द ठीक होने की दुआ कर रहा है। इस हादसे ने एक बार फिर हमें याद दिलाया कि जिंदगी अनमोल है, और हमें हर पल का महत्व समझना चाहिए।
