पाकिस्तान की करारी हार पर अफरीदी का गुस्सा: मोदी सरकार पर निशाना साधा, राहुल की तारीफ में बोले
नई दिल्ली, 16 सितंबर 2025: क्रिकेट की दुनिया में पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी फिर से सुर्खियों में आ गए हैं। हाल ही में एशिया कप मैच में पाकिस्तान को भारत के हाथों शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। इस हार ने पाकिस्तानी फैंस और पूर्व खिलाड़ियों को बेहद निराश कर दिया है। लेकिन अफरीदी ने इस हार पर गुस्सा निकालते हुए राजनीति की राह ले ली। उन्होंने भारत की मोदी सरकार पर निशाना साधा और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तारीफ कर दी। सोशल मीडिया पर उनके इस बयान ने तहलका मचा दिया है।शाहिद अफरीदी, जिन्हें ‘बूम बूम’ के नाम से जाना जाता है, ने ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर की। इसमें उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की हार सिर्फ मैदान पर नहीं, बल्कि राजनीतिक साजिशों का नतीजा है। अफरीदी ने लिखा, “मोदी सरकार की नीतियां भारत को आक्रामक बना रही हैं। क्रिकेट में भी उनका दखल दिख रहा है।” फिर उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिया और बोले, “राहुल गांधी जैसे नेता ही सच्ची दोस्ती और शांति की बात करते हैं। उन्हें सुनना चाहिए।” यह बयान पाकिस्तान-पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ाने वाला लग रहा है।
इस घटना की शुरुआत एशिया कप के उस मुकाबले से हुई, जो हाल ही में दुबई में खेला गया। भारत ने पाकिस्तान को 150 रनों से हराया। पाकिस्तानी बल्लेबाज सिर्फ 120 रनों पर आउट हो गए। भारतीय गेंदबाजों ने कमाल कर दिया। जसप्रीत बुमराह ने 5 विकेट लिए, जबकि मोहम्मद शमी ने 3। पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम सिर्फ 22 रन बना सके। मैच के बाद पाकिस्तानी फैंस सड़कों पर उतर आए। कई जगह तो दंगे हो गए। अफरीदी ने मैच देखते हुए लाइव ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा, “यह हार शर्मनाक है। हमारी टीम ने हार मान ली।”लेकिन अफरीदी का गुस्सा मैच खत्म होने के बाद बढ़ गया। उन्होंने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें कहा, “पाकिस्तान की हार पर भारत जश्न मना रहा है। मोदी जी की सरकार इस जीत को राजनीतिक फायदा बनाने में लगी है।” अफरीदी ने राहुल गांधी की पुरानी स्पीच का जिक्र किया। राहुल ने एक बार कहा था कि भारत-पाकिस्तान को शांति से रहना चाहिए। अफरीदी ने कहा, “राहुल साहब सही कहते हैं। मोदी सरकार जंग की बात करती है, लेकिन राहुल शांति चाहते हैं। पाकिस्तान को ऐसे दोस्त चाहिए।”भारतीय राजनीति में यह बयान तेजी से वायरल हो गया। बीजेपी नेताओं ने अफरीदी की आलोचना की। एक नेता ने कहा, “अफरीदी क्रिकेट से बाहर होकर राजनीति में घुस आए हैं। उनकी हार का बदला लेने के लिए मोदी जी को निशाना बना रहे हैं।” वहीं, कांग्रेस पार्टी ने चुप्पी साध ली।
लेकिन सोशल मीडिया पर कांग्रेसी यूजर्स ने राहुल की तारीफ की। एक यूजर ने लिखा, “अफरीदी ने सच्चाई कह दी। राहुल ही भारत-पाक दोस्ती के हिमायती हैं।”शाहिद अफरीदी का भारत से पुराना रिश्ता रहा है। वे कई बार आईपीएल में खेलने की बात कर चुके हैं। लेकिन 2016 के बाद से उनके बयान विवादास्पद हो गए। अफरीदी ने कश्मीर मुद्दे पर मोदी सरकार की आलोचना की थी। तब उन्होंने कहा था कि भारत गलत रास्ते पर है। अब इस हार के बाद वही पुराना राग अलापा। विशेषज्ञों का कहना है कि अफरीदी पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति में भी सक्रिय हैं। वे इमरान खान की पार्टी के समर्थक हैं। शायद यह बयान पाकिस्तान के सियासी दबाव का नतीजा हो।पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने भी हार पर शर्मिंदगी जताई। बोर्ड चेयरमैन ने कहा, “हम सुधार करेंगे। अगले मैच में बेहतर खेलेंगे।” लेकिन फैंस का गुस्सा अफरीदी पर उतर आया। कई पाकिस्तानी यूजर्स ने उन्हें ट्रोल किया। बोले, “अफरीदी, पहले अपनी बेटियों को संभालो, राजनीति मत करो।” अफरीदी ने जवाब में कहा, “मैं सच्चाई बोलता हूं। हार-जीत से ऊपर देश है।”भारत में क्रिकेट फैंस इस बयान से हैरान हैं। एक फैन ने कहा, “अफरीदी अच्छा खेलते थे, लेकिन अब बकवास कर रहे हैं। मोदी सरकार पर निशाना साधना गलत है।” वहीं, कुछ लोग इसे मजाक में ले रहे हैं। मीम्स बन रहे हैं, जिसमें अफरीदी को राहुल गांधी का चमचा दिखाया जा रहा है।यह विवाद एशिया कप को और रोचक बना रहा है। अगला मैच भारत और श्रीलंका के बीच है। पाकिस्तान को रिकवर करने का मौका मिलेगा। लेकिन अफरीदी का बयान दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा सकता है। क्रिकेट को राजनीति से दूर रखने की मांग हो रही है। आईसीसी ने भी चुप्पी साधी है, लेकिन अगर बयान बढ़े तो कार्रवाई हो सकती है।
शाहिद अफरीदी की जिंदगी संघर्षों से भरी रही। वे 1975 में कराची में पैदा हुए। 16 साल की उम्र में पाकिस्तान के लिए डेब्यू किया। 1996 के वर्ल्ड कप में एक ओवर में 4 छक्के मारे। लेकिन चोटों ने करियर छोटा कर दिया। रिटायरमेंट के बाद वे सोशल एक्टिविस्ट बने। बाढ़ राहत में मदद की। लेकिन राजनीतिक बयान उन्हें विवादों में लाते रहते हैं।राहुल गांधी की तारीफ पर अफरीदी ने कहा कि राहुल ने हमेशा शांति की बात की। राहुल ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कहा था, “पाकिस्तान के साथ बातचीत जरूरी है।” मोदी सरकार ने इसे कमजोरी बताया था। अब अफरीदी का समर्थन कांग्रेस के लिए फायदेमंद हो सकता है। लेकिन बीजेपी इसे पाकिस्तानी साजिश बता रही है।इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि क्रिकेट और राजनीति का मेल कितना खतरनाक हो सकता है। पाकिस्तान की हार ने न सिर्फ टीम को, बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया। अफरीदी ने अपनी खीज निकाल ली, लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। फैंस इंतजार कर रहे हैं कि अगला क्या होता है। क्या अफरीदी माफी मांगेंगे? या और बयान देंगे? समय बताएगा।
