अफगानिस्तान का पाकिस्तान पर जवाबी हमला: बॉर्डर पर भारी झड़पें, सैनिक मारे गए
इस्लामाबाद, 12 अक्टूबर 2025: पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर पर तनाव चरम पर पहुंच गया है। पाकिस्तानी एयर स्ट्राइक्स के जवाब में तालिबान ने पाकिस्तानी चौकियों पर हमला बोल दिया, जिसमें 12-15 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और तीन चौकियां कब्जे में ली गईं। हेलमंद, कुनार और नंगरहर प्रांतों में रात भर चली गोलीबारी ने डुरंड लाइन को युद्धरत क्षेत्र बना दिया। यह संघर्ष तालिबान विदेश मंत्री की भारत यात्रा के ठीक बीच भड़का, जिससे क्षेत्रीय समीकरण उलट-पुलट हो रहे हैं। क्या यह सीमा विवाद से युद्ध तक पहुंचेगा? आइए, इस बढ़ते संकट के प्रमुख पहलुओं को विस्तार से समझते हैं।
पाकिस्तानी एयर स्ट्राइक्स: TTP चीफ पर निशाना, काबुल में धमाके
9 अक्टूबर को पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के काबुल, खोस्त, जलालाबाद और पक्तिका में एयर स्ट्राइक्स कीं, जो तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के ठिकानों को निशाना बना रही थीं। काबुल के अब्दुल हक स्क्वायर के पास हुए धमाकों में TTP चीफ नूर वाली मेहसूद को टारगेट किया गया, जिसकी मौत की अफवाहें फैलीं, हालांकि आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। पाकिस्तानी मीडिया ने इसे TTP के खिलाफ सफल ऑपरेशन बताया, जबकि तालिबान ने इसे ‘अफगान हवाई क्षेत्र का उल्लंघन’ करार दिया। इन स्ट्राइक्स में नागरिकों को नुकसान पहुंचने की खबरें आईं, जिससे तालिबान भड़क उठा। पाकिस्तान का दावा था कि TTP अफगान मिट्टी से पाकिस्तान पर हमले कर रहा है, लेकिन तालिबान ने इसे साजिश बताया। यह हमला तालिबान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की भारत यात्रा के दौरान हुआ, जो पाकिस्तान के लिए और झटका साबित हुआ।
तालिबान का जवाबी हमला: हेलमंद में चौकियां कब्जे में, सैनिकों की मौत
10-11 अक्टूबर की रात तालिबान ने जवाबी कार्रवाई शुरू की। हेलमंद प्रांत के बहरामचा क्षेत्र के शाकिज, बीबी जानी और सालेहान में तीन घंटे चली गोलीबारी में अफगान बलों ने पाकिस्तानी चौकियों पर कब्जा कर लिया। टोलो न्यूज के अनुसार, 15 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, जबकि कंधार में 6 और अन्य क्षेत्रों में 7 कैद हो गए। कुनार, नंगरहर और पक्तिया में भी झड़पें हुईं, जहां पाकिस्तानी पोस्ट नष्ट हो गए। तालिबान के प्रवक्ता एनायतुल्लाह खावरजमी ने इसे ‘पाकिस्तानी आक्रमण का बदला’ बताया। पाकिस्तान ने ‘पूर्ण ताकत’ से जवाब दिया, जिसमें आर्टिलरी और हवाई हमले शामिल थे। स्थानीय सूत्रों ने बताया कि संघर्ष डुरंड लाइन के साथ फैल गया, और पाकिस्तानी सेना पीछे हट रही है। यह 2021 के बाद सबसे तीव्र सीमा संघर्ष है।
क्षेत्रीय संकट: भारत की भूमिका और बढ़ते तनाव का असर
यह संघर्ष पाकिस्तान-अफगानिस्तान के पुराने विवादों को नई आग दे रहा है। तालिबान सरकार TTP को शरण देने से इनकार करती है, लेकिन पाकिस्तान इसे आतंकी समर्थन मानता है। मुत्तकी की भारत यात्रा के दौरान पाकिस्तानी हमले ने अफगानिस्तान को भारत के करीब धकेल दिया, जहां संयुक्त बयान में आतंकवाद की निंदा हुई। विशेषज्ञों का मानना है कि यह युद्ध क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल सकता है, खासकर जब ट्रंप प्रशासन अफगानिस्तान पर नजर रख रहा है। पाकिस्तान ने तालिबान को चेतावनी दी है, जबकि अफगानिस्तान ने और हमलों की धमकी दी। नागरिकों पर असर पड़ रहा है, और बॉर्डर पर तनाव चरम पर है। आने वाले दिनों में कूटनीतिक प्रयास जरूरी हैं, वरना यह बड़ा संघर्ष बन सकता है।
