• December 31, 2025

नए साल की पूर्व संध्या पर वृंदावन में उमड़ा आस्था का सैलाब: ठाकुर बांके बिहारी और प्रेम मंदिर में भक्तों का भारी रेला

वृंदावन। साल 2025 की विदाई और नए वर्ष 2026 के स्वागत के लिए धर्मनगरी वृंदावन पूरी तरह से भक्ति के रंग में सराबोर हो चुकी है। बुधवार सुबह से ही वृंदावन के प्रमुख मंदिरों में आराध्य के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का ऐसा सैलाब उमड़ा कि प्रशासन की तमाम व्यवस्थाएं बौनी साबित होने लगीं। ठाकुर बांके बिहारी मंदिर, प्रेम मंदिर और इस्कॉन मंदिर सहित नगर के सभी प्रमुख देवालयों में भक्तों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। देश के कोने-कोने से आए लाखों श्रद्धालु अपने नए साल की शुरुआत कान्हा के चरणों में शीश नवाकर करना चाहते हैं। पूरी नगरी ‘जय श्री राधे’ और ‘बांके बिहारी लाल की जय’ के उद्घोष से गुंजायमान है। भक्ति का यह आलम केवल मंदिरों तक सीमित नहीं है, बल्कि पंचकोसीय परिक्रमा मार्ग पर भी हजारों श्रद्धालु नंगे पैर परिक्रमा कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं।

श्रीबांकेबिहारी मंदिर में दर्शन के लिए संघर्षपूर्ण स्थिति

वृंदावन के हृदय स्थल ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में बुधवार सुबह की पहली किरण के साथ ही जनसैलाब उमड़ पड़ा। मंदिर के पट खुलने से घंटों पहले ही श्रद्धालु गलियों में कतारबद्ध हो गए थे। जैसे-जैसे दिन चढ़ा, भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया कि बांके बिहारी की तंग गलियों में तिल रखने तक की जगह नहीं बची। मंदिर के भीतर और बाहर सुरक्षाकर्मियों को भीड़ नियंत्रित करने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी। मंदिर के प्रवेश और निकास द्वारों पर तैनात पुलिस बल और सेवायतों को कई बार अनियंत्रित भीड़ को संभालने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने पड़े। भीड़ के अत्यधिक दबाव के कारण कई स्थानों पर धक्का-मुक्की की स्थिति भी देखने को मिली, जिसके बीच श्रद्धालु अपने आराध्य की एक झलक पाने के लिए संघर्ष करते नजर आए। प्रशासन द्वारा लगाई गई बैरिकेडिंग भी भक्तों की अगाध श्रद्धा और उनकी संख्या के आगे छोटी पड़ती दिखाई दी।

प्रेम मंदिर और इस्कॉन में भव्यता और संकीर्तन का संगम

आधुनिक वास्तुकला और भव्य लाइटिंग के लिए प्रसिद्ध प्रेम मंदिर में भी नए साल के स्वागत के लिए विशेष तैयारी की गई है। शाम ढलते ही मंदिर की रंग-बिरंगी रोशनी ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यहाँ हजारों की संख्या में श्रद्धालु कतारों में खड़े होकर मंदिर की नक्काशी और झांकियों का आनंद ले रहे हैं। वहीं, इस्कॉन मंदिर (श्रीकृष्ण बलराम मंदिर) का वातावरण पूरी तरह से हरिनाम संकीर्तन से ओतप्रोत है। यहाँ विदेशी भक्तों के साथ-साथ स्थानीय और बाहरी श्रद्धालुओं की टोली मृदंग और झांझ की थाप पर थिरकती नजर आ रही है। इस्कॉन में नए साल के उपलक्ष्य में विशेष कीर्तन का आयोजन किया गया है, जो देर रात तक जारी रहेगा। इन मंदिरों के बाहर भी मेले जैसा माहौल है और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

ब्रज परिक्रमा और भक्ति गीतों से गुंजायमान परिक्रमा मार्ग

जहाँ एक ओर मंदिरों में भारी भीड़ है, वहीं दूसरी ओर हजारों श्रद्धालु वृंदावन की पावन रज में परिक्रमा कर रहे हैं। 2025 के अंतिम दिन परिक्रमा मार्ग भक्तों से खचाखच भरा हुआ है। हाथ में माला और जुबां पर राधे-राधे का नाम लिए भक्त भक्ति गीतों पर झूमते हुए पुण्य अर्जन कर रहे हैं। परिक्रमा मार्ग पर स्थित विभिन्न आश्रमों और भंडारों में भी भक्तों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। जगह-जगह हो रहे लाउडस्पीकर से भजनों के प्रसारण ने वातावरण को पूरी तरह आध्यात्मिक बना दिया है। श्रद्धालुओं का मानना है कि साल के अंतिम दिन परिक्रमा करने से पूरे वर्ष का कष्ट मिट जाता है और नया साल मंगलमय होता है।

प्रशासन की चुनौती और यातायात प्रबंधन के प्रयास

वृंदावन में उमड़ी इस अभूतपूर्व भीड़ को देखते हुए जिला और पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। प्रशासन का अनुमान है कि नए साल के इस मौके पर वृंदावन में 5 से 10 लाख के बीच श्रद्धालु पहुंच सकते हैं। भीड़ को देखते हुए मथुरा-वृंदावन मार्ग और छटीकरा मार्ग पर भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। विभिन्न स्थानों पर पार्किंग बनाई गई है ताकि मुख्य शहर के भीतर जाम न लगे। हालांकि, श्रद्धालुओं की संख्या इतनी अधिक है कि प्रमुख मार्गों और मंदिरों को जोड़ने वाली गलियों में घंटों तक जाम की स्थिति बनी रही। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी स्वयं मोर्चा संभाले हुए हैं और सीसीटीवी कैमरों के जरिए भीड़ की निगरानी की जा रही है। श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि वे धैर्य बनाए रखें और बच्चों व बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।

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