यूपी के शहरों में विकास की नई लहर: योगी की स्मार्ट सिटी और स्वच्छता पर मुहिम
लखनऊ, 4 अक्टूबर 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नगर विकास विभाग की समीक्षा कर शहरों को स्मार्ट और स्वच्छ बनाने का खाका खींचा। मलिन बस्तियों में मूलभूत सुविधाएं, ड्रेनेज सिस्टम की मजबूती और पीपीपी मॉडल पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स जैसे प्रोजेक्ट्स पर जोर दिया गया। योगी ने अनधिकृत कॉलोनियों पर सख्ती और स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। क्या यह कदम यूपी के शहरी विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा? आइए, इस पहल की पूरी कहानी जानते हैं।
मलिन बस्तियों का कायाकल्प: मूलभूत सुविधाओं पर जोर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में नगर विकास विभाग की समीक्षा बैठक में मलिन बस्तियों को प्राथमिकता दी। उन्होंने साफ-सफाई, पेयजल, जल निकासी, सड़क कनेक्टिविटी और स्ट्रीट लाइट जैसी सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। योगी ने स्पष्ट किया कि इन क्षेत्रों का विकास ठेकेदारों के बजाय नगर निकायों की जिम्मेदारी है। उन्होंने नियमित मॉनिटरिंग पर जोर दिया ताकि गुणवत्ता बनी रहे। मलिन बस्तियों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण और उनकी सफाई व्यवस्था को अनिवार्य बताया गया। योगी ने कहा कि इन बस्तियों में रहने वाले लोग भी सम्मानजनक जीवन के हकदार हैं। नए गांवों को नगर निकायों से जोड़ते समय बुनियादी सुविधाएं तुरंत उपलब्ध कराने के लिए समयबद्ध योजनाएं बनाने को कहा गया। यह कदम न केवल गरीबों के जीवन स्तर को सुधारेगा, बल्कि शहरी असमानता को भी कम करेगा। सोशल मीडिया पर स्थानीय लोग इस पहल की तारीफ कर रहे हैं, लेकिन समय पर अमल की मांग भी उठ रही है। यह यूपी के शहरीकरण में सामाजिक समावेश की दिशा में बड़ा कदम है।
ड्रेनेज और स्वच्छता: शहरों को जलभराव और कचरे से मुक्ति
योगी ने जल निकासी व्यवस्था को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि हर शहर में ऐसा ड्रेनेज सिस्टम हो, जो भारी बारिश में जलभराव को रोके। इसके लिए सुधार कार्यों और नई व्यवस्थाओं की नियमित मॉनिटरिंग का निर्देश दिया गया। स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, योगी ने नियमित कूड़ा उठान और उसके निस्तारण पर जोर दिया। ठोस और गीले कचरे को अलग करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की बात कही गई। पब्लिक प्लेसेज पर सामुदायिक शौचालयों की संख्या बढ़ाने और उनकी सफाई सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा गया। योगी ने अनधिकृत कॉलोनियों पर शुरुआती स्तर पर रोक लगाने के लिए सख्ती बरतने के निर्देश दिए, ताकि शहरों की नियोजित संरचना बनी रहे। यह पहल न केवल शहरों को स्वच्छ बनाएगी, बल्कि बरसात के मौसम में नागरिकों की परेशानियों को कम करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि ड्रेनेज सिस्टम में सुधार से यूपी के शहर स्मार्ट सिटी की दौड़ में आगे निकल सकते हैं।
स्मार्ट सिटी और पीपीपी मॉडल: राजस्व और विकास का नया दौर
मुख्यमंत्री ने स्मार्ट सिटी योजनाओं को समग्र विकास और राजस्व वृद्धि से जोड़ने की रणनीति बनाई। उन्होंने शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मल्टीलेवल पार्किंग, रेस्टोरेंट और ऑडिटोरियम जैसे प्रोजेक्ट्स को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर विकसित करने के निर्देश दिए। इससे न केवल शहरों का आधुनिकीकरण होगा, बल्कि रोजगार और राजस्व में भी वृद्धि होगी। योगी ने सभी विभागों को समन्वित कार्ययोजना बनाने और समयबद्ध तरीके से प्रोजेक्ट पूरे करने को कहा। उन्होंने लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। अनधिकृत कॉलोनियों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने और योजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग पर जोर दिया गया। यह कदम यूपी के शहरों को आधुनिक और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी जैसे शहरों में पीपीपी प्रोजेक्ट्स पहले से चल रहे हैं, और अब छोटे शहरों में भी इसे लागू करने की योजना है। क्या यह रणनीति यूपी को शहरी विकास का नया मॉडल देगी? यह सवाल हर नागरिक के मन में है।
