• February 6, 2025

दिन और रात्रि के अलग-अलग बिजली दर प्रस्ताव का उपभोक्ता परिषद ने किया विरोध

 दिन और रात्रि के अलग-अलग बिजली दर प्रस्ताव का उपभोक्ता परिषद ने किया विरोध

केंद्र सरकार द्वारा दिन और रात्रि के लिए अलग-अलग बनाए गये बिजली दर नियमावली के खिलाफ उपभोक्ता परिषद ने मोर्चा खोल दिया है। रात्रि में बिजली दर 10 से 20 प्रतिशत बढ़ाने पर उपभोक्ताओं की जेब ढीली होगी, क्योंकि सत्तर प्रतिशत बिजली उपयोग उपभोक्ता रात्रि में ही करता है।

उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार ने केंद्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार से इस संबंध में बात की और कहा कि इस कानून से घरेलू उपभोक्ता तबाह होंगे। केंद्र सरकार को इस तुगलकी नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए। यह कानून देश के घरेलू उपभोक्ताओं को तबाह करने वाला कानून है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार यह करके दो रुपये जेब में डालकर पांच रुपये निकालने का काम करने जा रही है।

यह बता दें कि केंद्र सरकार ने दिन में 10 से 20 प्रतिशत सस्ती और रात में 10 से 20 प्रतिशत महंगी बिजली की दर करने का नियम बनाने जा रही है, जिसका विरोध उपभोक्ता परिषद कर रहा है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि गरीब घरेलू उपभोक्ता दिन में अपनी रोजी रोटी के लिए काम करते हैं और रात्रि को पंखा चला कर जब पसीना सुखाना चाहेंगे तो उन पर बिजली के महंगाई की मार पड़ेगी और हवा उनके लिए और पसीना बहाने का काम करेगा।

केंद्र सरकार ने विद्युत उपभोक्ता अधिकार नियम 2020 में संशोधन के माध्यम से बिजली टैरिफ प्रणाली में दो बदलाव पेश किए हैं। इसमें दिन के समय की टीओडी मतलब दिन और समय की टैरिफ की शुरुआत और स्मार्ट मीटरिंग प्रावधान का युक्तिकरण किया है। सब मिलाकर यह कहना उचित होगा यह उत्तर प्रदेश के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के लिए बहुत ही घाटे का सौदा है। केंद्र बड़ी चालाकी से कभी विदेशी कोयला खरीदवाने का दबाव डालती है। कभी रुपये 6000 प्रति स्मार्ट मीटर को रुपये 10000 प्रति स्मार्ट मीटर खरीदने के लिए दबाव डालती है। अब यह कानून बना दिया कि एक अप्रैल 2025 से सभी आम उपभोक्ताओं के लिए दिन और रात की बिजली दरें अलग हो जाएगी।

शायद केंद्र सरकार को यह नहीं पता कि उत्तर प्रदेश में विद्युत नियामक आयोग द्वारा स्मॉल और मीडियम पावर पब्लिक लैंप इलेक्ट्रिक वाईइकिल भारी उद्योग के लिए पहले से ही टीओडी दिन और समय का टैरिफ लागू कर रखा है, क्योंकि घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के ऊपर यह प्रावधान लागू करने से उनका बहुत बडा नुकसान होगा। केंद्र सरकार का या कानून घरेलू उपभोक्ताओं के लिए उसी प्रकार होगा कि केंद्र द्वारा दो रुपये का लाभ देकर देकर रुपया पांच की वसूली की साजिश हो रही है।

उपभोक्ता परिषद ने ऐलान किया है इस कानून को रोकने के लिए पूरे देश के सभी राज्यों के उपभोक्ता संगठन एक मंच पर आएंगे और केंद्र के सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगे लेकिन किसी भी हालत में इस कानून को लागू नहीं होने देंगे।

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