• December 30, 2025

स्मृति मंधाना का स्वर्णिम काल: 2025 में महिला क्रिकेट की ‘क्वीन’ ने पुरुष दिग्गजों को भी पछाड़ा, शुभमन गिल के रिकॉर्ड के बेहद करीब

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में साल 2025 को एक ऐसे मोड़ के रूप में याद किया जाएगा, जहां जेंडर की दीवारें टूटती नजर आईं और महिला क्रिकेट ने अपनी चमक से पूरी दुनिया को चकाचौंध कर दिया। इस क्रांति की सूत्रधार बनी हैं टीम इंडिया की स्टार सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना। स्मृति मंधाना के लिए यह साल केवल आंकड़ों का खेल नहीं है, बल्कि यह उनकी मेहनत, निरंतरता और उस क्लास की गवाही है जिसने उन्हें विश्व क्रिकेट के शिखर पर लाकर खड़ा कर दिया है। वर्तमान में मंधाना जिस लय में हैं, वह न केवल महिला क्रिकेट के पुराने रिकॉर्ड्स को ध्वस्त कर रही हैं, बल्कि अब वह पुरुष क्रिकेटरों के वर्चस्व वाले आंकड़ों को भी चुनौती दे रही हैं। भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए यह गर्व का क्षण है कि उनकी एक महिला खिलाड़ी दुनिया के सबसे प्रतिभाशाली पुरुष बल्लेबाजों में से एक शुभमन गिल के वार्षिक रनों के रिकॉर्ड को तोड़ने के बेहद करीब पहुंच गई है।

शुभमन गिल का रिकॉर्ड और मंधाना की ऐतिहासिक चढ़ाई

क्रिकेट जगत में अक्सर पुरुष और महिला क्रिकेट के बीच तुलना को तार्किक नहीं माना जाता था, लेकिन स्मृति मंधाना के प्रदर्शन ने इस बहस को एक नया आयाम दे दिया है। साल 2025 में स्मृति मंधाना ने अब तक कुल 1,703 अंतरराष्ट्रीय रन बना लिए हैं। यह किसी भी महिला क्रिकेटर द्वारा एक कैलेंडर वर्ष में बनाया गया अब तक का सबसे बड़ा स्कोर है। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। मंधाना अब भारतीय पुरुष टीम के स्टार बल्लेबाज शुभमन गिल के रिकॉर्ड से महज 62 रन दूर हैं। गिल ने इस साल टेस्ट, वनडे और टी20 फॉर्मेट को मिलाकर कुल 1,764 रन बनाए हैं।

अगर स्मृति मंधाना श्रीलंका के खिलाफ होने वाले आखिरी टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में 62 रन बना लेती हैं, तो वह साल 2025 में दुनिया की सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय रन बनाने वाली खिलाड़ी बन जाएंगी, चाहे वह पुरुष वर्ग हो या महिला वर्ग। यह उपलब्धि केवल मंधाना की व्यक्तिगत सफलता नहीं होगी, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर महिला क्रिकेट के बढ़ते प्रभाव का सबसे बड़ा विज्ञापन होगा। एक समय था जब महिला क्रिकेटर साल भर में गिने-चुने मैच खेलती थीं, लेकिन मंधाना ने जिस तरह से तीनों प्रारूपों में खुद को ढाला है, वह आधुनिक क्रिकेट की नई परिभाषा लिख रहा है।

10,000 अंतरराष्ट्रीय रनों का शिखर और दिग्गज क्लब में एंट्री

स्मृति मंधाना की उपलब्धियों की सूची यहीं समाप्त नहीं होती। श्रीलंका के खिलाफ जारी टी20 सीरीज के चौथे मुकाबले में उन्होंने वह कर दिखाया जो अब तक केवल मुट्ठी भर खिलाड़ी ही कर पाए हैं। मंधाना ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों को मिलाकर 10,000 रनों का जादुई आंकड़ा पार कर लिया है। इस ऐतिहासिक मुकाम तक पहुंचने वाली वह दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी बनी हैं। उनसे पहले केवल महान मिताली राज ने भारत के लिए यह गौरव हासिल किया था। वैश्विक स्तर पर देखें तो मंधाना अब मिताली राज, न्यूजीलैंड की सूजी बेट्स और इंग्लैंड की शार्लोट एडवर्ड्स जैसे दिग्गजों के विशेष क्लब में शामिल हो गई हैं।

मंधाना की इस उपलब्धि की सबसे खास बात उनकी गति है। उन्होंने जिस औसत और स्ट्राइक रेट से ये रन बनाए हैं, वह उन्हें अपने समकालीनों से बहुत आगे खड़ा करता है। 10,000 रनों का सफर मंधाना के लिए आसान नहीं था। 2013 में एक किशोरी के रूप में डेब्यू करने वाली स्मृति ने पिछले एक दशक में भारतीय बल्लेबाजी क्रम की रीढ़ बनने का सफर तय किया है। आज वे टीम की उप-कप्तान होने के साथ-साथ मैदान पर मानसिक मजबूती की मिसाल भी हैं।

हर प्रारूप में निरंतरता: वनडे और टी20 में मंधाना का दबदबा

स्मृति मंधाना की सबसे बड़ी ताकत उनकी तकनीकी श्रेष्ठता और हर फॉर्मेट के अनुसार खुद को ढालने की क्षमता है। साल 2025 में उनके रनों का वितरण उनकी क्लास को दर्शाता है। इस कैलेंडर वर्ष में उन्होंने वनडे क्रिकेट में 1,362 रन कूट डाले हैं, जबकि टी20 अंतरराष्ट्रीय में उनके बल्ले से 341 रन निकले हैं। वनडे में उनके द्वारा बनाए गए रनों की संख्या यह बताती है कि वे लंबी पारी खेलने में कितनी माहिर हैं। वहीं टी20 में उनका स्ट्राइक रेट विपक्षी गेंदबाजों के लिए किसी बुरे सपने जैसा रहा है।

अगर मंधाना के अब तक के ओवरऑल करियर पर नजर डालें, तो आंकड़े किसी भी महान खिलाड़ी को ईर्ष्या दे सकते हैं। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने महज 7 मैचों में 629 रन बनाए हैं, जिसमें दो शानदार शतक शामिल हैं। वनडे क्रिकेट में उनके नाम 117 मैचों में 5,322 रन दर्ज हैं, जिसमें 14 शतक और 34 अर्धशतक शामिल हैं। सबसे छोटे प्रारूप यानी टी20 अंतरराष्ट्रीय में उन्होंने 157 मैचों में 4,102 रन बनाए हैं, जो उन्हें इस फॉर्मेट की दूसरी सबसे सफल बल्लेबाज बनाता है। ये आंकड़े बताते हैं कि मंधाना केवल एक सत्र की ‘वंडर’ नहीं हैं, बल्कि वे एक दशक से लगातार अपने खेल के स्तर को ऊपर उठा रही हैं।

श्रीलंका के खिलाफ चौथे टी20 में रनों का तूफान

हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ चौथे टी20 मैच में मंधाना ने अपनी बल्लेबाजी का वह भयावह रूप दिखाया जिसे देखकर विपक्षी कप्तान बेबस नजर आए। मंधाना ने मात्र 48 गेंदों का सामना करते हुए 80 रनों की तूफानी पारी खेली। इस पारी के दौरान उन्होंने मैदान के हर कोने में शॉट लगाए। उनकी पारी में 11 शानदार चौके और 3 गगनचुंबी छक्के शामिल थे। मंधाना की इस आक्रामक बल्लेबाजी की बदौलत भारतीय महिला टीम ने टी20 अंतरराष्ट्रीय इतिहास का अपना सबसे बड़ा स्कोर 221/2 खड़ा किया।

भारत ने इस मैच को 30 रनों से जीतकर सीरीज में 4-0 की अजेय बढ़त बना ली है। मंधाना की यह पारी इसलिए भी महत्वपूर्ण थी क्योंकि इसने टीम के अन्य खिलाड़ियों को भी आत्मविश्वास दिया। उनकी और शेफाली वर्मा की जोड़ी अब विश्व क्रिकेट की सबसे घातक सलामी जोड़ियों में गिनी जाती है। मंधाना की बल्लेबाजी की सबसे खूबसूरत बात उनका ऑफ-ड्राइव है, जिसे क्रिकेट पंडित ‘कलात्मक’ करार देते हैं। लेकिन इस साल उन्होंने अपने पुल शॉट और स्वीप शॉट पर भी काफी काम किया है, जिसका परिणाम हमें स्कोरबोर्ड पर रनों के पहाड़ के रूप में दिख रहा है।

महिला क्रिकेट का बदलता स्वरूप और मंधाना की विरासत

स्मृति मंधाना का यह प्रदर्शन केवल व्यक्तिगत रिकॉर्ड्स तक सीमित नहीं है। यह भारतीय महिला क्रिकेट के उस स्वर्णिम युग का संकेत है जिसकी प्रतीक्षा दशकों से की जा रही थी। बीसीसीआई द्वारा पुरुष और महिला क्रिकेटरों के लिए समान मैच फीस की घोषणा के बाद खिलाड़ियों के प्रदर्शन में जो उछाल आया है, मंधाना उसका नेतृत्व कर रही हैं। जब एक महिला क्रिकेटर शुभमन गिल जैसे स्थापित पुरुष खिलाड़ी के रनों को चुनौती देती है, तो यह खेल की लोकप्रियता और स्वीकार्यता को एक नए स्तर पर ले जाता है।

स्मृति मंधाना अब केवल एक क्रिकेटर नहीं, बल्कि एक ब्रांड और करोड़ों युवा लड़कियों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। साल 2025 में उनकी यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि यदि अवसर और सुविधाएं दी जाएं, तो भारतीय बेटियां दुनिया के किसी भी मंच पर अपना परचम लहरा सकती हैं। अब सभी की निगाहें श्रीलंका के खिलाफ होने वाले आखिरी टी20 मैच पर टिकी हैं। क्या स्मृति मंधाना वे 62 रन बनाकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा पाएंगी? क्रिकेट जगत को इस ऐतिहासिक लम्हे का बेसब्री से इंतजार है।

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