पीएम मोदी से मिले ‘गोल्डन बॉय’ नीरज चोपड़ा: पत्नी हिमानी मोर के साथ पहुंचे 7 लोक कल्याण मार्ग, खेलों के भविष्य पर हुई चर्चा
नई दिल्ली: भारत के सबसे सफल ट्रैक एंड फील्ड एथलीट और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की। सात, लोक कल्याण मार्ग पर हुई इस मुलाकात की तस्वीरें खुद प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा की हैं। खास बात यह रही कि नीरज के साथ उनकी पत्नी हिमानी मोर भी मौजूद थीं। नीरज चोपड़ा की शादी के बाद प्रधानमंत्री के साथ उनकी यह पहली औपचारिक मुलाकात थी, जिसने खेल गलियारों में खूब सुर्खियां बटोरी हैं।
प्रधानमंत्री आवास पर खास मुलाकात और खेल चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीरज और हिमानी का गर्मजोशी से स्वागत किया। मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए पीएम मोदी ने लिखा, ‘नीरज चोपड़ा और उनकी पत्नी हिमानी मोर के साथ आज सात, लोक कल्याण मार्ग पर मुलाकात की। हमने इस दौरान खेल सहित विभिन्न मुद्दों पर बात की।’ यह मुलाकात केवल एक औपचारिक भेंट नहीं थी, बल्कि इसमें देश के खेल ढांचे को मजबूत करने और आने वाले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के लिए भारतीय एथलीटों की तैयारी जैसे विषयों पर भी चर्चा हुई। नीरज वर्तमान में अपने व्यस्त खेल सत्र से ब्रेक पर हैं, जिसके चलते उन्होंने इस समय का उपयोग प्रधानमंत्री से मिलने और भविष्य की योजनाओं को साझा करने के लिए किया।
नीरज चोपड़ा और हिमानी मोर: नई पारी की शुरुआत
इस साल नीरज चोपड़ा अपनी व्यक्तिगत जिंदगी के कारण भी चर्चा में रहे। उन्होंने पूर्व टेनिस खिलाड़ी हिमानी मोर के साथ विवाह बंधन में बंधकर अपनी नई पारी की शुरुआत की। हिमानी, जो खुद एक एथलीट रही हैं, नीरज के करियर और उनके संघर्षों को बखूबी समझती हैं। प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात के दौरान नीरज के चेहरे पर एक नई खुशी देखी गई। शादी के बाद से ही नीरज अपने परिवार को समय दे रहे हैं और माना जा रहा है कि यह ब्रेक उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से अगले सत्र के लिए और अधिक ऊर्जावान बनाएगा।
साल 2025: 90 मीटर का ऐतिहासिक रिकॉर्ड और बाधाएं
नीरज चोपड़ा के लिए साल 2025 एक ‘रोलरकोस्टर राइड’ की तरह रहा, जिसमें उन्होंने करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की तो कुछ जगहों पर उन्हें निराशा का सामना भी करना पड़ा। भारतीय खेलों के इतिहास में नीरज ने एक नया अध्याय तब लिखा जब उन्होंने अंततः 90 मीटर की जादुई बाधा को पार कर लिया। दोहा डायमंड लीग में नीरज ने अपने भाले को 90.23 मीटर की दूरी तक फेंका। इस थ्रो के साथ ही वह एशिया के तीसरे और दुनिया के 25वें ऐसे खिलाड़ी बन गए जिन्होंने 90 मीटर के क्लब में जगह बनाई। लंबे समय से भारतीय प्रशंसक नीरज से इस दूरी की उम्मीद कर रहे थे, जिसे उन्होंने इस साल पूरा कर दिखाया।
जीत का सिलसिला: पेरिस से लेकर घरेलू सरजमीं तक
इस साल नीरज का भाला कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चमका। उन्होंने पेरिस डायमंड लीग, गोल्डन स्पाइक मीट और एनसी क्लासिक के रूप में तीन महत्वपूर्ण खिताब अपने नाम किए। इनमें से ‘एनसी क्लासिक’ की जीत उनके दिल के सबसे करीब रही क्योंकि यह प्रतियोगिता भारत में आयोजित की गई थी। नीरज का हमेशा से सपना था कि वह अपने घरेलू दर्शकों और परिवार के सामने एक विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लें और पदक जीतें। एनसी क्लासिक में स्वर्ण जीतकर उन्होंने न केवल अपना सपना पूरा किया, बल्कि भारत में एथलेटिक्स के प्रति युवाओं के क्रेज को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया।
डायमंड लीग फाइनल और टोक्यो विश्व चैंपियनशिप की चुनौतियां
सफलता के शिखर के बीच साल के उत्तरार्ध में नीरज को कुछ कड़े मुकाबलों में हार का स्वाद भी चखना पड़ा। डायमंड लीग के फाइनल में उनका मुकाबला जर्मनी के जूलियन वेबर से था। इस कड़े संघर्ष में नीरज वेबर से थोड़ा पीछे रह गए और उन्हें दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। हालांकि, सबसे बड़ा उलटफेर सितंबर में टोक्यो में आयोजित विश्व चैंपियनशिप के दौरान हुआ। अपने खिताब का बचाव करने उतरे नीरज वहां अपनी लय में नजर नहीं आए। फाइनल मुकाबले में वह केवल 84.03 मीटर ही भाला फेंक सके और आठवें स्थान पर रहे। यह परिणाम उनके प्रशंसकों के लिए अप्रत्याशित था, क्योंकि नीरज से हमेशा पदक की उम्मीद की जाती है।
चोट और रिकवरी: अगले सीजन की तैयारी
टोक्यो में खराब प्रदर्शन के पीछे एक प्रमुख कारण नीरज की फिटनेस और रिकवरी को माना जा रहा है। लगातार अंतरराष्ट्रीय यात्राएं और टूर्नामेंट खेलने के कारण उनके शरीर पर अत्यधिक दबाव था। टोक्यो विश्व चैंपियनशिप के बाद नीरज ने स्वीकार किया था कि वह अपनी शत-प्रतिशत क्षमता के साथ मैदान पर नहीं उतर सके थे। यही कारण है कि अब वह एक लंबे ब्रेक पर हैं। प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात में भी संभवतः उन्होंने अपनी फिटनेस और भविष्य के ट्रेनिंग प्लान को लेकर चर्चा की है। नीरज अब ब्रेक के बाद नई तकनीक और बेहतर स्ट्रेंथ के साथ मैदान पर लौटने की योजना बना रहे हैं।
भारतीय खेलों के प्रेरणापुंज बने नीरज
नीरज चोपड़ा केवल एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि भारत में खेलों की बदलती तस्वीर का चेहरा बन चुके हैं। पीएम मोदी के साथ उनकी मुलाकात यह दर्शाती है कि देश के शीर्ष नेतृत्व का खेलों के प्रति कितना सकारात्मक दृष्टिकोण है। प्रधानमंत्री ने हमेशा नीरज के जुझारूपन की तारीफ की है और नीरज भी प्रधानमंत्री को अपनी उपलब्धियों का श्रेय देते रहे हैं। इस मुलाकात से एक बार फिर यह संदेश गया है कि भारत सरकार ओलंपिक और वैश्विक प्रतियोगिताओं में देश का नाम रोशन करने वाले एथलीटों के साथ हर कदम पर खड़ी है।
नीरज अब अपने ब्रेक को खत्म कर जल्द ही विदेशों में अपनी ट्रेनिंग शुरू कर सकते हैं। उनका लक्ष्य 2026 में होने वाले बड़े आयोजनों में एक बार फिर अपनी बादशाहत कायम करना है। प्रधानमंत्री के आशीर्वाद और 90 मीटर के रिकॉर्ड के आत्मविश्वास के साथ, दुनिया भर की निगाहें अब नीरज की वापसी पर टिकी हैं।