• December 25, 2025

This satellite image provided by Maxar Technologies shows a damaged structure from a military strike at Bholari Air Base in Northern Thatta District, Pakistan, on May 11, 2025. (Maxar Technologies via AP)

ऑपरेशन सिंदूर का असर: भारतीय हमले के 7 महीने बाद ‘मुरिद एयरबेस’ की मरम्मत में जुटा पाकिस्तान, सैटेलाइट तस्वीरों ने खोली पोल

नई दिल्ली | 18 दिसंबर, 2025

भारतीय वायुसेना (IAF) द्वारा मई 2025 में की गई विनाशकारी एयरस्ट्राइक के सात महीने बाद, पाकिस्तान के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मुरिद एयरबेस (Murid Airbase) पर पुनर्निर्माण की गतिविधियां तेज हो गई हैं। गूगल मैप्स और अन्य हाई-रिजॉल्यूशन सैटेलाइट इमेजरी से प्राप्त नई तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि पाकिस्तान अपने उन घावों को भरने की कोशिश कर रहा है, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान उसे मिले थे।

इन तस्वीरों ने न केवल पाकिस्तान के उस दावे को खारिज कर दिया है जिसमें उसने नुकसान न होने की बात कही थी, बल्कि भारतीय वायुसेना के सटीक हमलों (Precision Strikes) की सफलता पर भी मुहर लगा दी है।

तिरपाल के पीछे छिपाने की कोशिश: क्या कहती हैं तस्वीरें?

ताजा सैटेलाइट तस्वीरों में मुरिद एयरबेस का ‘कमांड और कंट्रोल सेंटर’ पूरी तरह से तिरपाल और निर्माण जालों (Construction Nets) से ढका हुआ नजर आ रहा है।

  • छत में छेद: मई में हुए हमले के तुरंत बाद की तस्वीरों में इस मुख्य इमारत की छत का एक बड़ा हिस्सा गिरा हुआ दिखा था।

  • नुकसान छिपाने की रणनीति: जून में केवल एक हिस्से पर हरा तिरपाल था, लेकिन अब पूरी इमारत को ढंक दिया गया है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि सेनाएं अक्सर ऐसे भारी तिरपालों का इस्तेमाल मलबे को हटाने, संवेदनशील उपकरणों की मरम्मत करने या सैटेलाइट निगरानी से वास्तविक नुकसान को छिपाने के लिए करती हैं।

भारतीय वायुसेना का ‘पैनेट्रेटर’ वारहेड: तबाही का नया हथियार

हालांकि भारतीय वायुसेना ने आधिकारिक तौर पर यह उजागर नहीं किया है कि मुरिद एयरबेस पर किस हथियार का उपयोग किया गया था, लेकिन इमारतों की स्थिति देखकर सैन्य विशेषज्ञों ने अपनी राय दी है।

माना जा रहा है कि भारत ने इस ऑपरेशन में पैनेट्रेटर वारहेड (Penetrator Warhead) से लैस मिसाइलों का उपयोग किया। ये हथियार पहले तेज रफ्तार से कंक्रीट की मोटी छत को भेदते हैं और इमारत के अंदर घुसने के बाद ‘डीले फ्यूज’ (Delayed Fuse) के जरिए विस्फोट करते हैं। इससे इमारत बाहर से तो खड़ी दिखती है, लेकिन अंदरूनी हिस्सा पूरी तरह मलबे में तब्दील हो जाता है।

मुरिद एयरबेस: पाकिस्तान का ‘ड्रोन हब’

पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में स्थित मुरिद एयरबेस पाकिस्तान के लिए क्यों इतना महत्वपूर्ण है?

यह एयरबेस पाकिस्तान के मानवरहित लड़ाकू विमान (UCAV) और ड्रोन संचालन का तंत्रिका केंद्र (Nerve Centre) है। यहाँ से संचालित होने वाले घातक ड्रोन में शामिल हैं:

  • तुर्किये के बायरकतर TB2 और अकिनजी

  • चीन के विंग लूंग-II

  • पाकिस्तान के स्वदेशी ड्रोन शाहपर और बुर्राक

भारत ने इसी ड्रोन इकोसिस्टम को निशाना बनाया था क्योंकि पाकिस्तान इसी एयरबेस का उपयोग भारत की सीमा में घुसपैठ और तस्करी के लिए कर रहा था।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि: क्यों करना पड़ा हमला?

10 मई 2025 की वह सुबह भारतीय सैन्य इतिहास में दर्ज है। पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा में 26 से अधिक जगहों पर ड्रोन घुसपैठ के बाद भारत का धैर्य जवाब दे गया था।

जब पाकिस्तान के DGMO शांति और सीजफायर की बात कर रहे थे, उससे कुछ घंटे पहले ही भारतीय वायुसेना के विमानों ने सरहद पार जाकर पाकिस्तान के हवाई रक्षा तंत्र को ध्वस्त कर दिया था। मुरिद एयरबेस के अलावा मुशाफ, जैकबाबाद और भोलारी जैसे अड्डों को भी भारी नुकसान पहुँचाया गया था।

पाकिस्तान के अन्य एयरबेस का हाल: कहाँ कितनी तबाही?

मुरिद के अलावा पाकिस्तान के कई अन्य प्रमुख सैन्य हवाई अड्डों पर भी मरम्मत का काम चल रहा है, जो भारत की कार्रवाई की व्यापकता को दर्शाता है:

एयरबेस हुए नुकसान का विवरण वर्तमान स्थिति
मुशाफ (सरगोधा) रनवे और महत्वपूर्ण ढांचा क्षतिग्रस्त। मरम्मत कार्य पूर्ण होने के करीब।
जैकबाबाद हैंगर तबाह, माना जा रहा है कि कुछ F-16 विमान नष्ट हुए। भारी सुरक्षा के बीच पुनर्निर्माण जारी।
भोलारी एक AWACS (अर्ली वार्निंग विमान) हैंगर के साथ तबाह। नए हैंगर का निर्माण शुरू।
सुक्कुर ड्रोन हैंगर पूरी तरह जमींदोज। मलबे को साफ किया गया है।
नूर खान (इस्लामाबाद) संवेदनशील संचार ढांचे को नुकसान। नए कंक्रीट ढांचे बनते दिख रहे हैं।

भारत का स्पष्ट संदेश

पाकिस्तान के एयरबेस पर चल रही यह मरम्मत की गतिविधियां इस बात का जीवित प्रमाण हैं कि भारतीय वायुसेना की क्षमता अब केवल सीमाओं की रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि वह दुश्मन के घर में घुसकर उसके रणनीतिक एसेट्स (Assets) को नष्ट करने में सक्षम है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने यह साफ कर दिया है कि ड्रोन घुसपैठ या किसी भी प्रकार की सीमा पार हिमाकत का जवाब अब इसी तरह की सर्जिकल एयरस्ट्राइक से दिया जाएगा। पाकिस्तान भले ही तिरपालों के पीछे अपना नुकसान छिपाने की कोशिश करे, लेकिन सैटेलाइट की आंखें और भारतीय सेना का संकल्प उसकी हर चाल को उजागर कर रहा है।

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