मनरेगा को निरस्त कर नया कानून लाने की तैयारी: प्रियंका गांधी ने पूछा- महात्मा गांधी का नाम क्यों हटा रहे?
नई दिल्ली, 15 दिसंबर 2025: कांग्रेस महासचिव और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार की मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) को निरस्त कर नया कानून लाने की तैयारी पर कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने सवाल उठाया कि योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाने के पीछे सरकार का मकसद क्या है? संसद परिसर में मीडिया से बातचीत में प्रियंका ने कहा, “जब किसी योजना का नाम बदला जाता है तो उसमें काफी खर्च आता है। महात्मा गांधी जी का नाम क्यों हटा रहे हैं? इनका मकसद क्या है?” उन्होंने नाम बदलने को अनावश्यक खर्च बताया और कहा कि कार्यालयों से लेकर स्टेशनरी तक सब बदलना पड़ता है।
नया विधेयक क्या है?
सरकार लोकसभा में ‘विकसित भारत—गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) बिल, 2025’ पेश करने की तैयारी में है। यह विधेयक 2005 के मनरेगा को निरस्त कर देगा। नए बिल में ग्रामीण परिवारों को 100 की बजाय 125 दिन रोजगार की गारंटी दी गई है, लेकिन राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा और योजना को ‘विकसित भारत 2047’ विजन से जोड़ा गया है। ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिल के उद्देश्य में कहा कि मनरेगा ने 20 सालों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन अब ग्रामीण भारत में बदलाव के कारण नई व्यवस्था जरूरी है। नए बिल में सेंट्रल और स्टेट काउंसिल बनाई जाएंगी।
संसद गतिरोध पर भी निशाना
प्रियंका ने संसद में गतिरोध के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “सरकार खुद सदन नहीं चलाना चाहती। विपक्ष प्रदूषण जैसे मुद्दों पर चर्चा चाहता है, लेकिन सरकार व्यवधान पैदा कर रही है।”यह बिल शीतकालीन सत्र में पेश होने की संभावना है, जिससे राजनीतिक बहस तेज हो गई है। विपक्ष इसे गांधी के नाम हटाने की साजिश बता रहा है, जबकि सरकार इसे ग्रामीण विकास का आधुनिकीकरण करार दे रही है।
प्रियंका ने संसद में गतिरोध के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “सरकार खुद सदन नहीं चलाना चाहती। विपक्ष प्रदूषण जैसे मुद्दों पर चर्चा चाहता है, लेकिन सरकार व्यवधान पैदा कर रही है।”यह बिल शीतकालीन सत्र में पेश होने की संभावना है, जिससे राजनीतिक बहस तेज हो गई है। विपक्ष इसे गांधी के नाम हटाने की साजिश बता रहा है, जबकि सरकार इसे ग्रामीण विकास का आधुनिकीकरण करार दे रही है।