यूपी बीजेपी में नया अध्यक्ष: 327 परिषद सदस्यों की लिस्ट जारी, खरमास से पहले ताजपोशी का ऐलान संभव
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने अपने नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। मंगलवार को पार्टी ने 84 संगठनात्मक जिलों के 327 प्रदेश परिषद सदस्यों की सूची घोषित कर दी, जिसे नए अध्यक्ष चुनने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। मौजूदा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और पार्टी 2026 के पंचायत व 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी में जुटी है। 16 दिसंबर से शुरू हो रहे खरमास से पहले ही नए अध्यक्ष की ताजपोशी हो सकती है।
चुनावी प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत:
बीजेपी ने यूपी के 98 संगठनात्मक जिलों में से 84 जिलों के जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी है। हर विधानसभा क्षेत्र से एक सदस्य को प्रदेश परिषद में शामिल किया गया है। ये 327 सदस्य ही नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में वोटर की भूमिका निभाएंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार, ये सदस्य सर्वसम्मति से नए चेहरे पर सहमति बनाएंगे।पार्टी का यह कदम 2024 लोकसभा चुनावों में मिले झटके के बाद ओबीसी वोटबैंक को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है। समाजवादी पार्टी के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले ने बीजेपी को नुकसान पहुंचाया था, इसलिए अब गैर-यादव ओबीसी चेहरे पर दांव खेला जा रहा है। यह 2017 की सफल रणनीति को दोहराने जैसा है, जब ओबीसी नेतृत्व ने पार्टी को मजबूत बनाया था।रेस में ये प्रमुख दावेदारसूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में सभी दावेदार गैर-यादव ओबीसी समुदाय से हैं।
प्रमुख नामों में शामिल हैं:
- धर्मपाल सिंह: योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री, पूर्वांचल में मजबूत पकड़।
- बीएल वर्मा: केंद्रीय मंत्री, संगठन में सक्रिय भूमिका।
- साध्वी निरंजन ज्योति: पूर्व सांसद, 2014-2019 में केंद्रीय मंत्री रह चुकीं।
ये चेहरे न केवल ओबीसी वोटबैंक को साधेंगे, बल्कि पार्टी की हिंदुत्व और विकास एजेंडे को भी मजबूत करेंगे।
आगे की रणनीति:
बीजेपी का लक्ष्य खरमास (16 दिसंबर से) से पहले चुनाव पूरा करना है। इसके बाद संगठन को 2026 पंचायत और 2027 विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति पर फोकस किया जाएगा। पार्टी महामंत्री के.एल. वर्मा ने कहा, “यह बदलाव संगठन को और मजबूत बनाएगा।”राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम सपा की PDA पॉलिटिक्स का सीधा जवाब है। ओबीसी समाज (लगभग 8-10% वोट शेयर) को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, खासकर पूर्वांचल और बुंदेलखंड में। नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान इसी हफ्ते हो सकता है, जो यूपी बीजेपी के भविष्य की दिशा तय करेगा।