दिल्ली में कब कराई जाएगी आर्टिफिशियल बारिश? रेखा गुप्ता ने किया तारीख का ऐलान !
नई दिल्ली, 24 अक्टूबर: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा को छू चुका है, और अब सरकार ने एक अनोखा हथियार उठाया है – कृत्रिम बारिश। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने क्लाउड सीडिंग के जरिए आर्टिफिशियल रेन की तारीख का ऐलान कर दिया है। यह पहल न केवल तकनीकी चमत्कार है, बल्कि दिल्ली की हवा को साफ करने का वैज्ञानिक प्रयास भी। बुराड़ी में सफल ट्रायल के बाद, क्या 29 अक्टूबर को बादल बरसेंगे? आइए, तीन हिस्सों में जानते हैं इस पहल की पूरी कहानी, जहां विज्ञान और पर्यावरण का मेल प्रदूषण पर विजय का वादा कर रहा है।
प्रदूषण की मार: कृत्रिम बारिश का फैसला
दिल्ली में एQI 400 से ऊपर पहुंच चुका है, और सांस लेना मुश्किल हो गया है। ऐसे में, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने क्लाउड सीडिंग को हरी झंडी दी। 23 अक्टूबर को बुराड़ी क्षेत्र में ट्रायल सफल रहा, जहां IIT कानपुर के विशेषज्ञों ने पायरो तकनीक से फ्लेयर्स दागे। गुप्ता ने X पर लिखा, “दिल्ली में पहली बार क्लाउड सीडिंग से कृत्रिम वर्षा की तैयारियां पूरी। मौसम विभाग ने 28-30 अक्टूबर को बादलों की संभावना बताई है। अनुकूल हालात में 29 अक्टूबर को दिल्ली पहली कृत्रिम बारिश का अनुभव करेगी।” यह तकनीक सिल्वर आयोडाइड जैसे रसायनों से बादलों में वर्षा को प्रेरित करती है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि ट्रायल फ्लाइट मेरठ से अलीगढ़ होते हुए दिल्ली पहुंची, जहां 40-50 मिनट तक टेस्टिंग हुई। यह कदम प्रदूषण से निपटने का ऐतिहासिक प्रयास है।
ट्रायल की सफलता: बुराड़ी से दिल्ली के आसमान पर
ट्रायल फ्लाइट IIT कानपुर से शुरू हुई, जो 4 घंटे चली। सेसना प्लेन ने खेकड़ा-बुराड़ी और बादली के ऊपर क्लाउड सीडिंग फ्लेयर्स फायर किए। सिरसा ने कहा, “मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व और PM मोदी के आशीर्वाद से सभी अनुमतियां मिलीं। यह उड़ान क्षमताओं का आकलन था।” दिल्ली सरकार करोल बाग में ट्रायल चाहती थी, लेकिन एयर ट्रैफिक कंट्रोल से परमिशन न मिलने पर बुराड़ी चुना गया। DGCA ने 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक वीएफआर नियमों के तहत अनुमति दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह ट्रायल सफल होने से 29 अक्टूबर को 40-50 मिनट में दिल्ली के कई इलाकों में बारिश संभव है। यह न केवल प्रदूषण कम करेगा, बल्कि जलवायु संतुलन के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा।
29 अक्टूबर का इंतजार: स्वच्छ हवा का सपनामौ
सम विभाग के अनुसार, 28-30 अक्टूबर को बादल रहने से 29 अक्टूबर को कृत्रिम बारिश हो सकती है। गुप्ता ने कहा, “यह पहल हवा को स्वच्छ बनाने का वैज्ञानिक तरीका है।” सिरसा ने पूर्व सरकारों की आलोचना की, कहा कि वे सिर्फ बातें करती रहीं। यह प्रोजेक्ट 3.21 करोड़ रुपये का है, जो हिंदन एयरबेस से संचालित होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि क्लाउड सीडिंग PM2.5 को 30-40% तक कम कर सकती है। दिल्लीवासी अब इस अनोखे प्रयास से उम्मीद बांधे हैं। अगर सफल रहा, तो यह अन्य प्रदूषित शहरों के लिए मॉडल बनेगा। सिरसा ने सभी अधिकारियों को बधाई दी, जो इस नवाचार को साकार करने में जुटे हैं।