• October 26, 2025

अयोध्या में रामलला के दर्शन का नया समय: शीत ऋतु में बदली व्यवस्था, जानें पूरा विवरण

अयोध्या, भगवान श्रीराम की पावन नगरी, एक बार फिर सुर्खियों में है। शीत ऋतु के आगमन के साथ ही राम मंदिर में रामलला के दर्शन और आरती के समय में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। यह नई व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए सुगम और सुव्यवस्थित अनुभव सुनिश्चित करने के लिए लागू की गई है। इसके साथ ही, इस वर्ष जनवरी से जून तक 23 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने अयोध्या में दर्शन किए, जो इस पवित्र स्थल की बढ़ती वैश्विक लोकप्रियता को दर्शाता है। मंदिर के कपाट कब खुलेंगे, कब बंद होंगे, और नई समय-सारणी क्या है? यह खबर हर राम भक्त के लिए महत्वपूर्ण है। आइए, जानते हैं पूरी खबर क्या है।

नई समय-सारणी का खुलासा

शीत ऋतु के आगमन के साथ अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के दर्शन और आरती की समय-सारणी में बदलाव किया गया है। अब श्रद्धालु सुबह 7:00 बजे से रात 9:00 बजे तक रामलला के दर्शन कर सकेंगे। मंगला आरती सुबह 4:30 बजे होगी, जबकि श्रृंगार आरती और दर्शन मार्ग से प्रवेश सुबह 6:30 बजे शुरू होगा। दोपहर 12:00 बजे से 1:00 बजे तक भोग आरती के लिए मंदिर के कपाट बंद रहेंगे। रात 9:00 बजे डी-वन से प्रवेश बंद होगा, 9:15 बजे दर्शन समाप्त होंगे, और 9:30 बजे शयन आरती के बाद कपाट बंद कर दिए जाएंगे। यह नई व्यवस्था श्रद्धालुओं की सुविधा और मंदिर की व्यवस्थित संचालन के लिए लागू की गई है।

श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या

 जनवरी से जून 2025 तक अयोध्या में 23,82,14,737 श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए। इनमें 23,81,64,744 भारतीय और 49,993 विदेशी श्रद्धालु शामिल हैं। यह आंकड़ा अयोध्या की बढ़ती वैश्विक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक लोकप्रियता को दर्शाता है। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा 2017 से शुरू किए गए दीपोत्सव जैसे आयोजनों ने अयोध्या को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित किया है। इन आयोजनों ने न केवल भारतीय बल्कि विदेशी श्रद्धालुओं का ध्यान भी आकर्षित किया है। अयोध्या में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति दी है, जिससे पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं।

अयोध्या का वैश्विक आकर्षण

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या को एक वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दीपोत्सव जैसे आयोजनों ने अयोध्या की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। इस कारण विदेशी श्रद्धालुओं की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 49,993 विदेशी पर्यटकों का आगमन इस बात का प्रमाण है कि अयोध्या अब केवल भारत तक सीमित नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर आकर्षण का केंद्र बन चुकी है। बयान में यह भी कहा गया कि सरकार की नीतियों और बेहतर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं के लिए सुगम और सुरक्षित दर्शन व्यवस्था सुनिश्चित की है।

स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

अयोध्या में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई गति दी है। 23 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन से होटल, परिवहन, और स्थानीय दुकानों जैसे व्यवसायों में तेजी आई है। दीपोत्सव और अन्य सांस्कृतिक आयोजनों ने पर्यटन को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसरों में वृद्धि की है। आधिकारिक बयान के अनुसार, अयोध्या में पर्यटकों की संख्या में निरंतर वृद्धि से छोटे और मध्यम व्यवसायों को लाभ हुआ है। साथ ही, सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे के विकास और बेहतर सुविधाओं ने श्रद्धालुओं के अनुभव को और समृद्ध किया है। यह न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए भी एक मील का पत्थर साबित हो रहा है।
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Rama Niwash Pandey

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