दिल्ली-NCR में दिवाली पर ग्रीन पटाखों की रौनक: सुप्रीम कोर्ट की अनुमति, सख्त शर्तों के साथ
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर 2025: दिवाली की तैयारियां जोरों पर हैं, और दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों की बिक्री और फोड़ने की अनुमति दे दी है, लेकिन सख्त शर्तों के साथ। यह फैसला अप्रैल 2025 के पूर्ण प्रतिबंध को कुछ हद तक ढील देता है, जहां प्रदूषण की चिंता बनी हुई है। कोर्ट ने इसे ‘ट्रायल बेसिस’ पर मंजूर किया, ताकि पर्यावरण और त्योहार का संतुलन बने। पारंपरिक पटाखों पर बैन कायम है, और ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल भी सीमित समय और मात्रा में होगा। क्या हैं ये शर्तें और क्यों लिया गया यह फैसला? पूरी डिटेल्स आगे…
ग्रीन पटाखों पर ढील: 18-21 अक्टूबर तक, रात 8-10 बजे
सुप्रीम कोर्ट की बेंच, सीजेआई बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन ने 15 अक्टूबर को आदेश दिया। ग्रीन पटाखे (NEERI और PESO प्रमाणित, कम उत्सर्जन वाले) की बिक्री 18 से 21 अक्टूबर तक अनुमत है, लेकिन फोड़ने का समय सिर्फ रात 8 से 10 बजे तक। यह दिवाली (20-21 अक्टूबर) और आसपास के पांच दिनों के लिए ‘ट्रायल बेसिस’ पर है। कोर्ट ने कहा, ‘संतुलित दृष्टिकोण जरूरी—पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक महत्व का बैलेंस।’ दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद में लागू। बाहरी राज्यों से पटाखों की आवक पर पूर्ण रोक—केवल NCR में निर्मित या प्रमाणित। नकली ग्रीन पटाखे पाए जाने पर लाइसेंस रद्द। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने 8-10 बजे का समय सुझाया, जो मंजूर।
निर्माताओं पर सख्ती: क्यूआर कोड, गश्ती दल की जांच
कोर्ट ने 14 अक्टूबर 2024 के आदेश का हवाला दिया, जिसमें दिल्ली सरकार ने पूर्ण प्रतिबंध लगाया था। अब कोर्ट ने कहा, ‘पिछले अनुभव से सीख—ग्रीन पटाखों ने प्रदूषण कम किया, लेकिन पूर्ण अनुपालन जरूरी।’ हर ग्रीन पटाखे पर क्यूआर कोड अनिवार्य, जो वेबसाइट पर अपलोड होगा—ट्रेसिबिलिटी के लिए। गश्ती दल (CAQM, DPCC, पुलिस) नियमित जांच करेंगे। सितंबर 2025 में कोर्ट ने NCR में मैन्युफैक्चरिंग की अनुमति दी, लेकिन सेल बैन रखी। अब ट्रायल सेल मंजूर, लेकिन मात्रा सीमित (प्रति व्यक्ति 600 ग्राम)। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर NCR में बिक्री निषिद्ध। उल्लंघन पर जुर्माना, जेल। सीनियर एडवोकेट के परमेश्वर ने मैन्युफैक्चरर्स का पक्ष रखा, अमीकस क्यूरी अपराजिता सिंह ने प्रदूषण चेतावनी दी।
प्रदूषण चिंता बरकरार: AQI मध्यम, सर्दी से खतरा
दिल्ली का AQI 189 (मध्यम) है, लेकिन दिवाली पर पटाखों से स्पाइक की आशंका। CPCB डेटा: PM2.5 स्तर 60-80 माइक्रोग्राम, जो WHO लिमिट से ऊपर। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 अर्जुन गोपाल केस का जिक्र किया, जहां ग्रीन पटाखों को मंजूरी मिली। अप्रैल 2025 के पूर्ण बैन को अब ढील—ट्रायल के तौर पर। विशेषज्ञ: ग्रीन पटाखे 30% कम प्रदूषण, लेकिन सर्दी और फसल अवशेष जलाने से खतरा। दिल्ली सरकार ने 2024 के आदेश का उल्लेख किया, जहां पूर्ण बैन था। अब संतुलन: त्योहार की खुशी, पर्यावरण की रक्षा। फैंस उत्साहित, लेकिन एनजीओ सतर्क—’ट्रायल फेल न हो।’ क्या यह दिवाली ग्रीन होगी? समय बताएगा।
