• October 20, 2025

महाराष्ट्र में NCP विधायक का विवादित बयान: दिवाली पर ‘हिंदू दुकानों’ से खरीदारी की अपील से भड़का सियासी बवाल

मुंबई, 12 अक्टूबर 2025: महाराष्ट्र में दिवाली की खरीदारी को लेकर NCP (अजित पवार गुट) के विधायक संग्राम जगताप का बयान सियासी हलचल मचा रहा है। सोलापुर में हिंदू आक्रोश मोर्चा के दौरान उन्होंने हिंदुओं से अपील की कि ‘दिवाली पर सिर्फ हिंदू दुकानदारों से ही सामान खरीदें ताकि लाभ हिंदू समाज को मिले’। इस बयान पर पार्टी प्रमुख और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने जगताप को शो-कॉज नोटिस जारी करने की घोषणा की, क्योंकि यह पार्टी की सेक्युलर छवि के खिलाफ है। अहिल्यानगर से तीन बार विधायक जगताप का यह बयान NDA गठबंधन के बीच वैचारिक टकराव को उजागर करता है। क्या यह पार्टी के वोटबैंक को नुकसान पहुंचाएगा? आइए, इस विवाद के प्रमुख आयामों को समझते हैं।

विधायक का विवादित बयान: हिंदू मोर्चा में गूंजी अपील

सोलापुर जिले में आयोजित हिंदू आक्रोश मोर्चा की सभा में NCP विधायक संग्राम जगताप ने दिवाली की खरीदारी पर खास अपील की। उन्होंने कहा, ‘मैं आप सभी से विनती करता हूं कि दिवाली के वक्त सिर्फ हिंदू व्यक्ति की दुकान से ही वस्तु खरीदें, ताकि सारा नफा सिर्फ हिंदू व्यक्ति को ही हो।’ यह बयान सभा में तालियों की गड़गड़ाहट के साथ गूंजा, लेकिन जल्द ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जगताप, जो अहिल्यानगर शहर विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार विधायक चुने गए हैं, ने हाल के दिनों में फुले-शाहू-आंबेडकर विचारधारा से हटकर ऐसे बयान दिए हैं। यह अपील हिंदू समाज को एकजुट करने का प्रयास लगी, लेकिन विपक्षी दलों ने इसे सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया। जगताप का यह बयान पार्टी की सेक्युलर इमेज को चुनौती देता नजर आया, जिससे आंतरिक कलह की आशंका बढ़ गई।

अजित पवार की नाराजगी: सेक्युलर छवि पर खतरा

एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने विधायक संग्राम जगताप के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘जब तक अरुणकाका जगताप (संग्राम के पिता) जीवित थे, सब ठीक था। अब अतिरिक्त बोझ महसूस हो रहा है।’ पवार ने स्पष्ट किया कि यह बयान पार्टी की नीति और विचारधारा के खिलाफ है। उन्होंने जगताप को शो-कॉज नोटिस जारी करने की घोषणा की, जिसमें बयान पर सफाई मांगी गई है। अजित पवार ने NDA गठबंधन में शामिल होने के समय ही कहा था कि यह राजनीतिक गठबंधन है, वैचारिक नहीं। महायुति सरकार में उपमुख्यमंत्री के तौर पर काम करते हुए पवार ने पार्टी की सेक्युलर छवि को बार-बार रेखांकित किया है। जगताप जैसे नेताओं के ऐसे बयान पार्टी के पारंपरिक वोटबैंक, खासकर अल्पसंख्यकों और OBC समुदाय को प्रभावित कर सकते हैं। यह विवाद NCP के आंतरिक संतुलन को परखने का मौका बन गया है।

पार्टी वोटबैंक पर असर: वैचारिक टकराव की आशंका

संग्राम जगताप का बयान NCP के वोटबैंक पर गहरा असर डाल सकता है। पार्टी, जो फुले-आंबेडकर विचारधारा पर टिकी है, ऐसी सांप्रदायिक अपील से अपनी सेक्युलर पहचान खोने का खतरा झेल रही है। अजित पवार ने नोटिस जारी कर पार्टी अनुशासन को मजबूत करने का संदेश दिया, लेकिन विपक्ष ने इसे NDA के दबाव में ढलते NCP का प्रमाण बताया। जगताप के पिता अरुण जगताप के समय पार्टी में सब कुछ सुचारू था, लेकिन अब बेटे के बयान ने आंतरिक असंतोष पैदा कर दिया। आने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में यह विवाद गठबंधन की एकजुटता को चुनौती दे सकता है। पवार गुट ने स्पष्ट किया कि ऐसे बयानों से वोटबैंक प्रभावित होगा, इसलिए सख्त कार्रवाई जरूरी है। यह घटना महाराष्ट्र की सियासत में वैचारिक ध्रुवीकरण को नई बहस छेड़ रही है, जहां सेक्युलरिज्म बनाम सांप्रदायिकता का सवाल फिर से गर्म हो गया।
Digiqole Ad

Rama Niwash Pandey

https://ataltv.com/

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *