नई दिल्ली, 8 अक्टूबर 2025: दिल्ली के हौज काजी इलाके में एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। दो युवतियां छत पर टहलते हुए अचानक नीचे गिर पड़ीं, जिसमें एक की मौके पर मौत हो गई। दूसरी लड़की की हालत गंभीर बनी हुई है। पड़ोसन और घनिष्ठ दोस्त बताई जा रही दोनों लड़कियां रोज की दिनचर्या निभा रही थीं, लेकिन एक पल की चूक ने सब तबाह कर दिया। क्या यह दुर्घटना थी या छत की खराब हालत जिम्मेदार? मृतक लड़की की हाल ही में हुई शादी ने परिवार को और तोड़ दिया। तृप्ति के भाई की गवाही क्या छिपा रही? आगे जानें इस दर्दनाक घटना की पूरी परतें।
हौज काजी की संकरी गली में मची सनसनी: सुनीता की मौत
सोमवार दोपहर करीब 3 बजे हौज काजी थाना क्षेत्र के हकीम बक्का इलाके में एक पुरानी बस्ती की छत से दो लड़कियां गिरने की खबर फैल गई। 21 वर्षीय सुनीता, जो फरवरी 2025 में शादी के बंधन में बंधी थी, अपनी ससुराल के लकवा प्रभावित पति के इलाज के लिए मायके लौटी हुई थी। वह और उसकी 19 वर्षीय पड़ोसन तृप्ति उर्फ गुनगुन रोजाना आसपास के घरों की छतों पर टहलतीं—शायद तनाव कम करने या ताजी हवा लेने के लिए। लेकिन आज छत की जर्जर रेलिंग ने साथ दे दिया। सुनीता पहले गिरी, सिर पर गहरी चोट लगी और खोपड़ी फट गई। संकरी गली में वह खून से लथपथ पड़ी मिली। स्थानीय लोगों ने चीखें सुनीं, लेकिन मदद पहुंचने तक देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने मौके पर ही मौत की पुष्टि की। सुनीता का परिवार सदमे में है—उसकी शादी को आठ महीने ही हुए थे, और वह मां बनने की उम्मीद में थी। पुलिस ने पीएम करवाया, जो दुर्घटना की ओर इशारा कर रहा है।
तृप्ति की गवाही का इंतजार: भाई ने सुनीं चीखें, परिवार टूटा
घटना के चश्मदीद तृप्ति के भाई ने पुलिस को बताया कि वह दोपहर में छत पर गया था। ‘बहन और सुनीता दीदी सामान्य लग रही थीं, हंस रही थीं। मैंने नीचे आने को कहा, लेकिन वे टहलने लगीं,’ उसने कहा। घर लौटते ही एक तेज धड़ाक की आवाज आई—जैसे भारी सामान गिरा हो। बाहर भागा तो तृप्ति खून में लिपटी पड़ी थी, सुनीता बेसुध। तृप्ति को परिवार ने तुरंत राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचाया, जहां वह वेंटिलेटर पर है। सिर और रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर, डॉक्टरों ने बताया कि हालत नाजुक है—बयान लेना मुश्किल। तृप्ति और सुनीता पड़ोसन थीं, बचपन से दोस्त। रोज शाम को छत पर गपशप, गाने गुनगुनातीं। लेकिन आज की टहल नाटकीय रूप से बदल गई। पुलिस ने परिजनों से पूछताछ की, कोई झगड़ा या मानसिक तनाव नहीं मिला। सुनीता के पति ने फोन पर रोते हुए कहा, ‘वह मेरा सहारा थी, अब क्या होगा?’ परिवारों के बीच शोक की लहर दौड़ गई।
पुलिस जांच में फोकस: दुर्घटना या लापरवाही? भविष्य की चेतावनी
हौज काजी पुलिस ने आईपीसी की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत केस दर्ज किया। एसएचओ ने बताया कि छत की जांच चल रही—रेलिंग जंग लगी थी, शायद फिसलन या हवा का झोंका जिम्मेदार। आसपास के घरों की छतें पुरानी हैं, बिना सुरक्षा। सीसीटीवी फुटेज चेक हो रहे, लेकिन संकरी गलियों में कैमरे कम। सुनीता के शव को पीएम के बाद परिजनों को सौंप दिया। तृप्ति की हालत स्थिर हो रही, लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि रिकवरी लंबी चलेगी। यह हादसा दिल्ली की पुरानी बस्तियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रहा—कई छतें बिना ग्रिल, बिना मेंटेनेंस। एनजीओ ने मांग की कि म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन छतों का ऑडिट करे। सुनीता का परिवार अंतिम संस्कार में रोया, जबकि तृप्ति के घर प्रार्थना सभा। पुलिस ने अपील की: ऊंचाई पर सावधानी बरतें। यह घटना दो परिवारों को तोड़ चुकी, लेकिन शायद दूसरों के लिए सबक बने।