बिहार चुनाव में कैश कैरी करने के नए नियम: 50 हजार से ज्यादा पर जब्ती का खतरा, जानें पूरी डिटेल
पटना, 7 अक्टूबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही आदर्श आचार संहिता (MCC) लागू हो गई है। इसका मकसद निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना है, ताकि काला धन या अनुचित फायदा किसी को न मिले। उम्मीदवारों के लिए खर्च सीमा 40 लाख रुपये तय है, और आम नागरिक 50 हजार रुपये से ज्यादा कैश लेकर नहीं चल सकते। बिना दस्तावेज के कैश जब्त हो सकता है। क्या आप तैयार हैं इन नियमों का पालन करने के लिए? आइए, जानते हैं सारे नियम और बचाव के तरीके।
चुनाव खर्च और कैश लिमिट: उम्मीदवारों और आम लोगों के लिए सख्ती
चुनाव आयोग ने बिहार चुनाव 2025 के लिए प्रति उम्मीदवार 40 लाख रुपये की खर्च सीमा तय की है। हर उम्मीदवार को चुनाव खर्च के लिए अलग बैंक खाता खोलना होगा, और 10 हजार से ज्यादा का हर लेन-देन इसी से होगा। काला धन रोकने के लिए नकद ले जाने की सीमा 50 हजार रुपये तय की गई है। अगर किसी के पास 50 हजार से ज्यादा कैश मिलता है और जायज दस्तावेज नहीं दिखा पाता, तो राशि जब्त हो जाएगी। यह नियम 6 नवंबर (पहला चरण) से 14 नवंबर (गिनती) तक लागू रहेगा। आयोग ने चेकपोस्ट्स पर निगरानी बढ़ा दी है, जहां कैश, शराब और ड्रग्स की सघन जांच होगी।
कैश ले जाते समय क्या रखें सावधानी: दस्तावेजों की पूरी लिस्ट
50 हजार से ज्यादा कैश ले जाना है? तो ये दस्तावेज साथ रखें, वरना परेशानी हो सकती है:
- फोटो ID प्रूफ: आधार कार्ड, वोटर ID या पैन कार्ड।
- कैश का सोर्स: बैंक से निकाला तो विथड्रॉल स्लिप या SMS; व्यापारी हैं तो बिल्स या सेल्स रिकॉर्ड।
- उद्देश्य का प्रमाण: किसे पेमेंट करना है, उसका विवरण या रसीद।
- बैंक/ATM वाहनों के लिए: ब्रांच का नाम, डेस्टिनेशन, राशि और उद्देश्य का सर्टिफिकेट। बिना इसके संदिग्ध माना जाएगा।
- सोना/ज्वेलरी के लिए: 50 हजार तक (करीब 5 ग्राम) के लिए बिल; 10 लाख से ज्यादा पर इनकम टैक्स को सूचना। अगर जब्त हो जाए, तो तुरंत दस्तावेज दिखाकर रिकवर कर सकते हैं। चुनाव बाद भी आयोग संतुष्ट हो तो राशि लौटाई जा सकती है।
उल्लंघन पर क्या होगा: जब्ती से जेल तक की सजा
दस्तावेज न दिखाने पर कैश जब्त होगा। अगर स्रोत स्पष्ट न हो, तो IPC की धारा 102 (चोरी) या 420 (धोखाधड़ी) के तहत केस। उम्मीदवारों के लिए खर्च सीमा लांघने पर नामांकन रद्द या सजा। आयोग ने बिहार में स्पेशल टास्क फोर्स बनाई है, जो कैश मूवमेंट पर नजर रखेगी। 2020 चुनावों में 100 करोड़ से ज्यादा कैश जब्त हुआ था—इस बार और सख्ती। क्या ये नियम निष्पक्षता सुनिश्चित करेंगे? जनता का विश्वास चुनावी पारदर्शिता पर टिका है।
