फरहान अख्तर के परिवार में धोखे की साजिश: क्या एक ड्राइवर की चाल ने 12 लाख की चोरी कर दी?
मुंबई, 4 अक्टूबर 2025: एक विश्वासघात जो किसी को भी हिला दे—क्या फरहान अख्तर के नाम पर जारी कार्ड की आड़ में उनके घर का ड्राइवर सालों से जेब भर रहा था? हनी ईरानी के साथ 12 लाख की धोखाधड़ी का मामला सामने आया, जहां ड्राइवर ने पेट्रोल पंप पर फर्जी ट्रांजेक्शन कर कैश उगाही की। मैनेजर दिया भाटिया की शिकायत पर बांद्रा पुलिस ने केस दर्ज किया, लेकिन सवाल वही—कैसे 35 लीटर वाली टैंक में 62 लीटर का फ्यूल दिखा, और 7 साल पुरानी बिकी कार के नाम पर भी बिल? आइए, इस सनसनीखेज साजिश की पूरी परतें खोलें, जहां विश्वास टूटा और कानून ने दखल दिया।
फर्जी फ्यूल बिल से शुरू हुई जांच
फिल्म निर्देशक फरहान अख्तर की मां, मशहूर स्क्रीनराइटर हनी ईरानी के ड्राइवर नरेश सिंह (35) पर 12 लाख की ठगी का आरोप लगा। 1 अक्टूबर को ईरानी की मैनेजर दिया भाटिया (36) ने बांद्रा पुलिस में शिकायत दर्ज की, जब फ्यूल रिकॉर्ड्स चेक करने पर गड़बड़ी पकड़ी। एक मर्सिडीज कार की टैंक क्षमता 35 लीटर थी, लेकिन बिल में 62 लीटर डीजल दिखा। साथ ही, 7 साल पहले बेच दी गई कार के नाम पर भी ट्रांजेक्शन। जांच में पता चला कि नरेश ने फरहान के नाम पर जारी तीन फ्यूल कार्ड्स का दुरुपयोग किया—2022 से अप्रैल तक हर महीने 1,000-1,500 रुपये कैश निकालता। पेट्रोल पंप कर्मचारी अरुण सिंह (52) ने कार्ड स्वाइप कर कैश लौटाया, अपना हिस्सा काटकर। दिया ने नरेश से पूछताछ की, तो असंतोषजनक जवाब मिला—बाद में मीटिंग में कबूल लिया। ये साजिश बांद्रा झील के पास एसवी रोड पेट्रोल पंप पर चली।
पूर्व ड्राइवर से कार्ड, कैश के बदले फर्जी स्वाइप
नरेश ने कबूल किया कि 2022 में फरहान के पूर्व ड्राइवर संतोष कुमार से तीन कार्ड लिए। तब से बांद्रा लेक के पास पंप पर फर्जी स्वाइप—फ्यूल भरे बिना ट्रांजेक्शन, अरुण कैश देता। कुल 12 लाख की ठगी, अप्रैल 2022 से सितंबर 2025 तक। पुलिस ने पाया कि बिकी कार के नाम पर भी बिल बनाए, और गाड़ियों में असल फ्यूल न भरकर सिर्फ रिकॉर्ड फर्जी। दिया ने रिकॉर्ड्स वेरिफाई कर पकड़ा—एक कार्ड से पेट्रोल-डीजल दोनों का दावा झूठा। अरुण ने अपना कट लेने के बाद बाकी नरेश को दिया। ये मामला विश्वासघात का—परिवार का ड्राइवर, जो सालों से नौकरी में, ने चुपके से जेब भरी। फरहान का नाम कार्ड पर होने से ठगी आसान। पुलिस ने सीसीटीवी और ट्रांजेक्शन डिटेल्स जब्त कीं।
BNS धाराओं में केस, आरोपी फरार?
बांद्रा पुलिस ने FIR नंबर 1668/2025 दर्ज किया—BNS की धारा 316(2) (आपराधिक विश्वासघात), 318(4) (धोखाधड़ी), 3(5) (सामान्य प्रावधान) के तहत। नरेश और अरुण के खिलाफ कार्रवाई, लेकिन दोनों फरार। जांच अधिकारी ने कहा, “ट्रांजेक्शन हिस्ट्री से पुष्टि, जल्द गिरफ्तारी।” ईरानी परिवार स्तब्ध—हनी, जो ‘रॉक ऑन’ जैसी फिल्मों की लेखिका, ने चुप्पी साधी। फरहान ने कोई बयान नहीं दिया। विशेषज्ञ कहते हैं, ऐसे केसों में कार्ड मिसयूज आम, लेकिन परिवारिक ड्राइवर का शामिल होना शॉकिंग। क्या ये केस सख्त सजा का उदाहरण बनेगा? हां, पुलिस ने 48 घंटे में गिरफ्तारी का भरोसा दिया।
