कांग्रेस को बड़ा झटका: पटना हाईकोर्ट ने पीएम मोदी की मां के AI वीडियो को तुरंत हटाने का दिया आदेश
पटना, 17 सितंबर 2025: राजनीतिक हलचल से भरे बिहार में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। बिहार कांग्रेस के आईटी सेल द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर किए गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत मां हीराबेन मोदी के एआई-जनरेटेड वीडियो को लेकर पटना हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने कांग्रेस को निर्देश दिया है कि इस वीडियो को तुरंत हटा लिया जाए। साथ ही, कोर्ट ने इस मामले की जांच तेज करने का आदेश भी दिया है। यह फैसला भाजपा की शिकायत पर आया है, जिसने कांग्रेस पर प्रधानमंत्री और उनकी मां का अपमान करने का आरोप लगाया था।यह विवाद 10 सितंबर को शुरू हुआ, जब बिहार कांग्रेस के आधिकारिक एक्स हैंडल से एक वीडियो पोस्ट किया गया। इस वीडियो में एआई तकनीक का इस्तेमाल करके हीराबेन मोदी को दिखाया गया था, जिसमें वे कथित रूप से पीएम मोदी से राजनीति छोड़ने की बात कर रही हैं। वीडियो में हीराबेन कहती नजर आ रही हैं, “बेटा, राजनीति के चक्कर में इतना मत गिरो। देश की सेवा करो, लेकिन परिवार को मत भूलो।” यह वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया। कई लोगों ने इसे फर्जी और अपमानजनक बताया। भाजपा नेताओं ने इसे महिलाओं की गरिमा का अपमान करार दिया।भाजपा नेता संकेत गुप्ता ने सबसे पहले दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उनकी शिकायत में कहा गया कि यह वीडियो प्रधानमंत्री की छवि खराब करने और उनकी मां का अपमान करने के लिए बनाया गया है।
दिल्ली पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 336 (जालसाजी) और 340(2) (जाली दस्तावेज) के तहत कांग्रेस आईटी सेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। पुलिस ने सभी डिजिटल सबूत सुरक्षित कर लिए हैं और साइबर सेल की मदद से जांच शुरू कर दी है। लेकिन मामला यहीं नहीं रुका। भाजपा ने बिहार हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की, जिसमें वीडियो को हटाने और कांग्रेस पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई। पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि एआई का दुरुपयोग लोकतंत्र के लिए खतरा है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जस्टिस ने कांग्रेस को 24 घंटे के अंदर वीडियो हटाने का सख्त निर्देश दिया।कांग्रेस पार्टी इस मामले में बैकफुट पर आ गई है। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि यह वीडियो किसी अनधिकृत व्यक्ति द्वारा बनाया गया लगता है और पार्टी जांच कर रही है। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष ने स्पष्ट किया, “हम प्रधानमंत्री और उनकी मां का सम्मान करते हैं। अगर कोई गलती हुई है, तो दोषी पर कार्रवाई होगी।” लेकिन भाजपा ने कांग्रेस के इस बयान को खारिज कर दिया। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “कांग्रेस ने मां की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। यह शर्मनाक है।
राहुल गांधी और उनकी टीम को मां का सम्मान क्या होता है, पता ही नहीं।” गिरिराज सिंह ने आगे कहा कि इस वीडियो के लिए सामाजिक और कानूनी सजा मिलनी चाहिए। भाजपा ने इसे कांग्रेस की हताशा का परिणाम बताया और कहा कि बिहार चुनाव से पहले विपक्ष ऐसी चालें चला रहा है।यह वीडियो कैसे बना, इसका खुलासा अभी तक नहीं हुआ है। एआई तकनीक आजकल बहुत तेजी से फैल रही है। साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने बताया कि भारत में एआई के लिए कोई अलग कानून नहीं है, लेकिन आईटी एक्ट और बीएनएस के तहत यह इलेक्ट्रॉनिक धोखाधड़ी माना जाता है। दुग्गल ने कहा, “ऐसे वीडियो बनाने वालों को कई साल की जेल और भारी जुर्माना हो सकता है। प्लेटफॉर्म जैसे एक्स को भी कंटेंट हटाने का आदेश दिया जा सकता है।” विशेषज्ञों का मानना है कि एआई का गलत इस्तेमाल चुनावी माहौल को और गर्म कर सकता है। बिहार में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान पहले ही पीएम मोदी को मां की गाली देने का आरोप लगा था, जिसके बाद यह वीडियो आया। इससे विवाद और बढ़ गया।राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह घटना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है। बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और ऐसे विवाद से पार्टी की छवि खराब हो रही है। एक तरफ कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी एकता की बात कर रही है, वहीं दूसरी तरफ ऐसे कदम पार्टी को पीछे धकेल रहे हैं। भाजपा ने इसे मुद्दा बनाकर कांग्रेस पर हमला बोला है।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा, “कांग्रेस ने मां-मां का राग अलापा था, लेकिन खुद पीएम की मां का अपमान किया। यह उनकी सच्चाई है।”इस मामले ने एआई के नैतिक इस्तेमाल पर भी बहस छेड़ दी है। कई संगठन अब सरकार से मांग कर रहे हैं कि एआई कंटेंट पर सख्त नियम बनाए जाएं। पटना हाईकोर्ट का यह फैसला एक मिसाल बन सकता है। कोर्ट ने न सिर्फ वीडियो हटाने का आदेश दिया, बल्कि भविष्य में ऐसे मामलों पर तुरंत कार्रवाई करने को कहा है। पुलिस जांच में अगर कांग्रेस आईटी सेल के किसी नेता का नाम आया, तो मामला और गंभीर हो जाएगा। फिलहाल, वीडियो एक्स से हटा लिया गया है, लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा।बिहार की सियासत में यह नया मोड़ आया है, जहां दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर कीचड़ उछाल रही हैं। आम जनता का कहना है कि राजनीति में मां का अपमान नहीं होना चाहिए। यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि तकनीक का इस्तेमाल कैसे सकारात्मक हो। पटना हाईकोर्ट के इस निर्देश से उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं रुकेंगी।
