यूपी के वाहन मालिकों को योगी सरकार से बड़ा तोहफा: 5 साल पुराने सभी ई-चालान माफ, लाखों लोगों को मिली राहत
लखनऊ, 16 सितंबर 2025: उत्तर प्रदेश में वाहन चलाने वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने वाहन मालिकों को बड़ी राहत देते हुए पिछले 5 साल के सभी ई-चालान माफ कर दिए हैं। यह फैसला 1 जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2021 तक कटे सभी ट्रैफिक चालानों पर लागू होगा। इससे प्रदेश के लाखों निजी और कमर्शियल वाहन मालिकों को आर्थिक बोझ से मुक्ति मिलेगी। परिवहन विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है और सभी संबंधित चालान ई-चालान पोर्टल से हटा दिए जाएंगे।इस निर्णय से उन लोगों को सबसे ज्यादा फायदा होगा जो लंबे समय से चालान न भर पाने के कारण परेशान थे। कई बार छोटे-मोटे ट्रैफिक नियम तोड़ने पर कटे चालान जमा न करने से जुर्माना बढ़ जाता था। अब ऐसे सभी पुराने चालान माफ हो जाएंगे। परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह ने सभी संभागीय परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अदालतों में लंबित मामलों की सूची तैयार कर चालानों को पोर्टल से डिलीट कर दिया जाए। साथ ही, कोर्ट में चल रहे केस भी बंद कर दिए जाएंगे।यह फैसला क्यों लिया गया? सरकार का कहना है कि कोविड-19 महामारी के दौरान कई लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। तब ट्रैफिक नियमों का पालन करना मुश्किल हो गया था। इसके अलावा, पुराने चालानों का बोझ कम करने से वाहन मालिकों का विश्वास बढ़ेगा और सड़क सुरक्षा जागरूकता पर ध्यान दिया जा सकेगा।
योगी सरकार ने कहा कि यह कदम वाहन मालिकों को प्रोत्साहित करने के लिए है, ताकि वे भविष्य में नियमों का पालन करें। लेकिन ध्यान दें, 2022 के बाद कटे चालान इस माफी के दायरे में नहीं आएंगे। उन्हें भरना ही पड़ेगा।प्रदेश में कितने वाहन मालिक प्रभावित होंगे? अनुमान के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में करीब 5 करोड़ से ज्यादा रजिस्टर्ड वाहन हैं। इनमें से लाखों के चालान लंबित थे। खासकर दोपहिया और चारपहिया वाहनों के मालिकों को राहत मिलेगी। उदाहरण के लिए, लखनऊ, कानपुर, नोएडा और वाराणसी जैसे बड़े शहरों में ट्रैफिक जाम और नियम उल्लंघन के कारण चालान आम हैं। एक सामान्य व्यक्ति के लिए 500 से 2000 रुपये तक का चालान माफ होना बड़ी बात है। अगर जुर्माना बढ़ गया होता, तो यह रकम दोगुनी-तिगुनी हो जाती।अब सवाल यह है कि वाहन मालिक कैसे चेक करें कि उनका चालान माफ हुआ या नहीं? यह बहुत आसान है। सबसे पहले, परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट echallan.parivahan.gov.in पर जाएं। वहां ‘चेक पेंडिंग चालान’ का विकल्प चुनें। फिर अपना वाहन रजिस्ट्रेशन नंबर, चालान नंबर या ड्राइविंग लाइसेंस नंबर डालें। सिस्टम दिखा देगा कि कौन से चालान लंबित हैं। अगर 2017-2021 का चालान दिख रहा है, तो चिंता न करें, वह खुद-ब-खुद माफ हो जाएगा। पोर्टल से हटने में कुछ दिन लग सकते हैं।अगर आपका चालान 2022 या उसके बाद का है, तो उसे ऑनलाइन ही भर दें। भुगतान के लिए UPI, नेट बैंकिंग या कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। यूपी ट्रैफिक पुलिस की ऐप भी डाउनलोड कर सकते हैं, जहां से चालान स्टेटस चेक होता है। मोबाइल पर मैसेज आने की सुविधा भी है। अगर चालान न भरा, तो वाहन जब्त होने या लाइसेंस सस्पेंड होने का खतरा रहता है।
इसलिए, समय पर भुगतान जरूरी है।यह फैसला किसान आंदोलन से भी जुड़ा बताया जा रहा है। नोएडा में किसानों ने चालान माफी की मांग को लेकर धरना दिया था। सरकार ने उनकी सुनवाई की और पूरे प्रदेश में लागू कर दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे सड़क पर ट्रैफिक मैनेजमेंट बेहतर होगा। लोग बिना डर के नियमों का पालन करेंगे। लेकिन सरकार ने चेतावनी दी है कि भविष्य में ट्रैफिक नियम तोड़ने पर सख्त कार्रवाई होगी। ओवरस्पीडिंग, सिग्नल तोड़ना या बिना हेलमेट चलाना अब बर्दाश्त नहीं।वाहन मालिकों की प्रतिक्रिया क्या है? लखनऊ के एक ऑटो चालक रामू कहते हैं, “मेरा 2019 का चालान 1500 रुपये का था। अब माफ हो गया, तो घर ल जाएगा। सरकार का शुका खर्च चक्रिया।” वहीं, नोएडा की एक महिला ड्राइवर ने कहा, “ई-चालान सिस्टम अच्छा है, लेकिन पुराने चालान भूल जाते थे। अब चेक करके देखूंगी।” कई सोशल मीडिया यूजर्स ने योगी सरकार की तारीफ की है। ट्विटर पर #UPChallanMafi ट्रेंड कर रहा है।सरकार ने यह भी कहा कि यह माफी एक बार की है। आगे से चालान भरना अनिवार्य होगा। ट्रैफिक पुलिस अब ई-चालान पर ज्यादा जोर देगी। कैमरों से नियम उल्लंघन पकड़ना आसान हो गया है।
वाहन मालिकों को सलाह है कि हमेशा नियमों का पालन करें। हेलमेट पहनें, सीट बेल्ट बांधें और स्पीड लिमिट में रहें। इससे दुर्घटनाएं कम होंगी।इस फैसले से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा। वाहन मालिकों के पास पैसे बचेंगे, जो वे अन्य जरूरी चीजों पर खर्च करेंगे। परिवहन विभाग ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है- 1073 पर कॉल करके जानकारी ले सकते हैं। कुल मिलाकर, यह योगी सरकार का जनहितैषी कदम है। वाहन मालिक अब बेफिक्र होकर सड़क पर निकल सकते हैं, लेकिन नियमों का सम्मान जरूर करें।
