दूध के दाम में 2 रुपये की कटौती, घी, पनीर और आइसक्रीम भी हुए सस्ते: GST बदलाव का तोहफा
नई दिल्ली, 16 सितंबर 2025: आम लोगों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। दूध के दाम में प्रति लीटर 2 रुपये की कटौती की गई है, जिसके चलते दूध से बने अन्य उत्पाद जैसे घी, पनीर और आइसक्रीम की कीमतों में भी कमी देखने को मिल रही है। यह बदलाव हाल ही में वस्तु एवं सेवा कर (GST) में किए गए संशोधनों का परिणाम है, जिसे सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए लागू किया है। इस कदम से न केवल आम जनता को फायदा होगा, बल्कि डेयरी उद्योग को भी नई गति मिलने की उम्मीद है।दूध के दाम में कमी का असरदूध, जो भारतीय घरों की रसोई का एक अभिन्न हिस्सा है, अब पहले से सस्ता हो गया है। सरकार ने डेयरी उत्पादों पर GST की दरों में बदलाव किया है, जिसके बाद दूध की कीमत में प्रति लीटर 2 रुपये की कमी आई है। यह कटौती छोटी लग सकती है, लेकिन रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने वाले परिवारों के लिए यह एक बड़ी बचत साबित हो सकती है।
उदाहरण के लिए, एक परिवार जो प्रतिदिन 5 लीटर दूध खरीदता है, वह अब हर महीने 300 रुपये तक की बचत कर सकता है।इस बदलाव का असर न केवल शहरी क्षेत्रों में, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी देखने को मिलेगा, जहां दूध और डेयरी उत्पादों की खपत बहुत अधिक है। विशेषज्ञों का मानना है कि दूध के दाम में कमी से उपभोक्ताओं का बजट तो संतुलित होगा ही, साथ ही डेयरी किसानों को भी इसका लाभ मिल सकता है, क्योंकि सस्ते दामों के कारण मांग बढ़ने की संभावना है।घी, पनीर और आइसक्रीम की कीमतों में भी राहतदूध के दाम में कटौती का असर इससे बने अन्य उत्पादों पर भी पड़ा है। घी, जो भारतीय व्यंजनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, अब पहले से सस्ता हो गया है। कई डेयरी कंपनियों ने घी की कीमतों में 5 से 10 रुपये प्रति किलोग्राम तक की कमी की घोषणा की है। इसी तरह, पनीर के दाम भी कम हुए हैं, जिससे होटल और रेस्तरां उद्योग को भी राहत मिलने की उम्मीद है।
आइसक्रीम प्रेमियों के लिए भी अच्छी खबर है। दूध और क्रीम की कीमतों में कमी के कारण आइसक्रीम के दामों में भी 5 से 7 प्रतिशत तक की कमी देखी जा रही है। प्रमुख आइसक्रीम ब्रांड्स जैसे अमूल, मदर डेयरी और क्वालिटी वॉल्स ने अपने उत्पादों की कीमतों में कटौती की घोषणा की है। इससे गर्मी के मौसम में आइसक्रीम की बिक्री में और वृद्धि होने की संभावना है।GST में बदलाव का क्या है कारण?सरकार ने हाल ही में GST काउंसिल की बैठक में डेयरी उत्पादों पर कर की दरों में बदलाव किया है। पहले दूध और डेयरी उत्पादों पर 5 से 12 प्रतिशत तक GST लगता था, लेकिन अब इसे और कम कर दिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को राहत देना और डेयरी उद्योग को बढ़ावा देना है। GST की दरों में कमी से डेयरी कंपनियों को भी उत्पादन लागत में राहत मिली है, जिसका फायदा उन्होंने उपभोक्ताओं तक पहुंचाया है।वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, “GST में बदलाव का उद्देश्य आम लोगों की जेब पर बोझ कम करना है। दूध और डेयरी उत्पाद हर घर की जरूरत हैं, और इनके दाम कम होने से मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग के परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी।” इसके अलावा, इस कदम से डेयरी उद्योग में प्रतिस्पर्धा बढ़ने की भी उम्मीद है, क्योंकि सस्ते दामों के कारण छोटी और स्थानीय डेयरी कंपनियां भी बाजार में अपनी जगह बना सकती हैं।उपभोक्ताओं की प्रतिक्रियादूध और डेयरी उत्पादों की कीमतों में कमी की खबर से उपभोक्ताओं में खुशी की लहर है।
दिल्ली की एक गृहिणी, राधा शर्मा, ने कहा, “हमारे घर में रोजाना 3 लीटर दूध इस्तेमाल होता है। अब 2 रुपये प्रति लीटर की कमी से हमें हर महीने 180 रुपये की बचत होगी। यह हमारे जैसे मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए बहुत बड़ी बात है।” वहीं, मुंबई के एक रेस्तरां मालिक, संजय मेहता, ने बताया कि पनीर और घी के दाम कम होने से उनके व्यवसाय की लागत में कमी आएगी, जिससे वे अपने ग्राहकों को सस्ते दामों पर भोजन उपलब्ध करा सकेंगे।डेयरी उद्योग पर प्रभावडेयरी उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम लंबे समय में उद्योग के लिए फायदेमंद साबित होगा। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है, और डेयरी उद्योग में लाखों किसान और मजदूर काम करते हैं। दूध की मांग बढ़ने से किसानों को बेहतर कीमत मिल सकती है, और डेयरी कंपनियों को अपने उत्पादों का विस्तार करने का मौका मिलेगा।अमूल के एक प्रवक्ता ने कहा, “GST में कमी और दूध के दाम कम होने से हम अपने ग्राहकों को और बेहतर उत्पाद सस्ते दामों पर दे पाएंगे। हमारी कोशिश है कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में डेयरी उत्पादों की पहुंच बढ़े।”आगे क्या?सरकार का यह कदम निश्चित रूप से उपभोक्ताओं और डेयरी उद्योग के लिए एक सकारात्मक कदम है।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को अन्य आवश्यक वस्तुओं पर भी GST की दरों में कमी करनी चाहिए, ताकि महंगाई से जूझ रहे आम लोगों को और राहत मिल सके। साथ ही, डेयरी किसानों के लिए भी अतिरिक्त सहायता योजनाओं की जरूरत है, ताकि वे अपनी लागत को और कम कर सकें।फिलहाल, दूध, घी, पनीर और आइसक्रीम के दामों में कमी से बाजार में उत्साह का माहौल है। उपभोक्ता अब सस्ते दामों पर अपने पसंदीदा डेयरी उत्पादों का आनंद ले सकते हैं। यह कदम न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि सामाजिक रूप से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह लाखों परिवारों की रसोई को और सस्ता और स्वादिष्ट बनाने में मदद करेगा। इस बदलाव के बाद, बाजार में डेयरी उत्पादों की बिक्री में तेजी की उम्मीद है। साथ ही, यह कदम सरकार की उस नीति को भी दर्शाता है, जिसमें वह आम लोगों की जरूरतों को प्राथमिकता दे रही है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस कदम का डेयरी उद्योग और उपभोक्ताओं पर कितना गहरा प्रभाव पड़ता है।
