ईरान की चेतावनी: कतर पर हमले के बाद सऊदी अरब और तुर्की को निशाना बना सकता है इजरायल, अरब-इस्लामिक देश एकजुट हो रहे
दोहा/तेहरान, 15 सितंबर 2025 – ईरान ने इजरायल के खिलाफ कड़ी चेतावनी जारी की है। कतर की राजधानी दोहा पर इजरायली हमले के बाद अब सऊदी अरब, तुर्की और इराक जैसे देशों को खतरा हो गया है। ईरान के पूर्व कमांडर मोहसिन रेजाई ने कहा है कि अगर मुस्लिम देश इजरायल के खिलाफ एकजुट नहीं हुए, तो इजरायली बम इन देशों पर भी गिर सकते हैं। इस बीच, अरब और इस्लामिक देशों के नेता कतर में इकट्ठा हो रहे हैं। वे इजरायल की कार्रवाई का सामूहिक जवाब देने की योजना बना रहे हैं। यह घटना मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा रही है।ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कोर (आईआरजीसी) के पूर्व प्रमुख मोहसिन रेजाई ने शनिवार को एक बयान में कहा, “कतर पर इजरायल का हमला एक संकेत है। अगर क्षेत्र के देश इजरायल के खिलाफ सैन्य गठबंधन नहीं बनाते, तो सऊदी अरब, तुर्की और इराक पर भी इजरायली हवाई हमले हो सकते हैं।” रेजाई ने पांच मुस्लिम देशों – लेबनान, सीरिया, यमन, ईरान और कतर – पर इजरायल के हमलों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि गाजा में इजरायल का कथित नरसंहार जारी है और अब क्षेत्र के अन्य देशों को निशाना बनाया जा रहा है।यह चेतावनी 9 सितंबर को कतर के दोहा में हुए इजरायली हमले के बाद आई है। इजरायल ने वहां हमास के नेताओं को निशाना बनाया था। हमास फिलिस्तीन की एक प्रतिरोध संगठन है, जो इजरायल के खिलाफ लड़ रही है।
इजरायली सेना ने कहा कि यह एक लक्षित कार्रवाई थी, लेकिन कतर ने इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया। कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने कहा, “यह हमला न सिर्फ कतर बल्कि पूरे खाड़ी क्षेत्र को खतरे में डाल देगा। हमें सामूहिक जवाब देना होगा।”इजरायल ने हमास के कई बड़े नेताओं को मारने का दावा किया है। इनमें याह्या सिनवार, मोहम्मद डेइफ और इस्माइल हानिया जैसे नाम शामिल हैं। हानिया को तो ईरान की राजधानी तेहरान में मारा गया था। कतर हमास और इजरायल के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा था। अमेरिका के कहने पर कतर ने गाजा में शांति वार्ता की कोशिश की थी। लेकिन इजरायल ने इसे नजरअंदाज कर दिया।ईरान के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी अली लारीजानी ने भी चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “मुस्लिम देशों को इजरायल की पागलपन भरी कार्रवाइयों को रोकने के लिए एक संयुक्त संचालन कक्ष बनाना चाहिए। सिर्फ बयानबाजी से काम नहीं चलेगा।” लारीजानी ने इजरायल को “जियोनिस्ट रिजीम” कहा, जो क्षेत्र को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। ईरान का कहना है कि इजरायल अमेरिका के समर्थन से ऐसा कर रहा है।अब अरब और इस्लामिक देश एकजुट हो रहे हैं। 14 सितंबर को कतर में अरब लीग और इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की बैठक हुई। इसमें 22 अरब देशों और 57 इस्लामिक देशों के नेता शामिल हुए। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम भी वहां पहुंचे। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) ने कतर के अमीर से फोन पर बात की और पूर्ण समर्थन का वादा किया।
कुवैत, जॉर्डन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के नेता भी दोहा गए। यूएई के शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने कतर के शासक को गले लगाया। कुछ साल पहले सऊदी और यूएई ने कतर का बहिष्कार किया था, लेकिन अब वे इजरायल के खिलाफ एकजुट हैं। कतर के विदेश मंत्रालय ने कहा, “यह हमला अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। हम सभी देशों से एकजुट होने की अपील करते हैं।”सऊदी अरब ने इजरायल की निंदा की। उसके विदेश मंत्रालय ने कहा, “यह कतर की संप्रभुता पर हमला है। सऊदी पूर्ण एकजुटता व्यक्त करता है।” जॉर्डन के विदेश मंत्री ने कहा, “यह क्षेत्र को हिंसा की ओर धकेल रहा है।” ईरान ने भी कहा, “यह कतर की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है।” हिजबुल्लाह के नेता ने चेतावनी दी कि तेल समृद्ध खाड़ी देश अब सुरक्षित नहीं हैं।यह घटना मध्य पूर्व के लिए बड़ा खतरा है। इजरायल ने पिछले दो सालों में गाजा, वेस्ट बैंक, लेबनान, सीरिया, यमन और ईरान पर हमले किए हैं। 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद इजरायल ने गाजा पर हमला शुरू किया। वहां हजारों लोग मारे गए। संयुक्त राष्ट्र ने इसे नरसंहार कहा है। अब कतर पर हमला हुआ, जो अमेरिका का सहयोगी है।
कतर में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा अल उदेद है।विशेषज्ञों का कहना है कि इजरायल अमेरिका के बिना ऐसा नहीं कर सकता। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद को अलग करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “यह इजरायल की एकतरफा कार्रवाई थी। हम कतर के साथ खड़े हैं।” ट्रंप ने कुछ महीने पहले सऊदी, यूएई और कतर का दौरा किया था। वहां उन्होंने 3 ट्रिलियन डॉलर के निवेश का समझौता किया। लेकिन अब अरब देश अमेरिका पर भरोसा खो रहे हैं।सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, खाड़ी देश अब सोच रहे हैं कि अमेरिका की सुरक्षा गारंटी कितनी मजबूत है। 2019 में ईरान ने सऊदी के तेल ठिकानों पर हमला किया था, लेकिन अमेरिका ने ज्यादा कुछ नहीं किया। अब इजरायल ने कतर पर हमला कर दिया। चैथम हाउस की संाम वाकिल कहती हैं, “ईरान अब खाड़ी के लिए बड़ा खतरा नहीं। इजरायल की बेलगाम कार्रवाइयां क्षेत्र को बदल रही हैं।”अरब देशों के पास कई विकल्प हैं। वे इजरायल के साथ राजनयिक संबंध तोड़ सकते हैं। सऊदी और यूएई जैसे देशों के पास बड़े धन कोष हैं। वे इजरायल पर व्यापार प्रतिबंध लगा सकते हैं। कतर मध्यस्थ की भूमिका छोड़ सकता है।
गल्फ रिसर्च सेंटर के अब्दुलअजीज सागर कहते हैं, “खाड़ी देश 1980 के दशक के सैन्य समझौते को सक्रिय कर सकते हैं। पेनिनसुला शील्ड फोर्स को मजबूत बनाना होगा।”ईरान इजरायल के हमलों का जवाब दे चुका है। जून 2025 में ईरान ने कतर के अल उदेद अड्डे पर मिसाइलें दागी थीं। यह अमेरिका के ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले का जवाब था। अब ईरान अमेरिका के सहयोगियों को चेतावनी दे रहा है। तेहरान के फ्राइडे प्रेयर लीडर अहमद खातामी ने मिस्र, जॉर्डन, बहरीन और सऊदी को कहा, “अगर इजरायल को रोकना नहीं, तो अगला निशाना आप होंगे।”इस्लामिक स्टेट ऑफ वुमेन (आईएसडब्ल्यू) की रिपोर्ट कहती है कि ईरान इस घटना का इस्तेमाल कर रहा है। वह अरब देशों को अमेरिका से अलग करने की कोशिश कर रहा है। इजरायल ने कहा कि कतर हमास को पैसे दे रहा था, जो 7 अक्टूबर के हमले का कारण बना। लेकिन कतर कहता है कि यह अमेरिका और इजरायल की मंजूरी से था।
यह संकट क्षेत्रीय शांति को खतरे में डाल रहा है। गाजा में युद्ध जारी है। वहां मानवीय संकट गहरा रहा है। फिलिस्तीन के गाजा मीडिया ऑफिस के डायरेक्टर इस्माइल अल-थावाब्ता ने कहा, “इजरायल ने मध्यस्थ कतर में ही हत्या कर दी। यह शांति प्रक्रिया को बर्बाद कर रहा है।” फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद ने इसे अपराध कहा। हूती नेता महदी अल-मशात ने चेतावनी दी, “अरब देश इजरायल की योजनाओं पर ध्यान दें, वरना देर हो जाएगी।”कुल मिलाकर, ईरान की चेतावनी ने क्षेत्र को हिला दिया है। अरब-इस्लामिक देशों की एकजुटता इजरायल के लिए चुनौती है। लेकिन अमेरिका और इजरायल के बीच मजबूत रिश्ते इसे जटिल बना रहे हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर सामूहिक जवाब नहीं आया, तो नया युद्ध हो सकता है। दुनिया की नजरें अब कतर की इस बैठक पर हैं। क्या यह एक नया गठबंधन बनेगा? समय बताएगा।
