रेखा गुप्ता पर हमला करने वाले आरोपी राजेश को लेकर बड़ा खुलासा
लखनऊ/ 21 अगस्त 2025: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर 20 अगस्त को सिविल लाइंस स्थित उनके कैंप कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान हमला करने वाले आरोपी राजेश भाई खिमजी सकरिया के बारे में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। खबरों के मुताबिक, 41 वर्षीय राजेश, जो गुजरात के राजकोट का रहने वाला है, एक हिस्ट्रीशीटर है और उसके खिलाफ पहले से नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं। दिल्ली पुलिस की जांच में पता चला कि हमला सुनियोजित था, और राजेश ने मुख्यमंत्री के आवास की रेकी की थी। उसे पांच दिन की रिमांड पर लिया गया है।
हमले की घटना और जांच
घटना: खबरों के मुताबिक, 20 अगस्त को सुबह 7:30 बजे के आसपास जनसुनवाई के दौरान राजेश ने रेखा गुप्ता पर हमला किया। उसने पहले कागजात सौंपने के बहाने उनका हाथ पकड़ा, फिर खींचकर धक्का दिया, जिससे गुप्ता का सिर मेज से टकराया और उन्हें हल्की चोटें आईं। सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत उसे काबू किया।
रेकी का खुलासा: जांच में सामने आया कि राजेश ने 19 अगस्त को शालीमार बाग में गुप्ता के पैतृक आवास की रेकी की थी। वह जनसुनवाई की पर्ची लेने गया था और सीसीटीवी में उसकी गतिविधियां रिकॉर्ड हुईं। उसने सिविल लाइंस के गुजराती समाज भवन में रात बिताई, जो मुख्यमंत्री के आवास से 700 मीटर दूर है।
संदिग्ध गतिविधियां: पुलिस ने राजेश के मोबाइल से शालीमार बाग की वीडियो रिकॉर्डिंग और कई संदिग्ध कॉल डिटेल्स बरामद किए। वह 19 अगस्त की सुबह ट्रेन से दिल्ली पहुंचा और अगले दिन हमले को अंजाम दिया।
आरोपी का आपराधिक इतिहास
पिछले मामले: खबरों के मुताबिक, राजेश के खिलाफ राजकोट के भक्तिनगर थाने में 2017 से 2022 तक नौ मामले दर्ज हैं, जिनमें शराब तस्करी, मारपीट, और शांति भंग करने की कोशिश शामिल हैं। चार मामलों में उसे बरी किया गया, जबकि एक मामला अभी लंबित है।
परिवार का दावा: राजेश की मां ने दावा किया कि वह मानसिक रूप से अस्थिर है और आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले से परेशान था। हालांकि, पुलिस ने उसके रिश्तेदार के तिहाड़ जेल में होने के दावे को गलत पाया। पड़ोसियों ने राजेश को पशु प्रेमी बताया, जो गायों और कुत्तों को खाना खिलाता था, लेकिन उसका आपराधिक रिकॉर्ड इस छवि से मेल नहीं खाता।
पुलिस कार्रवाई और साजिश की आशंका
दिल्ली पुलिस ने राजेश के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 109(1) (हत्या का प्रयास), 132 (सार्वजनिक कर्मचारी पर हमला), और 221 (काम में बाधा) के तहत मामला दर्ज किया है। उसे तीस हजारी कोर्ट में पेश कर पांच दिन की रिमांड मिली है। रेखा गुप्ता को Z+ सुरक्षा प्राप्त है, फिर भी हमलावर के करीब पहुंचने ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। गृह मंत्रालय ने इसकी उच्चस्तरीय जांच शुरू की है। बीजेपी ने इसे AAP से जोड़ा, क्योंकि राजेश की AAP विधायक गोपाल इटालिया के साथ तस्वीर सामने आई। AAP ने इसे फर्जी और एडिटेड बताया। पुलिस इस दावे की जांच कर रही है।
रेखा गुप्ता की प्रतिक्रिया
खबरों के मुताबिक, रेखा गुप्ता ने कहा, “यह हमला मेरे संकल्प को नहीं तोड़ सकता। मैं जल्द काम पर लौटूंगी।” उनकी मेडिकल जांच में मामूली चोटें पाई गईं, और वह स्थिर हैं।
निष्कर्ष
राजेश भाई सकरिया का आपराधिक इतिहास और रेकी जैसे कदम इस हमले को सुनियोजित साजिश की ओर इशारा करते हैं। खबरों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस उससे पूछताछ कर रही है ताकि हमले के पीछे के मकसद और संभावित नेटवर्क का पता लगाया जा सके। यह घटना दिल्ली में मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती है
