लखनऊ में 69,000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों का हंगामा: डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव, बोले- ‘दलितों को न्याय दो, कीड़े-मकोड़े मत समझो
लखनऊ/ 19 अगस्त 2025: उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले को लेकर आरक्षित वर्ग (OBC और SC) के अभ्यर्थियों ने लखनऊ में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। ख़बरों के अनुसार अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट के आदेश का तत्काल पालन करने और नई चयन सूची जारी करने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान नारेबाजी करते हुए अभ्यर्थियों ने कहा, “हम दलितों और पिछड़ों को न्याय दो, हमें कीड़े-मकोड़े मत समझो।” पुलिस ने बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया और कई को हिरासत में लेकर इको गार्डन भेजा। इस दौरान एक अभ्यर्थी, मोहम्मद इरशाद, को हार्ट अटैक आने की खबर है, जिन्हें बेलनेस अस्पताल में भर्ती कराया गया।
प्रदर्शन का कारण
69,000 शिक्षक भर्ती की परीक्षा 6 जनवरी 2019 को हुई थी, लेकिन आरक्षण नीति में अनियमितताओं के आरोपों ने इस प्रक्रिया को विवादों में घेर लिया। अभ्यर्थियों का दावा है कि 18,500 आरक्षित सीटों में से केवल 2,637 सीटें ही SC, ST, और OBC वर्ग को दी गईं, जबकि 15,863 सीटें सामान्य वर्ग को आवंटित की गईं। 13 अगस्त 2024 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच (जस्टिस बी.आर. सिंह और ए.आर. मसूदी) ने मूल चयन सूची रद्द कर तीन महीने में नई सूची तैयार करने का आदेश दिया। अभ्यर्थी सरकार पर इस आदेश को लागू करने में देरी और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में ढिलाई बरतने का आरोप लगा रहे हैं।
प्रदर्शन की समय
ख़बरों के अनुसार 18 अगस्त 2025: अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास का घेराव किया और नारेबाजी की। पुलिस ने उन्हें इको गार्डन ले जाकर छोड़ा। 19 अगस्त 2025: सैकड़ों अभ्यर्थी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर पहुंचे। नारों में “पिछड़े-दलितों की पुकार, जल्द करो नियुक्ति स्वीकार” और “हमें कीड़े-मकोड़े मत समझो” शामिल थे। पुलिस ने बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को हटाया। प्रदर्शन के दौरान मोहम्मद इरशाद को हार्ट अटैक आया, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। अभियर्थियों की मांग है हाईकोर्ट के आदेशानुसार तीन महीने में नई चयन सूची जारी हो।
आरक्षित वर्ग के लिए 18,500 सीटों का उचित आवंटन किया जाए । सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में तेजी लाई जाए, ताकि मामला और न लटके। सरकार नियुक्ति प्रक्रिया का शेड्यूल स्पष्ट करे।
नेताओं की प्रतिक्रिया
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अभ्यर्थियों से मुलाकात की और अधिकारियों को हाईकोर्ट के आदेश को तुरंत लागू करने का निर्देश दिया। सोशल मीडिया की ख़बरों के मुताबिक उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर अभिव्यक्तियों का साथ देते हुए लिखा कि “दलित और OBC अभ्यर्थियों को न्याय ज़रूर मिलेगा। तो वहीँ सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मौर्य पर दोहरा चरित्र दिखाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “मौर्य पहले आरक्षण छीनने में शामिल थे, अब सहानुभूति दिखा रहे हैं। यह उनकी आंतरिक राजनीति है। बसपा प्रमुख मायावती ने हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि बीजेपी सरकार ने ईमानदारी से काम नहीं किया। उन्होंने आरक्षित वर्ग को न्याय की मांग की। अनुप्रिया पटेल ने केंद्रीय मंत्री और एनडीए सहयोगी ने अभ्यर्थियों को बधाई दी और उनकी मांगों का समर्थन किया।
निष्कर्ष
69,000 शिक्षक भर्ती मामला उत्तर प्रदेश में दलित और OBC अभ्यर्थियों के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद नियुक्ति में देरी और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की अनिश्चितता ने अभ्यर्थियों का गुस्सा बढ़ा दिया है। डिप्टी सीएम के आवास पर प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई ने इस मामले को और गंभीर बना दिया है। सरकार ने भले ही न्याय का आश्वासन दिया हो, लेकिन अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक नई सूची और नियुक्ति पत्र नहीं मिलते, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
