प्रयागराज में महिलाएं बना रहीं राष्ट्रीय ध्वज: तिरंगा बनाकर कमाई के साथ आत्मनिर्भरता की मिसाल, बोलीं- सभी को आत्मनिर्भर बनना जरूरी
लखनऊ / 12 अगस्त : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाएं तिरंगा झंडा बनाकर न केवल देशभक्ति की भावना को बढ़ावा दे रही हैं, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में भी मजबूत कदम उठा रही हैं। इस अभियान के तहत महिलाएं दो लाख से अधिक तिरंगे झंडे तैयार कर रही हैं, जो स्वतंत्रता दिवस पर शहर के हर घर में फहराए जाएंगे। इस कार्य से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है, बल्कि उन्हें समाज में एक नई पहचान भी मिल रही है।
‘हर घर तिरंगा’ अभियान और महिला सशक्तिकरण
केंद्र सरकार के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान, जो 2 से 15 अगस्त तक चलाया जा रहा है, ने प्रयागराज में महिला सशक्तिकरण को नया आयाम दिया है। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों की सैकड़ों महिलाएं सिलाई मशीनों के जरिए तिरंगे झंडे तैयार कर रही हैं। इन झंडों को स्थानीय बाजारों, दुकानों और सरकारी कार्यालयों में वितरित किया जा रहा है। प्रत्येक झंडे में केसरी, सफेद और हरे रंग की सटीकता के साथ सिलाई की जा रही है, जिसमें महिलाएं अपनी मेहनत और देशभक्ति की भावना डाल रही हैं।
महिलाओं की आवाज: आत्मनिर्भरता जरूरी
स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं महिलाओं ने इस पहल को अपनी जिंदगी में बदलाव का जरिया बताया। समूह की एक सदस्य सपना ने कहा, “तिरंगा बनाना सिर्फ काम नहीं, बल्कि देश के लिए कुछ करने का जज्बा है। इस अभियान से हमें रोजगार मिला और आत्मनिर्भर बनने का मौका मिला। सभी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनना जरूरी है।” एक अन्य सदस्य शांति देवी ने बताया कि पहले वे घरेलू कामों तक सीमित थीं, लेकिन अब तिरंगा बनाकर न केवल परिवार का सहारा बन रही हैं, बल्कि समाज में सम्मान भी कमा रही हैं। महिलाओं ने केंद्र और राज्य सरकार की इस पहल के लिए आभार जताया।
आर्थिक स्वावलंबन और देशभक्ति का संगम
प्रयागराज में स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं दिन-रात मेहनत कर तिरंगे तैयार कर रही हैं। इनके द्वारा बनाए गए झंडों को जिले के हर घर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इस कार्य से महिलाओं को प्रति झंडा निश्चित आय प्राप्त हो रही है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया है। जिला प्रशासन के अनुसार, इस साल प्रयागराज में दो लाख तिरंगे झंडे तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अधिकांश कार्य स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है।
प्रशासन की भूमिका और लक्ष्य
जिला प्रशासन और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों ने बताया कि तिरंगा निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। डीपीआरओ प्रयागराज ने कहा, “महिलाओं की मेहनत से बने तिरंगे न केवल घरों की शोभा बढ़ाएंगे, बल्कि यह अभियान आत्मनिर्भर भारत की भावना को भी साकार कर रहा है।” प्रशासन ने 12 अगस्त तक सभी झंडों को वितरित करने का लक्ष्य रखा है, ताकि स्वतंत्रता दिवस पर हर घर तिरंगा फहराया जा सके। इस अभियान ने न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है, बल्कि देशभक्ति के इस महापर्व में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन महिलाओं की मेहनत देखकर अन्य महिलाएं भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित हो रही हैं। इस पहल ने प्रयागराज को न केवल देशभक्ति, बल्कि महिला सशक्तिकरण का एक नया प्रतीक बना दिया है।
