‘काम करने आया था बेटा, अब कहां तलाशें’- गीली मिट्टी में फंसी मशीनें, हाथों से हो रही डेडबॉडी की तलाश
लखनऊ/ 12 अगस्त : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली में बादल फटने और भूस्खलन से हुई तबाही ने कई परिवारों को बिखेर दिया है। इस आपदा में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है, 300 से अधिक लोगों को बचाया गया है, जबकि 150 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं। गीली मिट्टी और मलबे में फंसी मशीनों के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में भारी मुश्किलें आ रही हैं, जिसके चलते एनडीआरएफ और अन्य टीमें अब हाथों से मलबा हटाकर शवों और लापता लोगों की तलाश कर रही हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन की चुनौतियां
धराली में भारी बारिश, भूस्खलन और मलबे के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद जटिल हो गया है। 40-60 फीट ऊंचे मलबे के ढेर, गीली मिट्टी और चट्टानों के बीच मशीनें बार-बार फंस रही हैं। सड़कों पर मलबा और कीचड़ होने से एंबुलेंस और आवश्यक सेवाओं का पहुंचना मुश्किल हो रहा है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ और पुलिस की टीमें दिन-रात काम कर रही हैं। ड्रोन और स्निफर डॉग्स की मदद से मलबे में दबे लोगों की तलाश की जा रही है, लेकिन खराब मौसम ने चुनौतियों को और बढ़ा दिया है।
परिवारों का दर्द: ‘अब कहां तलाशें’
धराली में कई मजदूर काम के लिए आए थे, जिनमें से कई अब मलबे में दबे हैं। एक मां का करुण पुकार सुनाई दी, “मेरा बेटा यहां काम करने आया था, अब कहां तलाशें?” महाराष्ट्र से रीयूनियन ट्रिप पर आए 24 दोस्तों का समूह भी लापता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने अपनी आंखों के सामने अपनों को मलबे में दबते देखा। अब तक 70 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, लेकिन कई परिवार अपने परिजनों की तलाश में भटक रहे हैं।
प्रशासन और नेताओं की प्रतिक्रिया
बीजेपी विधायक सुरेश सिंह चौहान ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन पूरे जोर-शोर से चल रहा है। बीआरओ की मशीनरी और एनडीआरएफ की टीमें मलबा हटाने में जुटी हैं। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने और अस्थायी आश्रय स्थल बनाने की व्यवस्था शुरू की है। हालांकि, खराब मौसम और सड़कों की दुर्गम स्थिति के कारण राहत कार्यों में देरी हो रही है।
आपदा का दायरा
धराली में बादल फटने और भूस्खलन से कई घर, दुकानें और आजीविका पूरी तरह तबाह हो गई हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उनकी जिंदगी भर की कमाई मलबे में दब गई है। ख़बरों के मुताबिक प्रशासन ने लापता लोगों की सूची तैयार करने और मृतकों की पहचान के लिए विशेष टीमें गठित की हैं।आगे की राह
धराली आपदा ने एक बार फिर पहाड़ी क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की तैयारियों पर सवाल उठाए हैं। प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। रेस्क्यू टीमें दिन-रात काम कर रही हैं, लेकिन गीली मिट्टी और मलबे ने उम्मीदों को धुंधला कर दिया है
