उत्तराखंड के धराली में बादल फटने से मची बड़ी तबाही: 10 की मौत, 40 से ज्यादा लापता, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
लखनऊ / 5 अगस्त : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में 5 अगस्त 2025 को सुबह खीर गंगा नदी के ऊपरी क्षेत्र में बादल फटने से भयंकर तबाही मच गई। इस प्राकृतिक आपदा ने धराली बाजार और आसपास के इलाकों को मलबे और बाढ़ के सैलाब में तब्दील कर दिया। अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 40 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। गंगोत्री धाम के रास्ते में स्थित धराली गांव में आए इस सैलाब ने दर्जनों घरों, होटलों, और दुकानों को बहा ले गया। राहत और बचाव कार्यों के लिए SDRF, NDRF, सेना, और स्थानीय प्रशासन की टीमें युद्धस्तर पर जुटी हुई हैं।
घटना का विवरण
5 अगस्त 2025 को सुबह करीब 3 बजे, उत्तरकाशी के हर्षिल क्षेत्र में खीर गंगा नदी के ऊपरी हिस्से में बादल फटने की घटना हुई। इसके कारण नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया, और तेज बहाव के साथ मलबा, पत्थर, और लकड़ियां धराली कस्बे में घुस गए। इस सैलाब ने धराली बाजार को पूरी तरह तबाह कर दिया, जिसमें कई होटल, होमस्टे, और स्थानीय लोगों के घर बह गए। उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट प्रशांत आर्य ने बताया कि अब तक 10 शव बरामद किए जा चुके हैं, और 40 से ज्यादा लोग लापता हैं। कुछ अनुमानों में लापता लोगों की संख्या 50-60 तक बताई जा रही है।
राहत और बचाव कार्य
सूचना मिलते ही SDRF, NDRF, स्थानीय पुलिस, और सेना की टीमें भटवाड़ी से धराली के लिए रवाना हो गईं। टीमें मलबे में दबे लोगों को निकालने और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटी हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात कर हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। ITBP की टीमें भी बचाव कार्य में शामिल हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया।
अलर्ट जारी: उत्तराखंड पुलिस ने लोगों से नदियों और नालों से दूरी बनाए रखने की अपील की है। बच्चों और मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के निर्देश दिए गए हैं।
नुकसान का आकलन
खीर गंगा नदी के उफान के कारण धराली बाजार में कई दुकानें, होटल, और होमस्टे पूरी तरह ध्वस्त हो गए। करीब 20 होटलों को गंभीर नुकसान हुआ है।
दर्जनों घर, वाहन, और अन्य संपत्तियां मलबे में बह गईं। गंगोत्री धाम का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। कई मजदूरों के मलबे में दबे होने की आशंका है, क्योंकि क्षेत्र में कई निर्माण कार्य चल रहे थे।
धराली गांव का महत्व
धराली गांव उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री धाम के रास्ते में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जो हर्षिल और मुखवा के पास स्थित है। इसे मां गंगा के मायके के रूप में जाना जाता है। यह क्षेत्र पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के बीच लोकप्रिय है, लेकिन भौगोलिक रूप से संवेदनशील होने के कारण आपदाओं का खतरा रहता है।
उत्तराखंड में बादल फटने की बार-बार घटनाएं
उत्तराखंड में बादल फटने की घटनाएं मानसून के दौरान आम हैं, खासकर पहाड़ी इलाकों में। मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि मंगलवार को भी देहरादून, टिहरी, बागेश्वर, पौड़ी, और नैनीताल में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। 2024: हिमाचल और उत्तराखंड में बादल फटने से 60 से ज्यादा लोग लापता हुए। 2023: धारचूला में बादल फटने से पुल बह गया और सैकड़ों लोग फंसे। 2019: चमोली और टिहरी में बादल फटने से चार लोगों की मौत। 2013: केदारनाथ में बादल फटने से 5000 से ज्यादा लोगों की जान गई थी।
बादल फटने का कारण
बादल फटना एक तीव्र वर्षा की घटना है, जिसमें कम समय में भारी मात्रा में पानी गिरता है। पहाड़ी क्षेत्रों में बादल ऊंचाई पर रुक जाते हैं, जिससे तेज बारिश और बाढ़ की स्थिति बनती है। मौसम विशेषज्ञ रघु मुर्तुगडे के अनुसार, गर्म हवाएं और अरब सागर से नमी उत्तराखंड तक पहुंच रही है, जिससे बादल फटने की घटनाएं बढ़ रही हैं।
