• October 14, 2025

रेप केस में दोषी प्रज्वल रेवन्ना: सजा का ऐलान आज, 10 साल से लेकर उम्रकैद तक संभव

लखनऊ/ 2 अगस्त: कर्नाटक की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार, 1 अगस्त 2025 को पूर्व जद(एस) सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना को रेप केस में दोषी करार दिया। सूत्रों के मुताबिक सजा का ऐलान आज, 2 अगस्त को होने की उम्मीद है। विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अशोक नायक के अनुसार, इस मामले में सजा न्यूनतम 10 साल की कैद से लेकर उम्रकैद तक हो सकती है।

मामले का विवरण: घरेलू सहायिका से बलात्कार

प्रज्वल रेवन्ना पर अपनी पारिवारिक फार्महाउस में काम करने वाली 47-48 वर्षीय घरेलू सहायिका के साथ 2021 में कोविड लॉकडाउन के दौरान दो बार बलात्कार करने का आरोप था। पीड़िता ने दावा किया कि रेवन्ना ने इन कृत्यों को अपने मोबाइल पर रिकॉर्ड किया और उसे वीडियो लीक करने की धमकी देकर चुप रहने के लिए मजबूर किया। यह मामला अप्रैल 2024 में तब सामने आया जब 2,000 से अधिक अश्लील वीडियो, जिनमें कथित तौर पर रेवन्ना द्वारा कई महिलाओं के यौन शोषण के दृश्य थे, सोशल मीडिया पर वायरल हुए।

कानूनी कार्रवाई और सबूत

विशेष जांच दल (एसआईटी) ने इस मामले में 1,632 पेज का चार्जशीट दाखिल किया, जिसमें 113 गवाह और 123 सबूत शामिल थे। सबूतों में पीड़िता की साड़ी पर रेवन्ना का डीएनए, फोरेंसिक विश्लेषण से पुष्ट वीडियो, और पीड़िता का बयान शामिल थे। रेवन्ना पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376(2)(k) (प्रभुत्व की स्थिति में बलात्कार), 376(2) (एक ही महिला के साथ बार-बार बलात्कार), 506 (आपराधिक धमकी), 201 (सबूत नष्ट करना), और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66E (निजता का उल्लंघन) के तहत आरोप लगाए गए।

सजा की संभावना

रेवन्ना को दोषी ठहराए गए अपराधों की सजा इस प्रकार हो सकती है:आईपीसी धारा 376(2)(k) और 376(2)(n): न्यूनतम 10 साल की सजा, जो उम्रकैद तक हो सकती है। आईपीसी धारा 354A, 354B, 354C: अधिकतम 3 साल की कैद। आईपीसी धारा 506: अधिकतम 6 महीने की कैद। आईपीसी धारा 201: न्यूनतम 1 साल, अधिकतम 7 साल की कैद। आईटी एक्ट धारा 66E: अधिकतम 3 साल की कैद।

मामले की पृष्ठभूमि

यह रेवन्ना के खिलाफ दर्ज चार रेप और यौन उत्पीड़न मामलों में पहला फैसला है। अन्य तीन मामलों की सुनवाई विभिन्न चरणों में है। पीड़िता को कथित तौर पर रेवन्ना के माता-पिता, पूर्व मंत्री एच.डी. रेवन्ना और भवानी रेवन्ना के इशारे पर गवाही देने से रोकने के लिए अपहरण भी किया गया था। उसे मई 2024 में एक फार्महाउस से एसआईटी ने बचाया। रेवन्ना को 31 मई 2024 को बेंगलुरु हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था, जब वह लोकसभा चुनाव के बाद जर्मनी से लौटा।

सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव

यह मामला कर्नाटक में एक बड़े राजनीतिक विवाद का कारण बना, क्योंकि रेवन्ना एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से हैं। उनकी पार्टी जद(एस) ने उन्हें निलंबित कर दिया, और यह मामला 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान चर्चा में रहा। जनता और सोशल मीडिया पर इस मामले ने व्यापक आक्रोश पैदा किया

Digiqole Ad

Rama Niwash Pandey

https://ataltv.com/

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *