बिहार वोटर लिस्ट ड्राफ्ट पर बवाल: संसद में हंगामा, राहुल-प्रियंका की स्पीकर से मुलाकात की वजह
लखनऊ/ 1 अगस्त : बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के तहत वोटर लिस्ट के ड्राफ्ट को लेकर सियासी घमासान मच गया है। विपक्षी दलों, खासकर इंडिया गठबंधन (INDIA Bloc) ने इसे लोकतंत्र पर हमला करार देते हुए संसद के मॉनसून सत्र में जमकर हंगामा किया। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, उनकी बहन और वायनाड सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की और तत्काल चर्चा की मांग की। आइए, जानते हैं कि बिहार वोटर लिस्ट ड्राफ्ट पर क्यों मचा है बवाल और राहुल-प्रियंका की स्पीकर से मुलाकात के पीछे क्या कारण हैं।
बिहार वोटर लिस्ट ड्राफ्ट का विवाद
सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग ने 24 जून 2025 को बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट को अपडेट करने के लिए SIR की घोषणा की थी। इसका मकसद मृत, स्थानांतरित, और फर्जी वोटरों को हटाकर मतदाता सूची को पारदर्शी बनाना बताया गया। लेकिन विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया के जरिए बिहार में 52 लाख से ज्यादा वोटरों को हटाया गया है, खासकर दलित, पिछड़े, और अल्पसंख्यक समुदायों को।
ख़बरों के अनुसार राहुल गांधी ने संसद के बाहर पत्रकारों से कहा, “यह सिर्फ बिहार की बात नहीं है। महाराष्ट्र में 1 करोड़ नए वोटर जोड़े गए, कर्नाटक में भी चोरी पकड़ी गई। यह एक सुनियोजित साजिश है, जिसके तहत वोटरों को हटाकर लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है।” समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद धर्मेंद्र यादव ने भी इस मुद्दे पर कहा, “हम जनता के समर्थन और संसद में इस फैसले को वापस लेने के लिए मजबूत लड़ाई लड़ेंगे।”
संसद में हंगामा और विपक्ष का प्रदर्शन
मॉनसून सत्र के शुरू होने से लेकर अब तक, बिहार के SIR मुद्दे पर विपक्ष ने लगातार पांच दिनों तक संसद में हंगामा किया। 25 जुलाई 2025 को राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, सपा सांसद डिंपल यादव, और अन्य इंडिया गठबंधन के सांसदों ने संसद परिसर में प्रतीकात्मक रूप से SIR के पोस्टर फाड़कर कूड़ेदान में फेंके और नारेबाजी की। उनके बैनर पर लिखा था, “SIR- लोकतंत्र पर हमला”।
खबरों की माने विपक्ष का कहना है कि SIR की आड़ में बिहार में कमजोर वर्गों के वोटरों को जानबूझकर हटाया जा रहा है, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल को फायदा हो। ।”
राहुल-प्रियंका की स्पीकर से मुलाकात
मिली जानकारी के मुताबिक 1 अगस्त 2025 को राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, और इंडिया गठबंधन के अन्य दलों (कांग्रेस, सपा, डीएमके, टीएमसी, एनसीपी, शिवसेना (यूबीटी), आरजेडी, और आरएसपी) ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को एक संयुक्त पत्र सौंपा, जिसमें बिहार और अन्य राज्यों में वोटर लिस्ट संशोधन पर तत्काल चर्चा की मांग की गई।
राहुल गांधी ने स्पीकर से मुलाकात में कहा कि SIR की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और यह संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन है। प्रियंका गांधी ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “विपक्ष को बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा। हम चर्चा चाहते हैं, लेकिन सरकार जानबूझकर हंगामा करवाकर सदन को स्थगित कर रही है।” उनकी मांग है कि SIR को वापस लिया जाए और बिहार में वोटर लिस्ट में हटाए गए नामों की पूरी जांच हो।
चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि SIR एक रूटीन प्रक्रिया है, जिसका मकसद मतदाता सूची को साफ करना है। आयोग के अनुसार, बिहार में 94.68% मतदाताओं ने SIR के लिए दस्तावेज जमा किए हैं। आयोग ने यह भी कहा, “क्या हम मृत, स्थानांतरित, या फर्जी वोटरों को वोट डालने की इजाजत दें? यह प्रक्रिया लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए है।”
