• October 14, 2025

12 देशों में तबाही और खौफ: रिंग ऑफ फायर में समंदर का रौद्र रूप, भूकंप और सुनामी का कहर

लखनऊ/ 30 जुलाई: रूस के कामचटका प्रायद्वीप में आए 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने प्रशांत महासागर के तटीय इलाकों में हलचल मचा दी। इस भूकंप के बाद जापान, अमेरिका, न्यूजीलैंड, और कई अन्य देशों में सुनामी का हाई अलर्ट जारी किया गया, जिसने 12 देशों को दहशत में डाल दिया। यह क्षेत्र, जिसे वैज्ञानिक रूप से ‘रिंग ऑफ फायर’ के नाम से जाना जाता है, भूकंप और सुनामी का गढ़ है। आइए, जानते हैं उस समंदर की कहानी, जिसके चारों ओर भूकंप और सुनामी का घेरा है, और यह क्यों बार-बार तबाही का कारण बनता है।

रिंग ऑफ फायर: तबाही का गढ़

प्रशांत महासागर को घेरने वाला ‘रिंग ऑफ फायर’ पृथ्वी का सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र है, जहां प्रशांत टेक्टोनिक प्लेट अन्य प्लेटों के साथ टकराती है। यह क्षेत्र साइबेरिया, अलास्का, जापान, न्यूजीलैंड, चिली, और अमेरिका के पश्चिमी तटों तक फैला है। वैज्ञानिकों के अनुसार, दुनिया के 75% सक्रिय ज्वालामुखी और 90% भूकंप इसी क्षेत्र में होते हैं। रूस के कामचटका में 30 जुलाई 2025 को आए 8.8 तीव्रता के भूकंप ने एक बार फिर इस क्षेत्र की खतरनाक प्रकृति को उजागर किया।

30 जुलाई 2025 का भूकंप और सुनामी का खतरा

रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका में बुधवार सुबह 8.8 तीव्रता का भूकंप समुद्र के नीचे 19.3 किलोमीटर की गहराई में आया। इस भूकंप ने रूस, जापान, अमेरिका, न्यूजीलैंड, चिली, पेरू, समोआ, गुआम, और अन्य प्रशांत तटीय देशों में सुनामी का हाई अलर्ट जारी कर दिया। जापान की मौसम एजेंसी ने बताया कि इशिनोमाकी बंदरगाह पर 50 सेंटीमीटर और होक्काइडो के नेमुरो में 30 सेंटीमीटर ऊंची सुनामी लहरें दर्ज की गईं। कुछ क्षेत्रों में 3 मीटर तक ऊंची लहरों की आशंका जताई गई, जिसके चलते जापान में फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट और कई तटीय इलाकों को खाली कराया गया।
रूस के कुरील द्वीपों और अमेरिका के हवाई में भी सुनामी चेतावनी जारी की गई। X पर वायरल वीडियो में इमारतों के हिलने और समुद्र में उफान की तस्वीरें सामने आईं, जिसने लोगों में दहशत पैदा कर दी। एक यूजर ने लिखा, “यह 1952 के बाद रूस का सबसे शक्तिशाली भूकंप है। पूरा प्रशांत क्षेत्र खतरे में है।

ऐतिहासिक तबाही: रिंग ऑफ फायर का रौद्र रूप

‘रिंग ऑफ फायर’ में पहले भी कई विनाशकारी भूकंप और सुनामी ने लाखों लोगों की जान ली है। कुछ प्रमुख घटनाएं:2004 हिंद महासागर सुनामी: 26 दिसंबर 2004 को इंडोनेशिया के सुमात्रा में 9.1-9.3 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने भारत, श्रीलंका, थाईलैंड, और 11 अन्य देशों में 2.27 लाख लोगों की जान ले ली। भारत में तमिलनाडु और अंडमान-निकोबार सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, जहां 12,405 मौतें हुईं।
2011 जापान तोहोकु भूकंप: 11 मार्च 2011 को 9.0 तीव्रता के भूकंप और 40.5 मीटर ऊंची सुनामी लहरों ने जापान में 18,000 से ज्यादा लोगों की जान ली और फुकुशिमा परमाणु संयंत्र को नुकसान पहुंचाया।
1960 चिली भूकंप: 9.5 तीव्रता का यह अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप था, जिसने चिली, हवाई, जापान, और फिलीपींस में सुनामी के जरिए भारी तबाही मचाई।

क्यों है रिंग ऑफ फायर इतना खतरनाक?

रिंग ऑफ फायर में टेक्टोनिक प्लेट्स के टकराव से समुद्र तल में उथल-पुथल होती है, जिससे भूकंप और सुनामी उत्पन्न होती हैं। जब समुद्र के नीचे की प्लेटें खिसकती हैं, तो पानी की विशाल लहरें बनती हैं, जो तटों पर पहुंचकर तबाही मचाती हैं। उदाहरण के लिए, 1958 में अलास्का की लिटुइया बे में 524 मीटर ऊंची सुनामी लहर दर्ज की गई थी, जो अब तक की सबसे ऊंची लहर मानी जाती है।
जापान, रूस, और अलास्का जैसे क्षेत्रों में सबडक्शन जोन (जहां एक टेक्टोनिक प्लेट दूसरी के नीचे दबती है) के कारण भूकंप की तीव्रता 8 से 9 तक हो सकती है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस क्षेत्र में 80% भूकंप 8-9 तीव्रता के हो सकते हैं।

प्रभावित 12 देश और चेतावनी

30 जुलाई 2025 के भूकंप के बाद रूस, जापान, अमेरिका (हवाई, कैलिफोर्निया), न्यूजीलैंड, चिली, पेरू, समोआ, गुआम, फिलीपींस, इंडोनेशिया, फ्रेंच पोलिनेशिया, और किरिबाती में सुनामी अलर्ट जारी किया गया। इन देशों में 1 से 3 मीटर ऊंची लहरों की आशंका है, जबकि कुछ क्षेत्रों में लहरें 13 फीट तक ऊंची हो सकती हैं। जापान में 41 रेल लाइनें और 3 बुलेट ट्रेन रूट बंद कर दिए गए, जबकि सेंडाई हवाई अड्डा भी खाली कराया गया। चीन के शंघाई और झोउशान में भी तटीय चेतावनी जारी की गई।

भारत पर खतरा?

भारत में अभी तक इस भूकंप से सुनामी का कोई सीधा खतरा नहीं बताया गया है। हिंद महासागर में 2004 की तरह की तबाही की आशंका कम है, क्योंकि यह भूकंप प्रशांत महासागर में केंद्रित है। हालांकि, अंडमान-निकोबार जैसे क्षेत्रों में सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

 

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Rama Niwash Pandey

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