सावन का पहला सोमवार… UP, उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक कांवड़ियों के लिए सख्त सुरक्षा व्यवस्था, शिव मंदिरों में खास इंतजाम
कांवड़ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली में कांवड़ यात्रा के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। यूपी में 29,000 से अधिक सीसीटीवी और 395 ड्रोन से निगरानी हो रही है। मेरठ रेंज में 15,000 पुलिसकर्मी तैनात हैं, जबकि उत्तराखंड में 7,000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी, 2 एटीएस टीमें, 8 सीपीएएफ और 9 पीएसी कंपनियां लगाई गई हैं। हरिद्वार और ऋषिकेश में रूट डायवर्जन और फ्लैग मार्च के जरिए व्यवस्था बनाए रखी जा रही है। गाजियाबाद में थानों में 20-20 लीटर गंगाजल के जेरिकेन रखे गए हैं, ताकि कांवड़ खंडित होने पर श्रद्धालुओं को नया गंगाजल और कांवड़ उपलब्ध हो।
शिव मंदिरों में विशेष इंतजाम
दिल्ली के कालकाजी, झंडेवाला, गौरी शंकर और उत्तराखंड के केदारनाथ, बिहार के बाबा गरीबनाथ धाम जैसे प्रमुख मंदिरों में विशेष तैयारियां की गई हैं। मंदिरों में बैरियर लगाकर भीड़ नियंत्रण किया जा रहा है। जल, भोजन, स्वास्थ्य सुविधाएं और विश्राम स्थल सुनिश्चित किए गए हैं। वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में 4 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है, जहां नए प्रवेश मार्ग बनाए गए हैं।
शिव पूजा और भक्ति का माहौल
सावन के पहले सोमवार पर शिव भक्तों में उत्साह चरम पर है। मंदिरों में ‘हर हर महादेव’ के जयघोष गूंज रहे हैं। श्रद्धालु जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और व्रत के साथ भगवान शिव की आराधना कर रहे हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सावन में शिव पूजा से सुख-समृद्धि और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मंदिरों को फूलों और झालरों से सजाया गया है, और भजन मंडलियां भक्ति का माहौल बना रही हैं।