संभल में मस्जिद गिराने पर सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क का हमला, बोले – “यह संविधान की आत्मा पर चोट”
संभल, 26 जून 2025: उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी क्षेत्र में एक मस्जिद को गिराए जाने के मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। इस पर समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस घटना को संविधान और न्यायपालिका का अपमान बताते हुए कहा है कि “बुलडोजर का इस्तेमाल इंसाफ के लिए नहीं, डराने के लिए किया जा रहा है।”
“यह सिर्फ एक मस्जिद नहीं, संविधान की आत्मा पर हमला है”
सांसद बर्क ने इस घटना पर फेसबुक पोस्ट के माध्यम से प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
“मैं पहले से कहता आया हूं कि बुलडोज़र का इस्तेमाल इंसाफ के लिए नहीं, एक ख़ास वर्ग को डराने और कुचलने की साजिश के लिए किया जाता है। यह सिलसिला अब मस्जिदों, दुकानों और घरों तक पहुंच चुका है।”
उन्होंने कहा कि यह घटना उनकी लोकसभा सीट चंदौसी की है, जहां रज़ा-ए-मुस्तफा मस्जिद को प्रशासन ने ‘अवैध निर्माण’ बताकर गिरा दिया।
“क्या सभी धार्मिक स्थलों का नक्शा स्वीकृत है?”
बर्क ने सवाल उठाते हुए कहा:
“इस देश में हजारों नहीं, लाखों धार्मिक स्थल बिना नक्शे के या सरकारी जमीन पर बने हैं। क्या प्रशासन में इतनी हिम्मत है कि सबको गिरा दे? अगर नहीं, तो फिर केवल मस्जिदों को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है?”
उन्होंने जोर देकर कहा कि कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए, लेकिन एक तरफ कुछ धार्मिक स्थलों को संरक्षण दिया जा रहा है और दूसरी तरफ मस्जिदों को गिराया जा रहा है, जो न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है।
“धार्मिक स्थलों को सियासत का शिकार न बनाएं”
सपा सांसद ने कहा कि किसी भी धर्म के धार्मिक स्थल को राजनीति में घसीटकर नहीं तोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा:
“अगर अफसरशाही और सरकारें खुद ही जज बनकर फैसले सुनाने लगेंगी, तो फिर अदालतों की जरूरत ही क्या रह जाएगी? यह लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है।”
“हम इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे”
बर्क ने कहा कि यह मसला केवल एक इमारत का नहीं, बल्कि “हमारे हक़, आस्था और संविधान की आत्मा पर चोट” है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे इस मुद्दे को लोकतंत्र और इंसाफ की हिफाजत के लिए लगातार उठाते रहेंगे।
“संविधान जिंदाबाद, हिंदुस्तान जिंदाबाद!” – यही नारा देते हुए सांसद बर्क ने अपनी बात खत्म की।
