• October 20, 2025

सुप्रीम कोर्ट की यूपी सरकार को फटकार: जमानत के बावजूद कैदी को 28 दिन जेल में रखने पर 5 लाख का अंतरिम मुआवजा

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए गाजियाबाद जेल में एक कैदी को जमानत मिलने के बावजूद 28 दिन तक हिरासत में रखने पर गहरी नाराजगी जताई है। अदालत ने राज्य सरकार को 5 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा कैदी को देने का आदेश दिया है और साथ ही इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच कराने के निर्देश भी दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट की सख्ती: “व्यक्तिगत स्वतंत्रता तकनीकी त्रुटियों की बलि नहीं चढ़ सकती”

न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन और न्यायमूर्ति एनके सिंह की पीठ ने बुधवार को सुनवाई के दौरान तीखी टिप्पणी करते हुए कहा,

व्यक्तिगत स्वतंत्रता को बेकार की तकनीकी त्रुटियों और अप्रासंगिक भूलों के चलते नहीं छीना जा सकता। जब जमानत आदेश में अपराध, आरोपी की पहचान और धाराएं स्पष्ट थीं, तो फिर रिहाई में देरी क्यों हुई?”

कोर्ट ने कहा कि सिर्फ एक उपधारा (sub-section) के उल्लेख की कमी को आधार बनाकर कैदी की रिहाई टालना कर्तव्य में गंभीर चूक है।

29 अप्रैल को मिली थी जमानत, 24 जून को हुई रिहाई

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल 2024 को जमानत मंजूर की थी और 27 मई को रिहाई का आदेश जारी किया गया। इसके बावजूद कैदी को 24 जून को रिहा किया गया — यानी आदेश के 28 दिन बाद। रिहाई में देरी की वजह अधिकारियों ने यह बताई कि जमानत आदेश में एक उपधारा का उल्लेख नहीं था, लेकिन कोर्ट ने इसे “बहाना और लापरवाही का उदाहरण” बताया।


जेल अधीक्षक और डीआईजी को कोर्ट ने लिया आड़े हाथों

सुनवाई के दौरान गाजियाबाद जेल अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित हुए, जबकि यूपी के डीआईजी (जेल) ने वर्चुअल माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराई। डीआईजी ने भरोसा दिलाया कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए जेल अधिकारियों को संवेदनशील बनाने के कदम उठाए जाएंगे।

हालांकि कोर्ट ने कहा कि केवल विभागीय जांच पर्याप्त नहीं होगी


गाजियाबाद के प्रधान जिला जज को सौंपी गई न्यायिक जांच

अदालत ने गाजियाबाद के प्रधान जिला न्यायाधीश को निर्देश दिया है कि वे इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच करें और यह पता लगाएं:

  • क्या रिहाई में देरी की वजह सिर्फ एक उपधारा का उल्लेख न होना था?

  • क्या किसी अधिकारी ने जानबूझकर देरी की या गंभीर लापरवाही बरती?

  • क्या दुर्भावना या जानबूझकर की गई चूक का कोई प्रमाण है?

Digiqole Ad

Rama Niwash Pandey

https://ataltv.com/

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *