जियो था अब तक का सबसे बड़ा जोखिम: मुकेश अंबानी ने बताया कैसे बिना फायदे के भी लिया था बड़ा फैसला
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो को अब तक का सबसे बड़ा बिजनेस रिस्क करार दिया है। उन्होंने खुलासा किया कि जियो की शुरुआत एक ऐसा कदम था जो बिना किसी वित्तीय लाभ के बंद हो सकता था, लेकिन इसे भारत की डिजिटल क्रांति के नजरिए से उठाया गया।
मैकिन्से एंड कंपनी को दिए एक इंटरव्यू में अंबानी ने जियो की लॉन्चिंग को लेकर कई अहम बातें साझा कीं। उन्होंने कहा, “हमने अब तक जो सबसे बड़ा जोखिम उठाया है, वह जियो है। उस समय, हम अपना खुद का पैसा लगा रहे थे और मैं कंपनी का मेजॉरिटी शेयरहोल्डर था।”
बोर्ड को भी थी टेलीकॉम इंडस्ट्री की चिंता
अंबानी ने बताया कि रिलायंस के बोर्ड को उस वक्त टेलीकॉम सेक्टर की फाइनेंशियल फिजिबिलिटी को लेकर गंभीर शंकाएं थीं। सभी को डर था कि इस सेक्टर से कोई बड़ा रिटर्न नहीं आएगा। बावजूद इसके, यह फैसला कंपनी की फिलान्थ्रॉपिक फिलॉसफी यानी समाजसेवा आधारित सोच के तहत लिया गया।
उन्होंने कहा कि शुरुआत में इंडस्ट्री एनालिस्ट्स ने भी यह तर्क दिया था कि भारत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए तैयार नहीं है। लेकिन जियो ने इन सभी धारणाओं को तोड़ते हुए 2016 में धमाकेदार एंट्री की।
जियो ने बदली टेलीकॉम इंडस्ट्री की तस्वीर
2016 में लॉन्च के बाद जियो ने फ्री वॉयस कॉलिंग और सस्ते डेटा प्लान्स के जरिए पूरे टेलीकॉम सेक्टर को हिला दिया। इससे अन्य कंपनियों को भी कीमतों में कटौती और डिजिटल सर्विसेज को मजबूत करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
आज जियो भारत का सबसे बड़ा टेलीकॉम ऑपरेटर बन चुका है, जिसके पास 470 मिलियन से अधिक ग्राहक हैं। कंपनी अब 5G, क्लाउड कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी भविष्य की तकनीकों में भी तेजी से विस्तार कर रही है।
“सफलता का रास्ता है लोगों को प्रभावित करना” – मुकेश अंबानी
भविष्य की योजनाओं को लेकर अंबानी ने कहा कि आने वाले समय में सफल व्यापार वही होगा जो फ्यूचर टेक्नोलॉजी को अपनाने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा,
“हमारा हमेशा यही लक्ष्य रहा है कि हमारा बिजनेस दृष्टिकोण प्रभाव-आधारित हो।”
अपने पिता धीरूभाई अंबानी को याद करते हुए उन्होंने कहा,
“मेरे पिताजी कहा करते थे, अगर आप अरबपति बनने के लिए व्यापार शुरू कर रहे हैं, तो आप मूर्ख हैं। आप कभी सफल नहीं होंगे। लेकिन अगर आप एक अरब लोगों को प्रभावित करने के लिए व्यापार शुरू करते हैं, तो आपके पास सफलता का अच्छा मौका है — और पैसे तो साथ में आएंगे ही।”