• October 14, 2025

पहलगाम आतंकी हमले में शहीद शुभम द्विवेदी की अस्थियां प्रयागराज के संगम में विसर्जित

प्रयागराज, 3 मई 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले कानपुर के 31 वर्षीय व्यवसायी शुभम द्विवेदी की अस्थियां शनिवार, 3 मई 2025 को प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में विसर्जित की गईं। शुभम की पत्नी ऐशान्या द्विवेदी अपने परिजनों के साथ अस्थि कलश लेकर प्रयागराज पहुंचीं। इस दौरान ऐशान्या शुभम की तस्वीर को सीने से लगाए रहीं और बीच-बीच में भावुक होकर रो पड़ीं। परिवार और स्थानीय लोगों ने उन्हें सांत्वना दी, जबकि कर्मकांड कराने वाले पंडित भी इस दृश्य को देखकर भावुक हो गए।
विसर्जन का विवरण
शुभम के पिता संजय द्विवेदी ने बताया कि अस्थि कलश यात्रा शनिवार सुबह 6 बजे कानपुर से प्रयागराज के लिए रवाना हुई थी। यात्रा के दौरान फतेहपुर, खागा, और अन्य स्थानों पर लोगों ने शुभम को श्रद्धांजलि अर्पित की। दोपहर तक अस्थि कलश त्रिवेणी संगम पहुंचा, जहां हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार अस्थियों का विसर्जन किया गया। इस दौरान परिवार के सदस्यों और स्थानीय लोगों की उपस्थिति में शुभम की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।
ऐशान्या ने विसर्जन के समय शुभम की एक शर्ट और उनकी तस्वीर को गले से लगाए रखा, जो उन्होंने हमले के बाद से नहीं उतारी थी। यह दृश्य सभी के लिए हृदयविदारक था। परिवार के एक सदस्य ने बताया कि ऐशान्या ने कहा, “शुभम हमेशा मेरे साथ हैं, और मैं चाहती हूं कि उनकी यादें और बलिदान को देश हमेशा याद रखे।”
पहलगाम आतंकी हमले की पृष्ठभूमि
शुभम द्विवेदी, जो 12 फरवरी 2025 को ऐशान्या से शादी के बाद अपनी दूसरी कश्मीर यात्रा पर थे, 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसारन घाटी (मिनी स्विटजरलैंड) में आतंकी हमले का शिकार हो गए। वे अपनी पत्नी और साली के साथ घुड़सवारी के लिए गए थे, जब आतंकियों ने उनसे उनकी धार्मिक पहचान पूछी। शुभम ने जवाब दिया कि वे हिंदू हैं, जिसके बाद आतंकियों ने उनके सिर में गोली मार दी। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर में सबसे घातक हमलों में से एक था।
ऐशान्या ने बताया कि आतंकियों ने उनसे कहा, “हम तुम्हें जिंदा छोड़ रहे हैं ताकि तुम मोदी को यह बता सको।” इस घटना ने न केवल शुभम के परिवार को सदमे में डाल दिया, बल्कि पूरे देश में आक्रोश की लहर पैदा कर दी।
परिवार की मांग: शहीद का दर्जा
शुभम की पत्नी ऐशान्या और परिवार ने सरकार से शुभम को शहीद का दर्जा देने की मांग की है। ऐशान्या ने कहा, “लोग अक्सर आतंकी हमलों के पीड़ितों और उनके परिवारों को भूल जाते हैं, जैसे पुलवामा या 26/11 के पीड़ित। हम नहीं चाहते कि शुभम को भुलाया जाए।” उन्होंने यह भी बताया कि शुभम सबसे पहले गोली का शिकार हुए, और उनके चेहरे पर गंभीर चोटों के कारण परिवार अंतिम बार उनका चेहरा भी नहीं देख सका।
शुभम के चाचा ने कहा, “हमारे दिल में दुख के साथ-साथ गुस्सा भी है। अगर प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री हमसे मिलें, तो हम यह मांग उनके सामने रखेंगे।” इस मांग को लेकर सोशल मीडिया पर भी समर्थन देखा जा रहा है। एक एक्स पोस्ट में लिखा गया, “शुभम द्विवेदी ने आतंकियों के सामने हिंदू होने का गर्व दिखाया। उन्हें शहीद का दर्जा मिलना चाहिए।”
सरकारी और सामाजिक प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभम के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की थी। उन्होंने 23 अप्रैल 2025 को शुभम के पिता संजय द्विवेदी से फोन पर बात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। सीएम ने शुभम के पैतृक आवास पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा, “यह कायरतापूर्ण हमला अत्यंत दुखद है। यूपी सरकार परिवार के साथ पूरी प्रतिबद्धता से खड़ी है।” शुभम का अंतिम संस्कार 24 अप्रैल 2025 को कानपुर के ड्योढ़ी घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया गया था।
कानपुर के डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह और पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने परिवार से मुलाकात की और शुभम के शव को सम्मान के साथ कानपुर लाने में सहायता की। यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने भी परिवार को सांत्वना दी।
सामाजिक और क्षेत्रीय संदर्भ
शुभम की अस्थियों का विसर्जन ऐसे समय में हुआ है, जब उत्तर प्रदेश में कई अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं चर्चा में हैं। मुजफ्फरनगर में राकेश टिकैत के साथ जन आक्रोश रैली में हुई धक्का-मुक्की और सिसौली में चल रही भाकियू महापंचायत ने सामाजिक माहौल को गरम रखा है। रामपुर में त्रिवेणी शुगर मिल की बस हादसे में 21 कर्मचारी घायल हुए हैं, जबकि मेरठ में एक हेड कांस्टेबल पर पांच शादियों का आरोप लगा है। इसके अलावा, वाराणसी में मॉडल रोड परियोजना और UPSRTC की एसी बसों में 10% किराया छूट की घोषणा जैसे विकास कार्य भी सुर्खियों में हैं।
मौसम विभाग ने प्रयागराज सहित 58 जिलों में भारी बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है, लेकिन अस्थि विसर्जन के लिए संगम पर मौसम अनुकूल रहा। यह आयोजन महाकुंभ 2025 की तैयारियों के बीच हुआ, जो प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से शुरू होगा।
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Rama Niwash Pandey

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