• April 23, 2025

लखनऊ: शुगर की मरीज सास को चावल परोसने पर विवाद, बीजेपी नेता की पत्नी ने खुद को गोली मारकर की आत्महत्या

लखनऊ, 23 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार दोपहर एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां पारिवारिक विवाद के चलते एक महिला ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। यह घटना बख्शी का तालाब (बीकेटी) थाना क्षेत्र के नवीकोट नई बस्ती में हुई, जहां प्रॉपर्टी डीलर और बीजेपी नेता अतुल सिंह चौहान की पत्नी गुंजन सिंह (28) ने अपने पति की लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मार ली। इस घटना का कारण सास को चावल परोसने को लेकर हुआ विवाद बताया जा रहा है।
घटना का विवरण
पुलिस के अनुसार, मंगलवार दोपहर खाने के समय गुंजन ने अपने परिवार के लिए भोजन तैयार किया था, जिसमें चावल भी शामिल थे। अतुल सिंह की मां शोभा सिंह, जो शुगर की मरीज हैं, ने चावल परोसने पर आपत्ति जताई। इस बात को लेकर पहले सास-बहू के बीच कहासुनी हुई। विवाद तब और बढ़ गया जब अतुल ने अपनी मां का पक्ष लेते हुए गुंजन से कहा, “मां को शुगर है, तुम्हें चावल नहीं बनाना चाहिए था।” यह बात गुंजन को इतनी नागवार गुजरी कि वह नाराज होकर अपने कमरे में चली गई।
कुछ ही देर बाद, गुंजन ने अपने पति की .32 बोर की लाइसेंसी पिस्टल निकाली और अपने पेट में गोली मार ली। गोली की आवाज सुनकर घर में मौजूद परिजन, जिनमें अतुल, उनकी मां शोभा सिंह, चाचा अमरेंद्र सिंह और भाई दीपांशु सिंह शामिल थे, कमरे की ओर दौड़े। वहां उन्होंने गुंजन को लहूलुहान हालत में पाया। परिजन तुरंत उन्हें नजदीकी अस्पताल ले गए, जहां से उनकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। लेकिन वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने गुंजन को मृत घोषित कर दिया।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
घटना की सूचना मिलते ही बीकेटी थाना पुलिस और अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (एडीसीपी) नॉर्थ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और फॉरेंसिक टीम को बुलाकर साक्ष्य एकत्र किए। कमरे की तलाशी के दौरान पुलिस को बिस्तर पर पड़ी .32 बोर की लाइसेंसी पिस्टल बरामद हुई, जिससे गोली मारी गई थी। पुलिस ने पिस्टल को जब्त कर लिया और अतुल सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की।
एडीसीपी नॉर्थ ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है। हालांकि, गुंजन के मायके वालों ने इस घटना को संदिग्ध मानते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के सटीक कारणों का पता चल सकेगा। फिलहाल, गुंजन के मायके वालों की ओर से कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है, लेकिन तहरीर मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
परिवार का दर्द और पृष्ठभूमि
गुंजन और अतुल सिंह की शादी 2016 में हुई थी। दंपती की एक आठ साल की बेटी, लवी सिंह, है, जो इस घटना के बाद गहरे सदमे में है। परिजनों के अनुसार, गुंजन और अतुल का वैवाहिक जीवन सामान्य था, लेकिन सास-बहू के बीच छोटे-मोटे विवाद होते रहते थे। इस घटना ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है। गुंजन के मायके वालों का कहना है कि उनकी बेटी ऐसी नहीं थी कि वह इतना बड़ा कदम उठा ले। वे इस मामले की गहन जांच की मांग कर रहे हैं।
अतुल सिंह एक प्रॉपर्टी डीलर होने के साथ-साथ बीजेपी के स्थानीय नेता भी हैं। इस घटना के बाद उनके घर में मातम छाया हुआ है। पड़ोसियों और स्थानीय लोगों ने भी इस घटना पर दुख जताया है। एक पड़ोसी ने कहा, “गुंजन बहुत ही मिलनसार और शांत स्वभाव की थी। हमें विश्वास नहीं हो रहा कि ऐसा कुछ हो सकता है।”
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
इस घटना ने सोशल मीडिया, खासकर एक्स पर, लोगों का ध्यान खींचा है। कई यूजर्स ने इस घटना को दुखद बताते हुए पारिवारिक विवादों को सुलझाने के लिए संवाद और समझदारी की जरूरत पर जोर दिया है। एक यूजर ने लिखा, “यह बहुत ही दुखद घटना है। छोटी-छोटी बातों को इतना तूल देना ठीक नहीं। परिवार में आपसी समझ होनी चाहिए।” वहीं, कुछ यूजर्स ने लाइसेंसी हथियारों के दुरुपयोग पर सवाल उठाए और सख्त नियमों की मांग की।
विशेषज्ञों की राय
मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं पारिवारिक तनाव और भावनात्मक असंतुलन का परिणाम हो सकती हैं। लखनऊ के मनोवैज्ञानिक डॉ. अनिल मिश्रा ने कहा, “पारिवारिक विवादों में छोटी-छोटी बातें कभी-कभी इतनी बढ़ जाती हैं कि लोग आवेश में गलत कदम उठा लेते हैं। ऐसी स्थिति में परिवार के सदस्यों को संयम बरतना चाहिए और जरूरत पड़ने पर काउंसलिंग लेनी चाहिए।”
सुरक्षा विशेषज्ञों ने भी इस घटना को लाइसेंसी हथियारों के गलत इस्तेमाल के रूप में देखा है। रिटायर्ड पुलिस अधिकारी संजय मेहरा ने कहा, “लाइसेंसी हथियारों को सुरक्षित रखना मालिक की जिम्मेदारी है। ऐसी घटनाएं हमें हथियारों के रखरखाव और उपयोग पर और सख्त नियम लागू करने की जरूरत को दर्शाती हैं।”
सामाजिक और कानूनी पहलू
यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज में बढ़ते तनाव और हथियारों के दुरुपयोग के मुद्दे को भी उजागर करती है। उत्तर प्रदेश में लाइसेंसी हथियारों की संख्या में वृद्धि के साथ ऐसी घटनाएं चिंता का विषय बन रही हैं। सरकार और प्रशासन को इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
इसके अलावा, पारिवारिक विवादों को सुलझाने के लिए सामुदायिक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम और काउंसलिंग सेंटर स्थापित करने की जरूरत है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते ऐसे विवादों को सुलझा लिया जाए, तो इस तरह की त्रासदियों से बचा जा सकता है।
Digiqole Ad

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *