• April 23, 2025

वाराणसी न्यूज़: बेनिया शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में किराया बकाया के चलते 30 दुकानें सील, नगर निगम की बड़ी कार्रवाई

वाराणसी, 22 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक राजधानी वाराणसी में नगर निगम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए बेनियाबाग स्थित ‘बेनिया शॉपिंग कॉम्प्लेक्स’ की सभी 30 दुकानों को किराया बकाया होने के कारण सील कर कब्जे में ले लिया। यह कार्रवाई 21 अप्रैल 2025 को की गई, जिसने शहर के व्यापारिक समुदाय में हड़कंप मचा दिया। नगर निगम के इस कदम को बकाया वसूली और अनुशासन कायम करने की दिशा में एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
कार्रवाई का विवरण
नगर निगम वाराणसी के अधिकारियों ने बताया कि बेनिया शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, जो बेनियाबाग क्षेत्र में एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र है, में लंबे समय से दुकानदारों द्वारा किराया जमा नहीं किया जा रहा था। इस कॉम्प्लेक्स में भूतल पर 16 दुकानें और प्रथम तल पर 14 दुकानें हैं, जिनका कुल बकाया किराया लगभग 24.50 लाख रुपये तक पहुंच गया था। बकाया राशि की वसूली के लिए नगर निगम ने दुकानदारों को कई बार नोटिस जारी किए, लेकिन भुगतान में लगातार देरी और अनदेखी के चलते अंततः यह कठोर कदम उठाना पड़ा।
नगर निगम की टीम ने सोमवार को सुबह से ही कार्रवाई शुरू की। अधिकारियों के साथ पुलिस बल भी मौके पर मौजूद था ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था को रोका जा सके। एक-एक कर सभी 30 दुकानों पर ताले जड़ दिए गए, और दुकानों को नगर निगम के कब्जे में ले लिया गया। इस कार्रवाई के दौरान कुछ दुकानदारों ने विरोध करने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन की सख्ती के आगे उनकी एक न चली।
दुकानदारों का पक्ष
सील की गई दुकानों के दुकानदारों का कहना है कि वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, जिसके कारण किराया जमा करने में देरी हुई। कुछ दुकानदारों ने दावा किया कि नगर निगम ने उन्हें पर्याप्त समय नहीं दिया और अचानक कार्रवाई कर दी। एक दुकानदार, रमेश कुमार (बदला हुआ नाम), ने बताया, “हम पिछले कुछ महीनों से व्यापार में मंदी का सामना कर रहे हैं। किराया जमा करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन इतनी बड़ी राशि एक साथ जमा करना मुश्किल था। नगर निगम को हमें कुछ और समय देना चाहिए था।”
दूसरी ओर, कुछ अन्य दुकानदारों ने आरोप लगाया कि नगर निगम ने नोटिस देने में पारदर्शिता नहीं बरती और कार्रवाई से पहले कोई अंतिम चेतावनी नहीं दी गई। हालांकि, नगर निगम के अधिकारियों ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि सभी दुकानदारों को कई बार लिखित और मौखिक रूप से सूचित किया गया था।
नगर निगम का रुख
नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बेनिया शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में किराया बकाया का मामला कई वर्षों से लंबित था। “हमने दुकानदारों को बार-बार मौका दिया, लेकिन कुछ लोग जानबूझकर किराया जमा नहीं कर रहे थे। यह नगर निगम की आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, और इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। इस कार्रवाई का मकसद न केवल बकाया वसूलना है, बल्कि अन्य दुकानदारों को भी समय पर किराया जमा करने के लिए प्रेरित करना है,” उन्होंने कहा।
अधिकारी ने यह भी बताया कि सील की गई दुकानों को तब तक नहीं खोला जाएगा, जब तक कि बकाया किराया पूरी तरह से जमा नहीं हो जाता। इसके अलावा, नगर निगम भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए एक सख्त नीति लागू करने पर विचार कर रहा है, जिसमें किराया भुगतान के लिए समय-सीमा और दंड का प्रावधान शामिल होगा।
स्थानीय व्यापार पर प्रभाव
बेनिया शॉपिंग कॉम्प्लेक्स वाराणसी के बेनियाबाग क्षेत्र में एक व्यस्त व्यापारिक केंद्र है, जहां कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स, किराना, और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं की दुकानें हैं। इन 30 दुकानों के सील होने से न केवल दुकानदारों, बल्कि उनके कर्मचारियों और संबंधित आपूर्तिकर्ताओं पर भी आर्थिक प्रभाव पड़ा है। स्थानीय व्यापारी संघ ने इस कार्रवाई पर चिंता जताई है और नगर निगम से दुकानदारों को राहत देने की मांग की है।
संघ के एक प्रतिनिधि ने कहा, “हम नगर निगम के अधिकारों का सम्मान करते हैं, लेकिन इस तरह की एकतरफा कार्रवाई से छोटे व्यापारियों का नुकसान होता है। हम मांग करते हैं कि दुकानदारों को किस्तों में किराया जमा करने की सुविधा दी जाए और दुकानों को जल्द से जल्द खोला जाए।”
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस कार्रवाई ने वाराणसी में सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी चर्चा को जन्म दिया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, विशेष रूप से X पर, लोग इस कार्रवाई को लेकर अपनी मिली-जुली प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग नगर निगम के इस कदम को सही ठहरा रहे हैं, उनका कहना है कि नियमों का पालन करना सभी की जिम्मेदारी है। वहीं, कुछ अन्य लोगों ने इसे छोटे व्यापारियों के खिलाफ सख्त कदम बताते हुए आलोचना की है।
स्थानीय राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे को उठाना शुरू कर दिया है। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि नगर निगम ने कार्रवाई से पहले दुकानदारों के साथ उचित संवाद नहीं किया और यह कदम केवल दिखावे के लिए उठाया गया है। दूसरी ओर, सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने नगर निगम का समर्थन करते हुए कहा कि शहर के विकास के लिए राजस्व वसूली जरूरी है।
भविष्य की योजनाएं
नगर निगम ने संकेत दिए हैं कि यह कार्रवाई केवल शुरुआत है। शहर में अन्य व्यापारिक परिसरों और संपत्तियों पर भी बकाया किराया वसूलने के लिए इसी तरह की कार्रवाइयां की जा सकती हैं। इसके लिए एक विशेष अभियान शुरू करने की योजना है, जिसमें डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए किराया भुगतान को आसान बनाया जाएगा। साथ ही, बकाया राशि की निगरानी के लिए एक समर्पित टीम का गठन भी किया जा सकता है।
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