मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा भारत की विविधता में एकता की मिसाल
1 अप्रैल 2025 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक कार्यक्रम में भाषाओं के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि राष्ट्र को मजबूत बनाने में विभिन्न भाषाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस अवसर पर राजनीतिक नेताओं पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि कुछ नेता अपने स्वार्थ के लिए समाज की भावनाओं को भड़काने का काम कर रहे हैं।
भाषाओं का राष्ट्रीय एकता में योगदान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की विविधता में एकता की मिसाल प्रस्तुत करने वाली भाषाएं हमारे सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा हैं। इन भाषाओं के माध्यम से हम अपनी पहचान और संस्कृति को संरक्षित रखते हैं, जो राष्ट्र की एकता और अखंडता को सुदृढ़ करने में सहायक हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हिंदी, संस्कृत, उर्दू, पंजाबी, तमिल, तेलुगू जैसी भाषाएं हमारे समाज की विविधता को प्रतिबिंबित करती हैं और इन्हें बढ़ावा देना राष्ट्र निर्माण के लिए आवश्यक है।
राजनीतिक स्वार्थ और समाज में विभाजन
मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि कुछ राजनीतिक दल और नेता भाषाओं और जातियों के नाम पर समाज में विभाजन की कोशिश कर रहे हैं। उनका उद्देश्य केवल सत्ता प्राप्ति है, जिसके लिए वे समाज की भावनाओं से खेलते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं की पहचान करना और उनके मंसूबों को नाकाम करना हम सभी की जिम्मेदारी है। राजनीतिक लाभ के लिए समाज में दरार डालने का प्रयास देशहित में नहीं है।
सामाजिक एकता और समरसता की आवश्यकता
योगी आदित्यनाथ ने समाज के सभी वर्गों से अपील की कि वे एकजुट रहें और समाज में फैली नफरत और विभाजन की राजनीति से दूर रहें। सामाजिक समरसता और भाईचारे को बढ़ावा देना हम सभी का कर्तव्य है, ताकि राष्ट्र प्रगति की राह पर अग्रसर हो सके।
शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका
मुख्यमंत्री ने शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विद्यालयों और विश्वविद्यालयों को केवल डिग्री बांटने का केंद्र नहीं बनाना चाहिए, बल्कि उन्हें विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास का माध्यम बनाना चाहिए। शिक्षा के माध्यम से ही हम समाज में समानता और एकता स्थापित कर सकते हैं।
