• March 13, 2025

प्रधानमंत्री ने की गंगा आरती, बर्फ से ढके पहाड़ों को निहारा, अब हर्षिल में जनसभा

हर्षिल (उत्तराखंड), 5 मार्च 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के ऊंचे पर्वतीय क्षेत्र हर्षिल में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम के दौरान गंगा आरती में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच गंगा नदी के तट पर न केवल पूजा अर्चना की, बल्कि स्थानीय लोगों के बीच संबोधन भी किया। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण थी, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कई महत्वपूर्ण संदेश भी देने वाली थी।

गंगा आरती का ऐतिहासिक आयोजन

प्रधानमंत्री मोदी ने गंगा नदी के तट पर आयोजित की गई ऐतिहासिक गंगा आरती में भाग लिया। यह आयोजन विशेष रूप से इस कारण महत्वपूर्ण था क्योंकि यह गंगा के किनारे से जुड़ी सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक आस्था को पुनः संजीवित करने के उद्देश्य से किया गया था। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने गंगा के पवित्र जल का पूजन किया और नदी के संरक्षण के लिए अपने संकल्प को दोहराया।

प्रधानमंत्री मोदी ने आरती में भाग लेने के बाद अपने संबोधन में कहा, “गंगा हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा है। इस नदी ने न केवल भारत के तटों पर जीवन को संजीवित किया है, बल्कि यहां की जनता की आस्था और विश्वास की भी प्रतीक है। हम सभी का दायित्व है कि हम गंगा को स्वच्छ और निर्मल रखें।”

बर्फ से ढके पहाड़ों की ओर नज़र

गंगा आरती के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने पास के बर्फ से ढके पहाड़ों को देखा और उनका निरीक्षण किया। यह दृश्य विशेष रूप से आकर्षक था, क्योंकि हर्षिल के आसपास के पर्वतों पर बर्फ की चादर बिछी हुई थी, जो इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता को दर्शाती थी। प्रधानमंत्री ने पहाड़ों की अद्भुत सुंदरता की सराहना की और कहा, “यह क्षेत्र प्रकृति के अद्भुत रूप का प्रतीक है। बर्फ से ढके पहाड़, स्वच्छ जल, और शांति यहाँ की विशेषता है। हमें अपनी इस धरोहर को बचाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा।”

इसके साथ ही, उन्होंने हिमालय क्षेत्र के पर्यावरणीय संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार हिमालय के पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में कई योजनाएं लागू की गई हैं।”

हर्षिल में जनसभा

गंगा आरती और पहाड़ों का अवलोकन करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने हर्षिल में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस जनसभा में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, पर्यटक, और विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधि मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में न केवल हर्षिल बल्कि उत्तराखंड के समग्र विकास पर जोर दिया।

उन्होंने हर्षिल के क्षेत्रीय विकास में हो रहे परिवर्तनों का उल्लेख किया और कहा, “हर्षिल जैसे क्षेत्र अब भी देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल हो रहे हैं। यहां के विकास के लिए हमारी सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं, जिनमें सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, और पर्यटन से जुड़े प्रकल्प प्रमुख हैं।”

प्रधानमंत्री ने हर्षिल में सड़क और परिवहन अवसंरचना को बेहतर बनाने के लिए किए गए कार्यों का उल्लेख किया और कहा, “हमने यहां के सुदूर क्षेत्रों में भी बेहतर सड़क संपर्क की व्यवस्था करने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं। इससे न केवल स्थानीय लोगों को सुविधा होगी, बल्कि पर्यटकों के लिए भी यह क्षेत्र अधिक सुलभ होगा।”

पर्यावरण और पर्यटन का संतुलन

प्रधानमंत्री मोदी ने हर्षिल में स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार द्वारा किए गए प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “हर्षिल और उत्तराखंड के अन्य पहाड़ी क्षेत्र प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर हैं। लेकिन पर्यटन के साथ हमें पर्यावरण संरक्षण को भी ध्यान में रखना होगा। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना इन स्थलों को पर्यटन के लिए खोलें।”

प्रधानमंत्री ने खासतौर पर यह भी कहा कि पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने के लिए सरकार ने कई संरक्षण योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने विशेष रूप से गंगा और हिमालय क्षेत्र के संरक्षण के लिए प्रधानमंत्री नेशनल रिवर गंगा प्रोग्राम की सफलता की भी चर्चा की।

स्थानीय विकास पर जोर

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर स्थानीय जनकल्याण योजनाओं का भी जिक्र किया और कहा, “हमारी सरकार ने हर क्षेत्र में समान विकास सुनिश्चित करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। हर्षिल जैसे छोटे और दूरदराज के क्षेत्रों में भी विकास के अवसर पैदा हो रहे हैं। यहां के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध हो रहे हैं और साथ ही साथ हमारी सरकार ने स्थानीय कृषि और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भी कई योजनाएं बनाई हैं।”

उन्होंने महिला सशक्तिकरण और शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयासों की भी सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा, “हर्षिल में कई ऐसे छोटे व्यवसायों को बढ़ावा दिया गया है, जिनसे स्थानीय महिलाएं भी सशक्त हो रही हैं और उनके जीवन स्तर में सुधार हो रहा है।”

समापन

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के समापन पर स्थानीय लोगों से अपील की कि वे देश के विकास में अपना योगदान दें और अपनी धरोहर और संस्कृति की रक्षा करें। उन्होंने कहा, “हम सभी को मिलकर अपने देश को प्रगति की ओर ले जाना है। हर्षिल जैसे खूबसूरत स्थानों को हम केवल पर्यटकों के लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और संरक्षित बनाए रखेंगे।”

प्रधानमंत्री की यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण थी, बल्कि यह उत्तराखंड के पर्यटन, विकास और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

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