नारी पूज्या या भोग्या काव्य संकलन के लिए राम मोहन गुप्त सम्मानित
साझा काव्य संकलन ‘नारी पूज्या या भोग्या’ में महती भूमिका के लिए राम मोहन गुप्त को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया है। राम मोहन गुप्ता अपने लेखन के लिए इससे पहले भी कई बात सम्मानित हो चुके हैं।
नगर के सुपरिचित समाजसेवी, साहित्यकार राम मोहन गुप्त को नीलम पब्लिकेशन मुंबई द्वारा साझा काव्य संग्रह ‘नारी पूज्या या भोग्या’ को हाल में प्रकाशित किया गया। इसमें प्रकाशित रचनाओं ‘रही खुश जो मां और सृष्टि’ की अनुपम कृति के प्रकाशन, साहित्य साधना पथ पर निर्बाध गति से अग्रसर होने एवं संकलन प्रकाशन में सहयोग के लिए राम मोहन गुप्त को प्रशस्ति पत्र देकर संपादक डाॅ वेद प्रकाश दुबे द्वारा सम्मानित किया है। इससे पूर्व भी श्रीगुप्त इसी पब्लिकेशन के साझा काव्य संग्रह हिन्दी से हम, शब्दों का शिखर और शान ए तिरंगा में भी प्रकाशित और प्रशंसित हो चुके हैं।
राम मोहन गुप्त ”अमर” नाम से साहित्य सृजन कर रहे सेवानिवृत्त बैंक कर्मी हैं। प्रेरक प्रशिक्षक राम मोहन गुप्त इससे पहले भी अपने एकल काव्य संग्रह स्वप्न हुए साकार सहित कई साझा संकलनों में प्रकाशित और विभिन्न मंचों पर सम्मानित किए जा चुके हैं। राम मोहन गुप्त को प्राप्त उपरोक्त प्रशस्ति पर ईष्ट मित्रों एवं सुधी जनों ने हर्ष व्यक्त करते हुए उत्तरोत्तर प्रगति की कामना की है।




