गणतंत्र दिवस पर मायावती ने योगी सरकार को घेरा, बोलीं-दावों और जमीनी हकीकत में है बड़ा अन्तर
बसपा सुप्रीमो मायावती ने गणतंत्र दिवस पर योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार दावे के साथ ही विकास रिपोर्ट जरूर दे, ताकि जनता में आत्मविश्वास और उत्साह का संचार हो और साथ ही गणतंत्र दिवस समारोह केवल रस्म अदायगी न रहकर वास्तव में यादगार और ऐतिहासिक भी बन सके। वास्तव में जनहित और विकास के सरकारी दावों और जमीनी हकीकत में काफी अधिक अन्तर होने से ही जनता व सरकार के बीच विश्वास की कमी बढ़ती ही जा रही है।
मायावती ने गुरुवार को गणतंत्र दिवस पर देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को अपनी व पार्टी की ओर से हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डा. भीमराव अंबेडकर के मानवतावादी संविधान की जनहित, जनकल्याणकारी व समतामूलक मंशा के अनुरूप देश विकास हो। केंद्र और राज्य सरकारें भी सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की इसी पवित्र भावना से ही काम करके देश को आगे बढ़ाकर विश्व गुरु बनाएं, किन्तु इसके लिए बहुत जरूरी है कि वे हर साल इस मौके पर पूरी ईमानदारी से स्वयं अपना आकलन करके लोगों को जरूर बताएं कि उन्होंने गत एक वर्ष के दौरान किए गए अपने वादों व संकल्पों को कितना निभाया है।
पहले यह हाल कांग्रेस पार्टी की सरकार में था जो अब भाजपा की सरकार में भी लगातार जारी है। देश के लगभग 100 करोड़ लोगों को सम्मानजनक रोजी-रोजगार के अभाव में सरकारी अनाज पर ही निर्भर हो जाना यह साबित करता है कि देश के लोगों की आर्थिक हालत बेहतर होने के बजाय बिगड़ी है तथा विकास का सरकारी दावा ज्यादातर हवा-हवाई व छलावा है। ऐसे में देश कैसे प्रगति करेगा?
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का देश की आमजनता के जीवन पर क्या कोई बेहतर असर पड़ रहा है? क्या देश की पूंजी में विकास हो रहा है? क्या लोगों की क्रय शक्ति बढ़ रही है? क्या लोगों के पास अपना जीवन सही से व्यतीत करने के लिए अपनी कमाई बढी है या घटी है? सरकार जनता से कदम-कदम पर महंगी जीएसटी कर वसूल करके रिकार्ड जीएसटी टैक्स बटोरने को ही अपनी सफलता मान कर चल रही है, जबकि कुछ मुटठी भर लोगों को छोड़कर देश की समस्त जनता खासकर अपार गरीबी, बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी आदि के दुख-दर्द से त्रस्त है।
ऐसे में देश के लगभग 125 करोड़ अति-गरीबों की अमीर सरकार बनकर सरकार आखिर क्या साबित करना चाहती है। गणतंत्र दिवस पर जरूर सोचने वाली बात है। सरकार भी इस पर ज़रूर आत्म-चिन्तन करे तो बेहतर होगा। भारत, चीन को पछ़ाड़ कर, दुनिया का सबसे बड़ी आबादी वाला देश बनने वाला है, ऐसे में देश की समस्त जनता की सुख-शान्ति व तरक्की में ही देश का हित निहित और सुरक्षित है।