अब राज्य को बचाने के लिए संघर्ष करेगी यूकेडी : दिवाकर

प्रदेश के पूर्व कबीना मंत्री और उक्रांद के वरिष्ठ नेता दिवाकर भट्ट ने कहा कि यूकेडी ने पहले राज्य गठन के लिए लड़ाई लड़ी थी, अब एक बार फिर राज्य को बचाने के लिए लड़ाई लड़ेगी। शीघ्र ही यूकेडी गांव से जारी पलायन को रोकने और गांव में चिकित्सा, शिक्षा ओर रोजगार की मूलभूत सुविधाओं के लिए गांव के लोगों के साथ मिलकर संघर्ष करेगी। भट्ट ने यह बातें आज यहां प्रेस क्लब में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कही।
उन्होंने कहा कि राज्य के बाहर के लोगों को राज्य में तब तक रोजगार नहीं देना चाहिए, जब तक स्थानीय लोगों को पूरी तरह से रोजगार न मिल जाये। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के गांव को बचाने के लिए सबसे पहले पलायन को रोकने का कार्य करना है। उन्होंने कहा कि पलायन को रोकने के लिए एक बार फिर यूकेडी सड़कों पर उतरेगी साथ ही आगामी लोकसभा चुनावों में पार्टी पूरी ताकत के साथ लड़ाई लड़ेगी।
उन्हाेंने कहा कि वह स्वयं भी हरिद्वार लोक सभा सीट से चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे है। श्री भट्ट ने कहा कि उत्तराखण्ड की सबसे बड़ी सम्पदा जल व वन है, यदि जल का सदुपयोग किया जाये तो राज्य सम्पन्न हो सकता है, लेकिन आज भी यहां की बिजली महंगी दरों पर आम लोगों को दी जा रही है। राज्य गठन के बाद प्रदेश की जनता को क्या मिला इस पर अब चिंतन करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पार्टी की सबसे बड़ी कमजोरी यही रही कि हम गांव से उतरकर सड़क पर आ गये। अब पुनः हमें पार्टी को मजबूत करने के लिए गांव की ओर रुख करना होगा।
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष बलवंत सिंह सैनी, चौधरी ब्रजवीर, सुमित अरोड़ा, सुरेन्द्र सिंह, सरिता पुरोहित, रविन्द्र वशिष्ठ, हेमलता जोशी, राजकुमार चौहान, संजय, प्रदीप, कमल राणा, गोकुल राम आदि उपस्थित थे।
