पारित बिलों को राज्यपाल की मंजूरी में देरी का मामला, केंद्र सरकार व राज्यपाल कार्यालय को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने विधेयकों को मंजूरी देने में राज्यपाल की तरफ से जानबूझकर देरी मामले में केरल सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और केरल के राज्यपाल कार्यालय को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने 24 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
केरल सरकार ने राज्यपाल के खिलाफ दो याचिका दायर की हैं। पहली याचिका में सुप्रीम कोर्ट में केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें एक वकील की ओर से राज्यपाल द्वारा विधेयकों को मंजूरी देने में जानबूझकर देरी करने के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी गई थी। ये याचिका केरल हाई कोर्ट के एर्नाकुलम बेंच के 30 नवंबर 2022 के आदेश के खिलाफ दायर की गई है।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई दूसरी याचिका में केरल सरकार ने राज्यपाल को बिना किसी देरी के लंबित बिलों के निस्तारण का निर्देश देने की मांग करते हुए कहा है कि राज्यपाल उनके समक्ष प्रस्तुत विधेयक को उचित समय के भीतर निपटाने के लिए बाध्य हैं। केरल सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों पर विचार करने में देरी कर रहे हैं। साथ ही उनके द्वारा आठ से अधिक पब्लिक वेल्फेयर से जुड़े बिल पर विचार करने में अनुचित देरी करके राज्यपाल अपने संवैधानिक कर्तव्यों में विफल रहे हैं।
