• October 22, 2025

भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय संबंधों के सबसे मजबूत स्तंभों में से एक है साझेदारी: प्रधानमंत्री मोदी

 भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय संबंधों के सबसे मजबूत स्तंभों में से एक है साझेदारी: प्रधानमंत्री मोदी

PM addressing at the launch of ferry services between Nagapattinam, India and Kankesanthurai, Sri Lanka via video message on October 14, 2023.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि प्रगति और विकास के लिए साझेदारी भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय संबंधों के सबसे मजबूत स्तंभों में से एक है। प्रधानमंत्री ने शनिवार को वीडियो संदेश के माध्यम से नागापट्टिनम (भारत) और कांकेसंथुराई (श्रीलंका) के बीच नौका सेवाओं के शुभारंभ को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि भारत और श्रीलंका राजनयिक और आर्थिक संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत कर रहे हैं और नागापट्टिनम और कांकेसंथुराई के बीच नौका सेवा की शुरुआत संबंधों को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने कहा, “भारत अपने लोगों के पारस्परिक लाभ के लिए अपने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए श्रीलंका के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों की प्रगति और विकास के लिए साझेदारी को सशक्त माध्यम बताया और कहा कि हमारा दृष्टिकोण सभी तक विकास पहुंचाना है, किसी को भी पीछे नहीं छोड़ना है। श्रीलंका में भारतीय सहायता से कार्यान्वित परियोजनाओं ने लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। उन्होंने बताया कि उत्तरी प्रांत में आवास, पानी, स्वास्थ्य और आजीविका सहायता से संबंधित कई परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और कांकेसंथुराई हार्बर के उन्नयन के लिए समर्थन देने पर प्रसन्नता व्यक्त की।

उन्होंने कहा, “चाहे वह उत्तर से दक्षिण को जोड़ने वाली रेलवे लाइनों की बहाली हो; प्रतिष्ठित जाफना सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण; पूरे श्रीलंका में आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा शुरू करना; या डिक ओया के मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल में हम सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के दृष्टिकोण के साथ काम कर रहे हैं।”

भारत और श्रीलंका के बीच संस्कृति, वाणिज्य और सभ्यता के साझा इतिहास को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राचीन तमिल साहित्य में नागपट्टिनम और आसपास के शहर श्रीलंका सहित कई देशों के साथ समुद्री व्यापार के लिए जाने जाते हैं और पूम्पुहार के ऐतिहासिक बंदरगाह का उल्लेख एक केंद्र के रूप में किया जाता है। उन्होंने पट्टिनाप्पलाई और मणिमेकलाई जैसे संगम युग के साहित्य के बारे में भी बात की, जिसमें दोनों देशों के बीच नावों और जहाजों की आवाजाही का वर्णन है। उन्होंने महान कवि सुब्रमण्यम भारती के गीत ‘सिंधु नाधियिन मिसाई’ को भी याद किया, जिसमें भारत और श्रीलंका को जोड़ने वाले एक पुल का उल्लेख है। उन्होंने आगे कहा कि नौका सेवा उन सभी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को जीवंत बनाती है।

राष्ट्रपति विक्रमसिंघे की हालिया यात्रा पर प्रधानमंत्री ने कहा कि कनेक्टिविटी के केंद्रीय विषय के साथ आर्थिक साझेदारी के लिए संयुक्त रूप से एक विजन दस्तावेज अपनाया गया था। मोदी ने कहा, “कनेक्टिविटी का मतलब केवल दो शहरों को करीब लाना नहीं है। यह हमारे देशों को करीब, हमारे लोगों को करीब और हमारे दिलों को करीब लाता है।”उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कनेक्टिविटी व्यापार, पर्यटन और लोगों से लोगों के संबंधों को बढ़ाती है, साथ ही दोनों देशों के युवाओं के लिए नए अवसर भी पैदा करती है।

हाल ही में भारत द्वारा आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन पर प्रधानमंत्री ने भारत के वसुधैव कुटुम्बकम के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इसका अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने स्वागत किया है। उन्होंने रेखांकित किया कि इस दृष्टिकोण का एक हिस्सा पड़ोसी देशों के साथ प्रगति और समृद्धि साझा करने को प्राथमिकता देना है।

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Rama Niwash Pandey

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